
मुख्यमंत्री ने किया 20.89 करोड़ रुपये की लागत से खटीमा-मेलाघाट सड़क पुनर्निर्माण कार्यों का शिलान्यास, खटीमा में किया 215 फ़ीट ऊँचे तिरंगे का लोकार्पण, ‘सशक्त बहना उत्सव’ में महिलाओं को किया प्रोत्साहित
16 October. 2025. Khateema. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को जनपद ऊधम सिंह नगर के खटीमा–मेलाघाट राज्य मार्ग (राज्य मार्ग संख्या 107) के पुनर्निर्माण कार्यों का विधिवत पूजा-अर्चना कर शिलान्यास किया। यह परियोजना ₹2089.74 लाख की लागत से बनाई जाएगी। इसके अंतर्गत 11.50 किलोमीटर लंबी सड़क का पुनर्निर्माण, केसी ड्रेनेज सिस्टम, सड़क सुरक्षा कार्य, रोड साइनएज की स्थापना, तथा टीबीएम एवं बीसी द्वारा सुदृढ़ीकरण कार्य शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सड़क केवल खटीमा क्षेत्र के विकास की धुरी नहीं है, बल्कि भारत-नेपाल सीमावर्ती संपर्क का भी महत्वपूर्ण मार्ग है। इस सड़क के सुधारीकरण से खटीमा और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों को न केवल सुगम यातायात सुविधा मिलेगी, बल्कि सीमावर्ती व्यापार, पर्यटन और शिक्षा से जुड़े अवसरों को भी नई दिशा मिलेगी।
उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण कार्यों के साथ-साथ भू-कटाव रोकने और स्थानीय जल निकासी व्यवस्था के सुधार पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा, ताकि सड़क लंबे समय तक टिकाऊ और सुरक्षित बनी रहे। उन्होंने कहा कि खटीमा अब शिक्षा का हब बन चुका है, जहाँ से प्रदेश ही नहीं बल्कि सीमावर्ती क्षेत्रों के विद्यार्थी भी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि उत्तराखंड का हर क्षेत्र सुगम, सशक्त और समृद्ध बने। विकास की हर परियोजना जनता के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है। खटीमा–मेलाघाट सड़क परियोजना भी इसी दृष्टि से एक मील का पत्थर साबित होगी।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के “कनेक्टिविटी ही विकास की रीढ़” के संकल्प को आगे बढ़ा रही है। इसी भावना के अनुरूप राज्य के प्रत्येक क्षेत्र में सड़कों का विस्तार और आधुनिकीकरण तेजी से किया जा रहा है। उन्होंने सड़कों को गढ्ढा मुक्त करने के निर्देश दिए।
कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री ने उपस्थित जनसमूह को आगामी दीपावली और अन्य त्योहारों की हार्दिक शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि पर्वों के अवसर पर राज्य की सुरक्षा, सौहार्द और स्वच्छता बनाए रखना हम सबकी साझा जिम्मेदारी है।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष अजय मौर्य, नगर पालिका अध्यक्ष रमेश चंद्र जोशी, दायित्वधारी फरजाना बेगम, अनिल कपूर डब्बू, शंकर कोरंगा, पूर्व विधायक डॉ प्रेम सिंह राणा, एवं अन्य लोग मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री ने खटीमा में किया 215 फ़ीट ऊँचे तिरंगे का लोकार्पण
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कंजाबाग तिराहा खटीमा में मुख्यमंत्री घोषणा के अंतर्गत कार्यदायी संस्था लघु सिंचाई विभाग द्वारा 47.42 लाख की लागत से स्थापित किए गए 215 फीट ऊँचे राष्ट्रीय ध्वज का विधिवत पूजा अर्चना कर फीता काटकर व ध्वजारोहण कर लोकार्पण किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह राष्ट्रीय ध्वज केवल एक प्रतीक नहीं, बल्कि हमारे देश की एकता, अखंडता और शौर्य का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि यह ध्वज यहां खड़ा होगा और हर नागरिक को देशभक्ति की भावना से प्रेरित करेगा।
इस अवसर पर लघु सिंचाई विभाग द्वारा प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम कुसुम) योजना के व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु सोलर प्रदर्शनी भी लगाकर किसानों व जनता को योजना की विस्तृत जानकारियां भी दी गई।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ‘सशक्त बहना उत्सव’ में महिलाओं को किया प्रोत्साहित: कहा, “महिलाएँ बनें आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड की अग्रदूत”
महिलाओं के साथ मट्ठा निर्माण, ऐंपण कला, सोल्डरिंग, धान कूटने और लौह उत्पाद निर्माण में सहभागिता
नारी: शक्ति, मुस्कान और प्रदेश की सफलता” — मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को टनकपुर के छीनीगोठ में आयोजित “मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव” में प्रतिभाग कर महिलाओं के आत्मविश्वास, उद्यमशीलता और पारंपरिक कौशल का उत्सव मनाया।
कार्यक्रम में पहुंचने पर मुख्यमंत्री ने महिलाओं और बेटियों के उत्साह को देखकर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि “महिलाओं की भागीदारी से ही ‘विकसित उत्तराखण्ड’ का सपना साकार होगा। राज्य सरकार महिलाओं को केवल सहयोग नहीं दे रही, बल्कि उन्हें सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।”
मुख्यमंत्री धामी ने उत्सव स्थल पर लगे विभिन्न लाइव स्टालों का अवलोकन किया और महिलाओं के श्रम व कौशल को प्रत्यक्ष रूप से अनुभव किया। उन्होंने न केवल प्रदर्शनी देखी, बल्कि महिलाओं की गतिविधियों में स्वयं भाग लेकर उन्हें प्रेरित किया।
मुख्यमंत्री धामी ने एक स्टाल पर जाकर महिलाओं के साथ पारंपरिक तरीके से मट्ठा बनाने की प्रक्रिया में भाग लिया। उन्होंने कहा कि पारंपरिक खाद्य पदार्थ हमारी संस्कृति और स्वास्थ्य दोनों से जुड़े हैं, इन्हें आधुनिक रूप में बाजार से जोड़ना समय की मांग है।
इलेक्ट्रिक कार्यों में संलग्न महिलाओं के स्टाल पर पहुँचकर मुख्यमंत्री ने महिलाओं के साथ दीपावली की लाइटों की सोल्डरिंग करते हुए “लोकल फॉर वोकल” के मंत्र को साकार रूप दिया। उन्होंने कहा कि “महिलाएँ अब केवल उपभोक्ता नहीं, बल्कि उत्पादक और उद्यमी बन रही हैं — यही आत्मनिर्भर भारत की असली तस्वीर है।” मुख्यमंत्री ने दीपावली पर महिलाओं द्वारा निर्मित अधिक से अधिक उत्पाद खरीदने का आह्वान किया।
मुख्यमंत्री ने कृषि आधारित गतिविधियों की सराहना करते हुए महिलाओं के साथ ओखल में धान कूटने की प्रक्रिया में भी सहयोग किया। उन्होंने कहा कि पारंपरिक कृषि पद्धतियाँ और हस्तनिर्मित खाद्य पदार्थ आज स्वास्थ्य, पर्यटन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था से सीधे जुड़ रहे हैं। उन्होंने इस दिशा में महिलाओं के योगदान को प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ बताया।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने स्थानीय व्यंजनों का स्वाद लिया और महिला समूहों द्वारा तैयार उत्पादों की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में उत्तराखण्ड के हर जिले में ऐसे उत्सवों के माध्यम से महिलाओं के उत्पादों को मार्केट लिंक उपलब्ध कराया जाएगा।
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