प्रदेश की सवा करोड़ जनता के सहयोग से उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाएंगे, विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दोहराया अपना संकल्प
4 November. 2025. Dehradun. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान आयोजित परिचर्चा में भाग लेते हुए, राज्य गठन की पृष्ठभूमि से लेकर वर्तमान तक का विस्तृत खाका खींचते हुए, सदन के सामने आगामी वर्षों में उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने का संकल्प दोहराया।
सभी मुख्यमंत्रियों का योगदान सराहा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि अटल सरकार के कार्यकाल में राज्य स्थापना के साथ ही केंद्र सरकार द्वारा राज्य को विशेष आर्थिक पैकेज प्रदान किया गया। जिसके माध्यम से पूर्व मुख्यमंत्री स्व नित्यानंद स्वामी और भगत सिंह कोश्यारी के नेतृत्व में राज्य में जनकल्याणकारी योजनाओं के साथ-साथ पर्यटन विकास, औद्योगिक विस्तार और आर्थिक सुधारों का नया दौर प्रारंभ हुआ। उसके बाद वर्ष 2002 में राज्य के प्रथम विधानसभा चुनाव के बाद स्व. नारायण दत्त तिवारी के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार बनी। उनके नेतृत्व में राज्य में प्रशासनिक स्थिरता स्थापित करने, औद्योगिक विकास को प्रोत्साहित करने तथा शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढाँचे के विस्तार की दिशा में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। वर्ष 2007 के बाद, तत्कालीन मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी का कार्यकाल ‘’सुशासन, पारदर्शिता और उत्तरदायित्व’’ की नीति पर केंद्रित रहा। इसके पश्चात डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ के मुख्यमंत्रित्व काल में भी कई ऐतिहासिक निर्णयों के माध्यम से राज्य का चहुंमुखी विकास सुनिश्चित किया गया। इसी क्रम में वर्ष 2012 में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में राज्य की जनता ने कांग्रेस पार्टी को सत्ता सौंपी, ये कालखंड राज्य के लिए राजनीतिक अस्थिरता, प्राकृतिक आपदाओं और विभिन्न चुनौतियों का दौर रहा। इसी दौरान केंद्र सरकार के सहयोग से केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्य प्रारंभ किए गए, जिन्होंने 2013 की भीषण आपदा के बाद श्रद्धालुओं के विश्वास को पुनर्स्थापित करने में ऐतिहासिक भूमिका निभाई। जबकि वर्ष 2017 में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को प्रचंड बहुमत से विजय प्राप्त हुई, जिसमें त्रिवेंद्र सिंह रावत को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के रूप में सेवा का अवसर मिला। उनके नेतृत्व में राज्य में सुशासन, पारदर्शिता और तकनीक आधारित प्रशासन की दिशा में अनेक महत्वपूर्ण सुधार प्रारंभ किए गए। उनके पश्चात तीरथ सिंह रावत ने मुख्यमंत्री पद का दायित्व संभालते हुए अल्प अवधि में ही हरिद्वार कुंभ जैसे विश्व के सबसे बड़े आध्यात्मिक आयोजन का कोरोना जैसी महामारी के बीच सफल आयोजन कराया।
कठिन चुनौतियों के बीच निभाई जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि जुलाई 2022 में कोरोना महामारी जैसी वैश्विक आपदा के दौर और विधानसभा चुनाव से मात्र सात माह पूर्व उन्हें राज्य के मुख्य सेवक के रूप में दायित्व संभालने का अवसर मिला। उस अल्पावधि में अनेकों चुनौतियाँ थीं, ऐसे में प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन और सहयोग से उन्होंने राज्य में चल रही विभिन्न नीतियों और योजनाओं का सफलतापूर्वक संचालन करते हुए राज्य को नई दिशा देने का प्रयास किया। जिसके परिणामस्वरूप वर्ष 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में उत्तराखंड की जनता ने राज्य के इतिहास में पहली बार किसी एक दल को दूसरी बार भारी बहुमत से विजयी बनाकर पुनः राज्य की सेवा करने का अवसर प्रदान किया। उसके बाद से सरकार राज्य आंदोलनकारियों के सम्मान और उनके सपनों को साकार करने के लिए कृत संकल्पित होकर कार्य कर रही है।
प्रगति के पथ पर उत्तराखंड
मुख्यमंत्री ने सरकार के काम काज का विस्तार से विवरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि राज्य में रोजगार एवं स्वरोजगार के साधनों को बढ़ाने के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों में 30 से अधिक नई नीतियों को बनाकर प्रदेश के समग्र विकास का विजन प्रस्तुत करते हुए राज्य को प्रगति के पथ पर आगे ले जाने का प्रयास किया गया है। इन प्रयासों से नीति आयोग द्वारा जारी वर्ष 2023-24 के सतत् विकास लक्ष्य इंडेक्स में हमारे प्रदेश को देश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। आज प्रदेश की बेरोजगारी दर राष्ट्रीय औसत से बेहतर है। आज राज्य की अर्थव्यवस्था का आकार 26 गुना बढ़ा है और प्रति व्यक्ति आय में 18 गुना बढ़ोतरी हुई है। राज्य गठन के समय हमारी अर्थव्यवस्था का आकार 14 हजार 501 करोड़ रुपए था, जो 2024-25 में बढ़कर 3 लाख 78 हजार 240 करोड़ रुपये होने जा रहा है। इसी प्रकार राज्य गठन के समय हमारे राज्य में प्रति व्यक्ति आय सिर्फ 15 हजार 285 रुपए थी, जो अब बढ़कर लगभग 2 लाख 74 हजार 64 रुपए के करीब है।
डबल इंजन सरकान ने गैरसैंण को बनाया ग्रीष्मकालीन राजधानी
उन्होंने कहा प्रधानमंत्री के नेतृत्व में डबल इंजन सरकार ने गैरसैंण को गीष्मकालीन राजधानी बनाने का काम किया। उन्होंने स्वयं गैरसैंण के सारकोट गाँव को गोद लिया है, प्रतिपक्ष के साथियों को वहां जाकर जायजा लेना चाहिए। राज्य सरकार ने वर्ष 2023 में ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट का आयोजन कर 3.56 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश समझौते किए।
किसान कल्याण के लिए समर्पित
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के किसानों के उत्थान एवं समृद्धि के लिए संकल्पित होकर निरंतर कार्य कर रही है। एक ओर जहां प्रदेश में किसानों को तीन लाख रूपए तक का ऋण बिना ब्याज के उपलब्ध कराई जा रही है, वहीं कृषि उपकरण खरीदेने हेतु ’’फार्म मशीनरी बैंक’’ योजना के माध्यम से 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी भी प्रदान की जा रही है।
तीर्थाटन के साथ पर्यटन पर जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि तीर्थाटन और पर्यटन हमारे राज्य की अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण आधार है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार राज्य में धार्मिक, साहसिक, ईको-टूरिज्म, वेलनेस टूरिज्म, एग्रो टूरिज्म और फिल्म पर्यटन जैसे विभिन्न क्षेत्रों को विकसित करने की दिशा में निरंतर प्रयासरत है। आज जहां एक ओर केदारखंड और मानसखंड के मंदिरों के सौंदर्यीकरण हेतु विभिन्न कार्य किए जा रहे हैं। वहीं ऋषिकेश और हरिद्वार को योग और आध्यात्मिक केंद्रों के रूप में वैश्विक स्तर पर प्रमोट करने के उद्देश्य से ऋषिकेश-हरिद्वार कोरिडोर पर भी कार्य किया जा रहा है।
देवभूमि बनी खेल भूमि
उन्होंने कहा कि सरकार देवभूमि को खेलभूमि के रूप में स्थापित करने के लिए भी निरंतर प्रयासरत है। इसी वर्ष राज्य में राष्ट्रीय खेलों का आयोजन सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। इन खेलों में उत्तराखण्ड ने 103 पदक जीतकर पहली बार राष्ट्रीय खेलों में 7वां स्थान प्राप्त कर एक नया इतिहास रचा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार मातृशक्ति के कल्याण और सशक्तिकरण के लिए भी संकल्पित होकर कार्य कर रही है। जिसके अंतर्गत सरकार ने राज्य में सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है।
इंफ्रा प्रोजेक्ट में तेजी
उन्होंने कहा कि आज ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना द्वारा पहाड़ों तक रेल पहुंचाने का वर्षों पुराना हमारा सपना साकार होने जा रहा है। इसके साथ ही प्रदेश में रोपवे विकास की दिशा में भी उल्लेखनीय कार्य हो रहे हैं। केंद्र सरकार के सहयोग से गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक, गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक रोपवे परियोजनाओं का निर्माण भी शीघ्र प्रारंभ होने जा रहा है। डबल इंजन सरकार’’ द्वारा उड़ान योजना के अंतर्गत प्रदेश में 18 हेलीपोर्ट्स विकसित किए जा रहे हैं, जिनमें से अब तक 12 हेलीपोर्ट्स पर हवाई सेवाएं सफलतापूर्वक प्रारंभ की जा चुकी हैं।
स्वास्य्ह सेवाओं का विस्तार
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार और सुदृढ़ीकरण के लिए प्रयासरत है। जहां एक ओर राज्य के प्रत्येक जिले में एक मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की दिशा में कार्य कर रहे हैं, वहीं देहरादून, हल्द्वानी और श्रीनगर मेडिकल कॉलेजों में सुपर स्पेशियलिटी विभाग स्थापित करने के साथ ही हल्द्वानी में राज्य के प्रथम आधुनिक कैंसर संस्थान का निर्माण कार्य भी चल रहा है। हालांकि अभी हमें स्वास्थ्य क्षेत्र में और अधिक काम करने की आवश्यकता है।
लंबित समस्याओं का निदान किया
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य गठन के पश्चात हमारे समक्ष ऐसी बहुत सी समस्याएं थीं, जिनका यदि समय पर समाधान हो जाता तो आज उत्तराखंड की स्थिति ओर अधिक मजबूत होती। इसी क्रम में मुख्यसेवक का दायित्व संभालने के पश्चात, उन्होंने देखा कि हमारे राज्य के युवा नकल माफियाओं के कारण दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। इसलिए सरकार ने देश का सबसे सख्त नकल कानून लाकर हमने नकल माफिया की रीढ़ तोड़ने का काम किया। इसी का परिणाम है कि पिछले साढ़े 4 चार वर्षों के अपने कार्यकाल में हम रिकॉर्ड 26 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियां प्रदान करने में सफल रहे।
साफ नीयत स्पष्ट नीति और पारदर्शी प्रक्रिया
मुख्यमंत्री ने कहा कि वो साफ नीयत, स्पष्ट नीति और पारदर्शी प्रक्रिया के साथ शासन चलाने का संकल्प लेकर कार्य कर रहे हैं। आज उत्तराखंड में न तो किसी घोटालेबाज़ को संरक्षण मिलता है, न किसी भ्रष्टाचारी को बख्शा जाता है। आज भ्रष्टाचारियों पर जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत कार्यवाही करते हुए प्रदेश के इतिहास में पहली बार आईएएस और पीसीएस स्तर के अधिकारियों सहित पिछले चार वर्षों में भ्रष्टाचार में लिप्त 200 से अधिक लोगों के खिलाफ कठोर कार्यवाही की है।
राज्यहित में लिए दूरगामी निर्णय
उन्होंने कहा कि सरकार ने राज्यहित में अनेक ऐसे ऐतिहासिक एवं दूरगामी निर्णय लिए हैं, जिनका सकारात्मक प्रभाव आने वाली पीढ़ियों तक महसूस किया जाएगा। सरकार ने देश में सबसे पहले “समान नागरिक संहिता” कानून लागू कर सभी नागरिकों को समान अधिकार और अवसर सुनिश्चित करने का काम किया। डेमोग्राफी बदलाव रोकने के लिए सरकार ने प्रदेश में जहां एक ओर ’’धर्मांतरण विरोधी कानून’’ बनाया, वहीं लव जिहाद, लैंड जिहाद, थूक जिहाद जैसे कुकृत्यों को रोकने के लिए भी सख्त कार्रवाई की। प्रदेश में दंगों की राजनीति करने वालों को सबक सिखाने के लिए सख्त दंगारोधी कानून बनाकर दंगों में होने वाले नुकसान की भरपाई भी दंगाईयों से ही करने का काम किया गया। साथ ही देवभूमि के मूल स्वरूप को पुर्नस्थापित करने के उद्देश्य से राज्य में सख्त भू-कानून लागू करने का ऐतिहासिक फैसला लेने का भी काम किया। सरकार ने राज्य में मदरसा बोर्ड को भी समाप्त करने का निर्णय लिया है।
उत्तराखंड को बनाएंगे देश का श्रेष्ठ राज्य
अपने संबोधन के अंत में मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड ने अपनी इन 25 वर्षों की यात्रा में अनेकों उतार चढ़ावों का सामना सफलतापूर्वक किया है, उन्हें पूर्ण विश्वास है कि प्रदेश की सवा करोड़ जनता के सहयोग से हम आने वाले वर्षों में उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने के अपने ’’विकल्प रहित संकल्प’’ को पूर्ण करने में अवश्य सफल रहेंगे।
राष्ट्रपति का जताया आभार
इससे पूर्व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित करने के लिए राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का सदन की ओर से आभार व्यक्त करने के साथ, देश के अमर शहीदों, राज्य आंदोलनकारियों और राज्य निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भी सदन की ओर से नमन किया।
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