सांप्रदायिक बारूद से सुलगता उत्तराखंड, अब महापंचायतों ने सरकार को चिंता में डाला
13 June. 2023. Dehradun. उत्तराखंड में अंदर ही अंदर सांप्रदायिक बारूद की आग सुलग रही है, उत्तराखंड में आम जनमानस से लेकर सोशल मीडिया तक आजकल इसी से जुड़े हुए विषय ट्रेंड कर रहे हैं। वहीं अब दोनों संप्रदायों की ओर से कड़ा रुख भी दिखाया जा रहा है, इसको देखते हुए सरकार के माथे पर बल भी पड़ गए हैं।
दरअसल उत्तराखंड में हाल के वर्षों में पहाड़ी इलाकों में मैदान से और दूसरे प्रदेशों से आकर कई संप्रदाय विशेष के लोगों ने जमीन खरीदी हैं, कई लोग यहां व्यवसाय कर रहे हैं, वहीं उत्तराखंड में कई इलाकों में लव जिहाद के मामले भी सामने आ रहे हैं, जहां संप्रदाय विशेष के कई युवक यहां की स्थानीय लड़कियों को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले जाने में कामयाब हुए हैं या कोशिश करते हुए पकड़े गए हैं।
जमीन खरीदने के मामले को यहां लैंड जिहाद का नाम दिया जा रहा है, जबकि स्थानीय लड़कियों को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले जाने के मामले को लव जिहाद का नाम दिया गया है। फिलहाल इस वक्त इन सारे विवादों का केंद्र उत्तरकाशी जिले का पुरोला कस्बा बना हुआ है।
एक महीने पहले यहां एक स्थानीय लड़की को संप्रदाय विशेष के युवक द्वारा भगाकर साथ ले जाने का मामला सामने आया था, हालांकि ऐसे कई मामले प्रदेश के दूसरे जिलों में भी सामने आए थे लेकिन यहां तनाव काफी बढ़ गया, स्थानीय लोगों के विरोध के कारण संप्रदाय विशेष के लोगों को कस्बा छोड़कर जाना पड़ा और अपने व्यवसाय बंद करने पड़े।
ऐसे मामलों में पुलिस अपनी ओर से कानून के अनुसार कार्रवाई कर रही है, वहीं राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी कई बार लैंड जिहाद और लव जिहाद को लेकर सख्ती की बात कह चुके हैं, लेकिन कानून व्यवस्था ना बिगड़े इसको लेकर प्रशासन काफी चिंतित है। जहां उत्तरकाशी के पुरोला कस्बे में पीएसी तैनात की गई है तो वहीं यहां ग्राम प्रधान संगठन 15 जून को महापंचायत बुलाने को लेकर अडिग है, शांति भंग ना हो इसके लिए प्रशासन की ओर से ग्राम प्रधान संगठन से ऐसा नहीं करने को कहा गया है, लेकिन वहीं दूसरी ओर संप्रदाय विशेष के लोगों ने देहरादून में महापंचायत बुलाने का फैसला लिया है। संप्रदाय विशेष के लोगों का कहना है कि राज्य के पहाड़ी इलाकों में संप्रदाय विशेष के लोगों के साथ गलत बर्ताव हो रहा है और उनको राज्य के पहाड़ी इलाकों से निकाला जा रहा है।
इस सबके बीच राज्य सरकार की ओर से जिला प्रशासन विभिन्न जिलों में सत्यापन अभियान भी चला रहा है, सत्यापन अभियान में जिलों में कई ऐसे लोग सामने आ रहे हैं, जो संप्रदाय विशेष से ताल्लुक रखते हैं, बाहरी प्रदेशों के रहने वाले हैं और उनके पास जरूरी कागजात भी नहीं है और वह स्थानीय स्तर पर अपने व्यवसाय चला रहे हैं। राज्य के पहाड़ी इलाकों में स्थानीय लोग इस सत्यापन अभियान का खूब स्वागत कर रहे हैं।
वहीं राज्य के आम जनमानस से लेकर सोशल मीडिया और स्थानीय मीडिया में आजकल लैंड जिहाद और लव जिहाद जैसे शब्द काफी आम हो गए हैं। इन सभी मसलों पर राजनीतिक दल भी अपनी रोटियां सेंकने से बाज नहीं आ रहे हैं। असदुद्दीन ओवैसी ने भी एक ट्वीट कर यहां की राजनीति को गरमा दिया है। य
ही कारण है कि उत्तराखंड में सांप्रदायिक बारूद धीरे-धीरे सुलग रहा है जो कहीं किसी वक्त पर एक बड़ी आग का रूप ले सकता है और कानून और व्यवस्था की जिम्मेदारी संभालने वाला प्रशासन इसको लेकर काफी चिंतित है।
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