Skip to Content

Uttarakhand ऐतिहासिक नानकसागर डैम लगभग सूख गया, पर्यटक, किसान और मछुआरे हुए मायूस

Uttarakhand ऐतिहासिक नानकसागर डैम लगभग सूख गया, पर्यटक, किसान और मछुआरे हुए मायूस

Closed
by June 24, 2022 News

24 June. 2022. Udham Singh Nagar. ऐतिहासिक गुरू की नगरी नानकमत्ता साहिब का पर्यटन स्थल नानकसागर डैम का जलस्तर पिछले सालों की तुलना में इस वर्ष काफी कम हो गया है। नानकसागर डैम में घुमने आने वाले पर्यटकों को दूर-दूर तक पानी नजर नही आने से निराशा हाथ लग रही है, वही नानगसागर के सुखने से सिंचाई नहरें भी प्रभावित हुई है। सिंचाई नहर से किसानों के खेतों को मिलने वाला पानी भी नही मिल रहा है। नानसागर डैम के पानी से उत्तराखण्ड के साथ ही यूपी के कई जिलों की सिंचाई होती है। जिससे सिंचाई विभाग को भी राजस्व प्राप्त होता है। उत्तराखण्ड के ऊधम सिंह नगर के नानकमत्ता साहिब में स्थित नानकसागर डैम कई एकड़ में फैला हुंआ है, यूपी सरकार के स्वामित्व वाला डैम पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र भी है। नानकसागर डैम की पहचान पानी से होती है, लेकिन इन दिनों डैम का अधिकतर हिस्सा सूख गया है, डैम के अंदर जहां तक नजर जाती है, वहां दूर-दूर तक सूखा दिखाई दे रहा है। डैम इन दिनों मैदान बन गया है, इसके साथ ही गाय, भैसें भी डैम के अंदर चारा खाती नजर आ रही हैं।

डैम के सूखने का कारण पहाड़ों पर बरसात न होना भी बताया जा रहा है, वहीं डैम से लगी प्रमुख नदियां कॉमन नदी, देवहा नदी, फावड़ी नदी का जलस्तर कम होने से डैम पर प्रभाव पड़ा है। नानकसागर डैम पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र के साथ ही उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड के किसानों के खेत में सिंचाई का काम भी करता है, लेकिन पिछले दो महीने से डैम में पानी न होने से सिंचाई नहरें भी सूखी पड़ी हैं। जिससें यूपी व उत्तराखण्ड के किसानों को धान की खेती के दौरान नहरों से पानी नही मिल पा रहा है।

नानकसागर डैम का पानी सुखने से पर्यटक, सिंचाई के साथ ही डैम पार गांव ऐचता विही, गिधौर, देवीपुरा, ज्ञानपुर गोढ़ी के ग्रामीणों को अपनी किश्ती से उनको इस पार से उस पार पहुंचाने वाले नॉव चलाने वालों पर भी रोजी रोटी का संकट आ खड़ा हुआ है। डैम का पानी सूखने से करीब 4 दर्जन नाव बाऊली साहिब के तट पर पानी के इंतजार में खड़ी हैं। नानक सागर डैम में पानी कम होने से मछली ठेकेदार के साथ मछुआरों को भी खासा असर पड़ा है। डैम में उत्तराखण्ड मत्सय विभाग लाखों रूपये का मछली का ठेका देता है, लेकिन पानी कम होने से मछली उत्पादन पर भी खासा असर पड़ा है तो वही दैनिक रूप से काम करने वाले मछुआरों को दिहाड़ी नही मिल पा रही है। सैकड़ो मछुआरों का डैम से जीवन यापन चलता है।

अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित उत्तराखंड के समाचारों का एकमात्र गूगल एप फोलो करने के लिए क्लिक करें…. Mirror Uttarakhand News

( उत्तराखंड की नंबर वन न्यूज, व्यूज, राजनीति और समसामयिक विषयों की वेबसाइट मिरर उत्तराखंड डॉट कॉम से जुड़ने और इसके लगातार अपडेट पाने के लिए नीचे लाइक बटन को क्लिक करें)

Previous
Next
Loading...
Follow us on Social Media