उत्तराखंड के किस गांव में माता सीता ने ली भू-समाधि, पढ़िए वहां अब बनेगा भव्य मंदिर
आप में से बहुत कम लोग जानते होंगे कि पौराणिक मान्यता के अनुसार उत्तराखंड में एक जगह ऐसी है जहां माता सीता ने भू समाधि ली थी, यह जगह उत्तराखंड के पौड़ी जिले के फलस्वाड़ी में है, इस जगह पर अब भव्य सीता माता का मंदिर उत्तराखंड सरकार बनाने जा रही है। मंदिर बनाने की घोषणा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने की है। CM Trivendra Singh Rawat ने कहा कि फलस्वाड़ी में माता सीता का भव्य मंदिर बनाने के लिए क्षेत्र के हर गांव के हर घर से एक शिला, एक मुट्ठी मिट्टी और 11 रुपये दान किया जाए ।
हालांकि मां सीता द्वारा धरती में समा जाने की कथाओं में विन्न स्थानों का वर्णन किया जाता है जिससे किसी भी स्थान को प्रमाणिकता कहना काफी मुश्किल है कि मां सीता इसी स्थान पर धरती में समा गई थीं। कुछ विद्वानों का मत है कि उत्तर प्रदेश में संत कबीर नगर जिले में गंगा किनारे एक स्थान में समाधि ली थी। कहा जाता है कि मां सीता ने तब देखा कि लव और कुश भगवान राम का मुकुट लेकर आए गए तो उनसे रहा नहीं गया और वह दुखी होकर धरती में समा गईं।वहीं सबसे लंबे टीवी धारावाहिक रामानंद सागर की रामायण की बात करें तो उसमें दिखाया गया है एक बार लव और कुश के बड़े होने पर एक बार भगवान राम ने मां सीता को अपने दरबार में बुलाया और पुन: अपने शुद्धता की शपथ लेने की बात कही। इस मां सीता बेहद दुखी हुईं और धरती मां से अपनी गोद में बैठाने की जगह मांगी। तभी भरे दरबार में धरती फट गई और मां सीता उनकी गोद में समा गईं। इस कहानी को सच माना जाए तो मां सीता अयोध्या में ही समाधि ली थी।
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