उत्तराखंड में UCC लागू होने से क्या बदलेगा, समान नागरिक संहिता कानून ड्राफ्ट में क्या है सिफारिश
3 Feb. 2024. Dehradun. समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट समिति ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंप दिया है। समिति ने तलाक, तलाक के बाद भरण पोषण और बच्चों को गोद लेने के लिए सभी धर्मों के लिए एक कानून की संस्तुति की है।सभी धर्मों में विवाह की आयु लड़की के लिए 18 वर्ष अनिवार्य करने का प्रस्ताव किया गया है। बहुपत्नी प्रथा समाप्त कर एक पति पत्नी का नियम सभी पर लागू करने पर समिति ने बल दिया है। प्रदेश की जनजातियों को इस कानून की परिधि से बाहर रखा गया है। अब समिति से ड्राफ्ट मिलने के बाद इसे मंत्रिमंडल के समक्ष रखा जाएगा। सरकार ने समान नागरिक संहिता विधेयक पारित करने के लिए पांच फरवरी को विधानसभा का सत्र भी आहूत किया है।
सूत्रों के अनुसार समिति की प्रमुख संस्तुतियों में संपत्ति बंटवारे में लड़की का समान अधिकार सभी धर्मों में लागू रहेगा। अन्य धर्म या जाति में विवाह करने पर भी लड़की के अधिकारों का हनन नहीं किया जा सकेगा। लिव इन रिलेशनशिप के लिए पंजीकरण कराना आवश्यक होगा। समिति ने लव जिहाद, विवाह समेत महिलाओं और उत्तराधिकार के अधिकारों के लिए सभी धर्मों के लिए समान अधिकार की मुख्य रूप से संस्तुति की है।
समान नागरिक संहिता के प्रमुख बिंदु
- तलाक के बाद भरण पोषण का नियम एक होगा ।
- गोद लेने के लिए सभी धर्मों का एक कानून होगा ।
- संपत्ति बटवारे में लड़की का समान हक सभी धर्मों में लागू होगा ।
- अन्य धर्म या जाति में विवाह करने पर भी लड़की के अधिकारों का हनन नहीं होगा ।
- सभी धर्मों में विवाह की आयु लड़की के लिए 18 वर्ष अनिवार्य होगी ।
- लिव इन रिलेशनशिप के लिए पंजीकरण जरूरी होगा।
- प्रदेश की जनजातियां इस कानून से बाहर होंगी ।
- एक पति पत्नी का नियम सब पर लागू होगा, बहुपत्नी प्रथा होगी समाप्त।
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