Skip to Content

आने वाले राष्ट्रीय खेलों के लिए लंबी लकीर खींच गया उत्तराखंड, 24 स्वर्ण के साथ जीते 103 पदक

आने वाले राष्ट्रीय खेलों के लिए लंबी लकीर खींच गया उत्तराखंड, 24 स्वर्ण के साथ जीते 103 पदक

Closed
by February 14, 2025 News

14 February. 2024. Dehradun. उत्तराखंड में आयोजित 38वें राष्ट्रीय खेल इस बार व्यवस्थाओं से लेकर आयोजन तक लेकर लंबी लकीर खींचने वाले साबित हुए हैं। इस बार के राष्ट्रीय खेल पर्यावरण हितैषी कदमों से लेकर खिलाड़ियों की सुविधाओं और स्वास्थ्य की देखभाल को लेकर चर्चाओं मे रहे।

पदक तालिका में प्रदर्शन
-38 वें राष्ट्रीय खेलों से पहले इस आयोजन में उत्तराखंड का इतना शानदार प्रदर्शन कभी नहीं रहा। राज्य स्थापना के बाद जब-जब उत्तराखंड ने राष्ट्रीय खेलों में भाग लिया, तब-तब उसे मिलने वाले पदकों की संख्या दस से लेकर 19 तक रही है। इसी तरह, पदक तालिका में वह 13 वें स्थान से लेकर 26 वें स्थान के बीच में कहीं रहा है। यही हाल स्वर्ण पदकों का भी रहा है, जिसकी संख्या एक से लेकर अधिकतम पांच तक रही है। अब 38 वें राष्ट्रीय खेलों की बात कर लें, तो क्या कुल पदक, क्या स्वर्ण और क्या पदक तालिका की स्थिति, सभी में आमूलचूल परिवर्तन हुआ है। पदकों की कुल संख्या 103 पर पहुंची है। पदकों का सैकड़ा जड़ कर उत्तराखंड ने सबको चकित कर दिया है। इसी तरह, स्वर्ण पदकों की संख्या 24 रही है। पदक तालिका में सातवें स्थान पर आना, सचमुच कमाल का अनुभव है। पश्चिम बंगाल, पंजाब, ओडिसा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, आंध्र, जम्मू कश्मीर जैसे बडे़ राज्य पदक तालिका में उत्तराखंड से पीछे हैं।

छोटे राज्य ने दिखाया दम
उत्तराखंड जैसे अपेक्षाकृत छोटे राज्य को राष्ट्रीय खेलों की तैयारी के लिए बहुत कम समय मिला। सफल आयोजन किसी चुनौती से कम नहीं था, क्योंकि उत्तराखंड को राज्य बने सिर्फ 25 वर्ष हुए हैं। जिस पड़ोसी पर्वतीय राज्य हिमाचल के मॉडल को अपनाने की अक्सर बातें होती हैं, उसे राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी कभी नहीं मिली। मणिपुर और असम के बाद उत्तराखंड राष्ट्रीय खेल कराने वाला तीसरा हिमालयी राज्य बन गया है। वर्ष 2000 में उत्तराखंड के साथ राज्य का दर्जा हासिल करने वाले झारखंड ने वर्ष 2011 में राष्ट्रीय खेल कराए हैं, जबकि छत्तीसगढ़ मेजबानी मिलने के बावजूद इसका आयोजन नहीं करा पाया था। उत्तराखंड ने 38 वें राष्ट्रीय खेलों के लिए मजबूत आधारभूत ढांचा तैयार किया। अत्याधुनिक उपकरण मंगवाए। इस वजह से कई रिकार्ड भी टूटे। दस हजार खिलाड़ियों के लिए जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई।

ग्रीन गेम्स
राष्ट्रीय खेलों में सबसे अहम हरित पहल रही। ग्रीन गेम्स की थीम को अमल में लाने के लिए कई कदम उठाए गए। रायपुर में 2 .77 हेक्टेयर जमीन पर खेल वन तैयार किया गया, जहां पर पदक विजेताओं के नाम के 1600 पौधे लगाए जा रहे हैं। खेलों में जीतने वाले खिलाड़ियों के लिए पदक हों या मेहमानों के लिए आमंत्रण पत्र, सभी ई-वेस्ट से तैयार कराए गए। शुभंकर राज्य पक्षी मोनाल को बनाया गया। हरित जागरूकता के लिए स्पोर्ट्स वेस्ट मटीरियल के प्रतीक चिन्ह आयोजन स्थल पर प्रदर्शित किए गए। आयोजन स्थल पर एक स्थान से दूसरे स्थान तक आवाजाही के लिए ई-रिक्शे, साइकिल प्रयोग किए गए। इसके अलावा, सोलर पैनल के प्रयोग से लेकर पानी के लिए रीयूसबल वाटर बॉटल की व्यवस्था की गई। हरित पहल से इतर महिला स्वास्थ्य का संदेश देने के लिए महिला खिलाड़ियों को वैलकम किट में सेनेटरी नैपकीन व अन्य जरूरी सामान दिए गए। तीन बार इस्तेमाल किए जा चुके 250 लीटर तेल को बायो डीजल बनाने के लिए भेजा गया।

38 वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी को हमने पहले ही दिन से अपने लिए बड़ी उपलब्धि माना। इस आयोजन को भव्य रूप देने के लिए पूरे प्रयास किए गए। आधारभूत ढांचा तैयार किया गया और उच्चस्तरीय सुविधाएं जुटाई गईं। निश्चित तौर पर उत्तराखंड राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के बाद खेल के क्षेत्र में मजबूत होकर उभरा है। मै सफल आयोजन के लिए सभी को बधाई देता हूं।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री।

अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित उत्तराखंड के समाचारों का एकमात्र गूगल एप फोलो करने के लिए क्लिक करें…. Mirror Uttarakhand News

(नंबर वन न्यूज, व्यूज, राजनीति और समसामयिक विषयों की वेबसाइट मिरर उत्तराखंड डॉट कॉम से जुड़ने और इसके लगातार अपडेट पाने के लिए नीचे लाइक बटन को क्लिक करें)

Previous
Next
Loading...
Follow us on Social Media