उत्तराखंड विधानसभा से कर्मचारियों की बर्खास्तगी को हाईकोर्ट ने सही ठहराया, एकल पीठ ने लगाई थी रोक
24 Nov. 2022. Nainital. हाईकोर्ट की खंडपीठ ने इसी हाईकोर्ट की एकल पीठ के अदेश को निरस्त करते हुए उत्तराखंड विधानसभा से निकाले गए कर्मचारियों के बर्खाश्तगी आदेश को सही ठहराया है। खंडपीठ ने उत्तराखंड विधानसभा सचिवालय से बर्खास्त कर्मचारियों को एकलपीठ के बहाल किए जाने के आदेश को चुनौती देती विधान सभा की ओर से दायर विशेष अपीलों पर गुरुवार को सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश को निरस्त करते हुए विधान सभा सचिवालय के आदेश को सही ठहराया है।
कोर्ट ने कहा कि बर्खास्तगी के आदेश को स्टे नहीं किया जा सकता। विधान सभा सचिवालय की तरफ से कहा गया कि इनकी नियुक्ति काम चलाऊ व्यवस्था के लिए की गई थी। शर्तों के मुताबिक इनकी सेवाएं कभी भी बिना नोटिस व बिना कारण के समाप्त की जा सकती हैं, इनकी नियुक्तियां विधान सभा सेवा नियमावली के विरुद्ध की गई हैं।
पूर्व में एकलपीठ ने अध्यक्ष के इस आदेश पर रोक लगा दी थी, इस आदेश को आज खंडपीठ में चुनौती दी गयी। खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश को निरस्त कर दिया, विधान सभा अध्यक्ष के आदेश को सही ठहराया है।
दरअसल बैकडोर भर्तियों का मामला सामने आने के बाद उत्तराखंड सरकार ने विधानसभा अध्यक्ष से आग्रह किया था कि वह विधानसभा में भर्ती हुए तमाम कर्मचारियों के मुद्दे पर फैसला लें और रितु खंडूरी ने तमाम कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया था। जिसके बाद कर्मचारी हाईकोर्ट गए थे और सिंगल बेंच ने मामले में स्टे दे दिया था। अब डबल बेंच ने मामले को सही करार देते हुए बर्खास्त कर्मचारियों को झटका दिया है।
इस मामले में विभिन्न विधानसभा अध्यक्षों के कार्यकाल के दौरान बैक डोर से भर्ती किए गए करीब 228 लोगों को बर्खास्त किया गया था। वहीं कर्मचारियों की ओर से केस लड़ रहे अधिवक्ता अवतार सिंह रावत ने कहा है कि इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी।
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