सांसों का खेल है जिंदगी, जानिए सांसों के थोड़े व्यायाम से कैसे स्वस्थ रह सकते हैं ?
स्वस्थ जीवन कैसे जीएं? ये सवाल हमेशा किसी न किसी रुप में हमारे दिमाग में जरुर आता है। इसके लिए आज के युग में बहुत तरह की सेवाएं एवं सुविधाएं भी मौजूद है लेकिन शुरुआत कहां से करें कैसे करें ये भ्रम बना रहता है। हम सभी स्वस्थ जीवन जीना चाहते है। स्वस्थ और तनावमुक्त रहना चाहते है। इसका एक ही उत्तर है, सांसें लें और स्वस्थ जीवन जीएं। सांस लेना हमारे जीवन में एक सामान्य प्रकिया है जिसके लिए हमे किसी भी प्रकार से मेहनत नही करनी पड़ती है। ये अपने आप निर्धारित होती है। असल में ये भगवान का इंसान को दिया गया अनमोल खजाना है, जिसका कोई मूल्य नही, ये अनमोल है। ये बिल्कुल मुफ्त है। ऑक्सीजन के रुप में हम सांसें लेते हैं जो एक प्रकिया के तहत होता है। सांस के रुप में ऑक्सीजन को अंदर लेना और बाहर छोड़ना। ये जीवन चक्र को जीवित रखता है। एक इंसान किस परिस्थिति में है इसका अंदाजा उसकी सांस की गति से निर्धारित होता है। इसलिए स्वस्थ जीवन की इच्छा रखनेवाले लोगों के लिए सांसों से संबंधित अभ्यासों को नियमति रुप से करना चाहिए। हम अकसर ये सोच कर डर जाते है कि समय को कैसे मैनेज करेंगे। अगर आप वाकई में इच्छुक है और अपने आप को स्वस्थ रखना चाहते है तो ये बहुत ही आसान है लेकिन थोड़ी बहुत मेनहत तो आपको भी करनी ही पड़ेगी।
कुछ लोग सोचते है कि इसमें घंटों लग जाएंगे और हमारे पास समय ही नही है। ऐसा वास्तव में सही नही है। आप रोज 5 मिनट के साथ शुरु कर सकते है। फिर कुछ दिनों के बाद इसे बढ़ाकर 10 मिनट और फिर 15 मिनट और अपने समय के अनुसार अभ्यास कर सकते है। एक बात और। ऐसा नही कि अभ्यास के लिए सुबह का समय ही चाहिए। आप दोपहर, शाम को भी अभ्यास कर सकते है। बस खाने के 3 घंटे के बाद।
शुरुआत गहरी सांसों के साथ करें। किसी एक स्थान पर जहां पर आप सबसे ज्यादा अच्छा महसूस करते हैं, चुन लें। फिर आराम से बैठ जाएं। बस एक बात का ध्यान रखें कि कमर की पोजीशन सीधी रखें। अगर आप ओवरवेट है और बैठने में दिक्कत होती है तो चेयर का सहारा भी ले सकते है। अभ्यास बिस्तर पर पैर लटकाकर भी किया जा सकता है। सांस के लिए प्राणायाम से बेहतर कुछ भी नही है। सबसे पहले अभ्यास के लिए तैयार हों इसके लिए अपने ही घर में थोड़ा टहल लें, चहलकदमी कर लें। इस दौरान गहरी सांस लेते रहें। इसकी गिनती करते रहे। एक सांस अंदर और एक सांस बाहर के रुप में कर सकते है। इससे आपको अपने सांसों के चलने की गति के बारे में पता चलता रहेगा और आप इसे आसानी से बिना किसी मुश्किल कर पाएंगे।
दो, तीन मिनट करने के बाद अपने स्थान पर बैठ जाएं। आप अभ्यास के लिए नए है इसलिए शुरु शुरु में पांच मिनट गहरी सांस लें और बाहर छोड़ें। इस अभ्यास के बाद पांच मिनट के लिए जमीन, फ्लोर पर लेट जाएं। सांसों को नॉर्मल रुप से चलने दे। आंखें बंद कर लें या आंखों पर कोई पट्टी या कपड़ा वगैरह रख लें, जिससे की अगर अचानक आंखे खुले भी तो भी आपका ध्यान न भटके और आप जिस अवस्था में है उसका भरपूर लाभ उठा पाएं। फ्लोर पर सोते समय पर अपने सांसों को अदंर बाहर होते हुए महसूस करें। किसी प्रकार से कोई बल या फोर्स का प्रयोग न करें। सामान्य रुप से सांसो को चलने दें। उलटे क्रम में 27 से 0 तक सांस की चलने की प्रक्रिया की गिनती करेंं। इसके बाद एक मिनट तक सामान्य रहें और फिर धीरे से बांई करवट लेते हुए बैठ जाएं। आंखें इस पूरी प्रक्रिया के दौरान बंद रहेगी। अब अपने दोनो हाथों को आपस में रगड़े जबतक कि आपको दोनों हथेलियों के बीच गरमाहट न महसूस हो। फिर उसे अपने आंखों पर रखे। चेहरों पर रखे। फिर आंखों पर हाथों को रखे। धीरे धीरे आंखों को अपने हथेलियों के बीच खोलें।
आपका अभ्यास पूरा हुआ। अब आप तनावमुक्त है। आशा, उम्मीदों से भरे हुए अपने दिनचार्या के लिए पूरी तरह तैयार है। अगली बार फिर किसी और विषय पर मिलेंगे अपने जानकारी को आपके साथ साझा करेंगे। उम्मीद है मैं आप सबको स्वस्थ और सेहतमंद जीवन के लिए प्रेरित करने की कोशिश करता रहूंगा।
Vijay Kumar, Fitness Guru, Mirror