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समय कम हो तो सिर्फ ये पांच योग क्रियाएं आपको रखेंगी आजीवन स्वस्थ, नीतीश से जानें

समय कम हो तो सिर्फ ये पांच योग क्रियाएं आपको रखेंगी आजीवन स्वस्थ, नीतीश से जानें

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by June 8, 2018 Health/Fitness

तनाव भरी जीवन शैली में समय निकालकर योग करते हैं, तो शरीर में दिन भर ऊर्जा बरकरार रख सकते है। योग एक ऐसा मार्ग है जिसका कोई अंत नहीं है। यह मार्ग अनंत है। इसलिए योग के विषय में पूरी तरह से नहीं लिखा जा सकता है। अगर किसी के पास ज़्यादा समय ना हो तो नीचे की पाँच योग क्रिया और प्राणायाम आपको सुंदर और स्वस्थ बनाने के लिए काफ़ी है पहला है “कुंजल” । कुंजल का अर्थ है “हाथी” कुंजल क्रिया एक पेट सफाई की प्रक्रिया है जिसमे एक हाथी की तरह पानी को पीकर बाहर निकालना होता है जिससे पेट संबधित रोग नही होते है यह प्रक्रिया बहुत सरल होती है।

दूसरा है अनुलोम-विलोम प्राणायाम जिसको 5 से 15 मिनट तक करने से फेफड़े और हृदय शक्तिशाली होते है तथा सर्दी, जुकाम व दमा की शिकायतों से काफी हद तक बचा जा सकता है अनुलोम का अर्थ होता है सीधा और विलोम का अर्थ है उल्टा। यहां पर सीधा का अर्थ है नासिका या नाक का दाहिना छिद्र और उल्टा का अर्थ है-नाक का बायां छिद्र। अर्थात अनुलोम-विलोम प्राणायाम में नाक के दाएं छिद्र से सांस खींचते हैं, तो बायीं नाक के छिद्र से सांस बाहर निकालते है। इस प्राणायाम के अभ्यासी को वृद्धावस्था में भी गठिया, जोड़ों का दर्द व सूजन आदि शिकायतें नहीं होतीं है।

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तीसरा है “जलनेति”। जलनेति एक महत्वपूर्ण शरीर शुद्धि योग क्रिया है जिसमें पानी से नाक की सफाई की जाती और आपको साइनस, सर्दी, जुकाम , पोल्लुशन, इत्यादि से बचाता है। जलनेति में नमकीन गुनगुना पानी का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें पानी को नेटिपोट से नाक के एक छिद्र से डाला जाता है और दूसरे से निकाला जाता है। फिर इसी क्रिया को दूसरी नॉस्ट्रिल से किया जाता है। अगर संक्षेप में कहा जाए तो जलनेति एक ऐसी योग है जिसमें पानी से नाक की सफाई की जाती है और नाक संबंधी बीमारीयों से आप निजात पाते हैं। जल नेती क्रिया गर्मियों में मस्तिष्क को ठंडक पहुंचाती है जिससे तनाव और थकान तुरंत दूर होते हैं। इसे रोज करने से एकाग्रता बढ़ती है। माइग्रेन के दर्द में भी जल नेती से राहत मिलती है।

चोथा है “कपालभाति”। ‘कपाल’ का अर्थ है खोपड़ी (सिर) तथा भाति का अर्थ है चमकना। चूंकि इस क्रिया से सिर चमकदार बनता है अतः इसे कपालभाति कहते हैं। कपालभाति एक ऐसी सांस की प्रक्रिया है जो सिर तथा मस्तिष्क की क्रियाओं को नई जान प्रदान करता है। कपालभाती का सबसे बड़ा फायदा है मोटापे से परेशान लोगो के लिए रामबाण है कपालभाती वजन कम करता है इसके अलावा अगर आप अपने चेहरे की रौनक बढाना चाहते है तो भी कपालभाती मददगार साबित हो सकता है मात्र 3 हफ्तों में आप अपने चेहरे को खिलता देख सकेंगे।

आखिरी भ्रामरी प्राणायाम का नाम भारत में पाई जाने वाली बढ़ई मधुमक्खी से प्रेरित है जिसे भ्रामरी भी कहा जाता है। इस प्राणायाम को करने के पश्चात व्यक्ति का मन तुरंत शांत हो जाता है। इस प्राणायाम के अभ्यास द्वारा, किसी भी व्यक्ति का मन, क्रोध, चिंता व निराशा से मुक्त हो जाता है। यह एक साधारण प्रक्रिया है जिसको घर य ऑफिस, कहीं पर भी किया जा सकता है। यह प्राणायाम चिंता-मुक्त होने का सबसे अच्छा विकल्प है। इस प्राणायाम में साँस छोड़ते हुए ऐसा प्रतीत होता है की आप किसी बढ़ई मधुमक्खी की ध्वनि निकाल रहे हैं। जो इसके नाम का स्पष्टीकरण करता है। इसे करने से बुद्धि तेज होती है भ्रामरी प्राणायाम स्मरण शक्ति को बढ़ाता है जो बच्चो के लिए बहुत फायदेमंद है।


नीतीश जोशी, बागेश्वर, उत्तराखंड

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