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उत्तरायणी पर्व विशेष – जब कौथिग के दौरान अंग्रेजों के खिलाफ खड़ा हुआ था उत्तराखंड

इस वक्त उत्तराखंड और उत्तराखंड से बाहर रहने वाले लोगों में उत्तरायणी या मकर संक्रांति को लेकर खासा उत्साह है, मकर संक्रांति से सूर्य का उत्तरायण प्रारंभ हो जाता है । शास्त्रों के अनुसार उत्तरायण को देवताओं का दिन और सकारात्मकता का प्रतीक माना गया है , इसीलिए इस दिन जप, तप, दान, स्नान, श्राद्ध, तर्पण आदि धार्मिक क्रियाओं का विशेष महत्व है । उत्तरायणी का पर्व 14 जनवरी, सोमवार को है, इस मौके…

लुप्त हो रहे हैं पहाड़ के ये पुराने घर, आधुनिक लेंटरों ने ले ली है इनकी जगह, देखिये तस्वीरें

दोस्तों आज, हमारे उत्तराखंड की संस्कृति मे एक बहुत अहम् चीज है, लकड़ी के ऊपर वास्तुकला। जो हर किसी के घर के दरवाजों और खिड़कियों के ऊपर बहुत आसानी से देखने को मिल जाती थी। लेकिन जहाँ लकड़ी के घरों की जगह पक्के सीमेंट के घरों ने ले ली हैं वहीं आज हम इस महत्वपूर्ण कला को भी खोते जा रहे हैं। आज यदि आप उत्तरांचल के गावो मे भ्रमण करे तो आप पाएंगे…

उत्तराखंड- लौट आई गांवों की रंगत, ध्याणियों के झुमेलो, चौंफुला, दांकुणी के गीतों से

इन दिनों उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल के कई गांवों में पांडव नृत्य की धूम है, पलायन का दंश झेल रहे इन गांवों में काम से बाहर रह रहे भी लोग इन दिनों वापस आए हुए हैं उदाहरण के लिए सीमांत जनपद चमोली का किरूली गाँव। 10 बरस बाद गाँव मे पांडव नृत्य का आयोजन हो रहा है। पांडव नृत्य देखने के लिए गाँव की ध्याणी (शादी हुई बेटियाँ) बीते एक…

उत्तराखंड की संस्कृति को दर्शाता दिल्ली-एनसीआर का प्रसिद्ध महाकौथिग मेला शुरू, उमड़ रही है भीड़

दिल्ली एनसीआर के गाजियाबाद के इंदिरापुरम में उत्तराखंड समुदाय का महाकौथिग मेला शुरू हो गया है, इस मेले का उद्घाटन शुक्रवार को गाजियाबाद की डीएम रितु माहेश्वरी ने किया, क्योंकि इस मेले की थीम कुमाऊं के प्रसिद्ध जागेश्वर मंदिर पर रखी गई है और इस मेले का मंच जागेश्वर मंदिर को केंद्र में रखकर बनाया गया है, इसलिए मेले की शुरुआत उत्तराखंड के जागेश्वर मेले के मुख्य पुजारी हेमंत भट्ट…

शुरू होने वाला है उत्तराखंड का ऐतिहासिक बंड मेला, सीमांत गढ़वाल में है काफी उत्साह

सीमांत जनपद चमोली का ऐतिहासिक बंड मेला हर साल की तरह इस बार भी आगामी 20 दिसम्बर से पीपलकोटी के सेमलडाला मैदान में शुरू होगा। इस बार बंड कौथिग बेहद भव्य होने जा रहा है। 21 दिसम्बर को सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी मेले में शिरकत करेंगे। 7 दिन तक चलने वाले इस ऐतिहासिक मेले में जहां सांस्कृतिक विरासत के दीदार होंगे तो वहीं किसानो, भूतपूर्व सैनिक के…

इस सप्ताह का आपका राशिफल टैरो कार्ड के जरिए, 16 दिसंबर से 22 दिसंबर तक कैसा रहेगा समय

साप्ताहिक टैरो भविष्य फल  (   १६ दिसम्बर    –  २२ दिसम्बर    २०१८ )  नन्दिता पाण्डेय  ऐस्ट्रोटैरोलोजर , आध्यात्मिक गुरु, लाइफ़ कोच    मेष ( २२ मार्च – २१ अप्रैल )     कार्य क्षेत्र में अधिक बदलाव दिखाई देंगे एवं कुछ नए प्रोजेक्ट आपके समक्ष आ सकते हैं जिनका पैटर्न पिछले किए गए कार्यों से बिकल भिन्न होगा। आर्थिक वृद्धि रहेगी। सेहत में भी पोसिटिव बदलाव दिखलाई देंगे। आप जितना ख़ुद…

उत्तराखंड में पलायन से सूने गांवों को आजकल रोशन कर रहे पांडव नृत्य, आकर्षक मंचन

इन दिनों पहाड़ के गांवो में पांडव नृत्य की धूम है। गांवों में लंबे अरसे बाद रौनक लौट आई है। आपको बताते चलें की पांडव नृत्य उत्तराखंड के पहाड़ की पौराणिक सांस्कृतिक विरासत है। यहां के गाँवों में हर साल पांडव नृत्य का आयोजन किया जाता है। जो अनादि काल से पीढ़ी दर पीढ़ी आयोजित होते आ रहे हैं। उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग जनपद में पांडव नृत्य की अपनी अलग ही…

रविवार से शनिवार तक टैरो कार्ड के जरिये साप्ताहिक राशिफल,आचार्य नंदिता के साथ

साप्ताहिक टैरो भविष्य फल ( २ दिसम्बर – ८ दिसम्बर २०१८ ) नन्दिता पाण्डेय ऐस्ट्रोटैरोलोजर , आध्यात्मिक गुरु, लाइफ़ कोच मेष ( २२ मार्च – २१ अप्रैल ) आर्थिक उन्नति के शुभ संयोग बनेंगे एवं निवेश द्वारा सफलता मिलेगी। परिवार में एक नयी शुरुआत आपके लिए सुकून एवं शांति लाएगी। इस सप्ताह की गयी यात्राओं द्वारा भी आपको फ़ायदे होंगे। आप किसी उत्कृष्ट स्थान पर यात्रा करने का मन बना…

दिल्ली-एनसीआर के इंदिरापुरम में उत्तराखंड संस्कृति मेले महाकौथिग की तैयारी, सेट भी होगा विशेष

गाजियाबाद के इंदिरापुरम में उत्तराखंड की लोक संस्कृति और वहां की भाषा साहित्य को बढ़ावा देने के लिए हर बार की तरह इस बार भी महाकोथिक मेले का आयोजन किया जा रहा है, यह आयोजन 21 दिसंबर से 25 दिसंबर के बीच इंदिरापुरम के रामलीला मैदान में होगा, दिल्ली एनसीआर में रहने वाले उत्तराखंड समाज के लोगों के लिए यह आयोजन काफी महत्वपूर्ण होता है। आयोजन की तैयारी के लिए…

आज नीतीश के साथ जानिए उत्तराखंड के बागेश्वर के बारे में, पढ़िए इस तीर्थस्थान के बारे में

बागेश्वर उत्तराखण्ड राज्य में सरयू और गोमती नदियों के संगम पर स्थित एक तीर्थ है। बागेश्वर कुमाँऊ के सबसे पुराने नगरो में से एक है। यह काशी के समान ही पवित्र तीर्थ माना जाता है। यहा बागेश्वर नाथ का प्राचीन मंदिर है, जिसे स्थानीय जनता बाघनाथ के नाम से जानती है। जहा गोमती नदी और सरयू नदी का संगम होता है उस जगह में भगवान शिव को समर्पित बाघनाथ मंदिर…

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