जीआईसी राईआगर में तीन दिवसीय कार्यशाला का समापन, छात्र-छात्राओं में वैज्ञानिक अवधारणाओं का विकास था मकसद
22 March. 2024. Pithoragarh. बेरिनाग, सोसाइटी फॉर हिमालयन एनवायरमेंट एंड जियोलॉजी (सेज) द्वारा स्टेम लैब जीआईसी राईअगर में तीन दिवसीय कार्यशाला का आज समापन हो गया। ज्ञात हो कि इस कार्यशाला को साइंस एंड टेक्नोलॉजी काउंसिल उत्तराखंड (यूकोस्ट) द्वारा इस आशय से सेज के माध्यम से प्रायोजित किया गया था कि छात्र-छात्राओं के अंदर का वैज्ञानिक बाहर आए, छात्र छात्राओं में वैज्ञानिक अवधारणाओं का विकास हो, वैज्ञानिक तथ्यों एवं तकनीकों को भौतिक रूप से जीवन में आत्मसात कर सकें।
कार्यशाला में विभिन्न सरकारी एवं प्राइवेट स्कूलों के 50 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभा किया। इस कार्यशाला में विज्ञान की अवधारणाओं, विभिन्न रासायनिक प्रतिक्रियाओं, रक्त तथा रक्त में मौजूद कोशिकाओं, हीमोग्लोबिन, ग्राम निगेटिव एवं पॉजिटिव, बैक्टीरिया संक्रमण, खगोल विज्ञान की अवधारणाओं का प्रयोग, एसिड से क्षार की प्रतिक्रिया, चूने के पानी में गैसों का प्रभाव, रात एवं दिन कैसे? चुंबकीय परिपथ एवं प्रतिक्रियाएं तथा जड़त्व के सिद्धांतों आदि को प्रयोग के माध्यम से पहले करके दिखाया गया। तत्पश्चात् छात्र-छात्राओं द्वारा इन्हें करके दिखाया गया। कार्यशाला में राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय बेरीनाग तथा खोजशाला बेरीनाग के विशेषज्ञों द्वारा प्रयोगों के माध्यम से विभिन्न विषयों पर व्याख्यान के साथ-साथ विज्ञान के प्रयोगों को छात्र-छात्राओं से कराया गया। विभिन्न गतिविधियों को मॉडलों के माध्यम से भी प्रस्तुत किया गया। जिसके प्रति छात्र-छात्राओं के मध्य खासा रुचि देखने को मिली।
कार्यशाला में अंतिम दिन मौजूद समस्त प्रशिक्षणार्थियों को खोजाशाला में भ्रमण कराया गया। कार्यक्रम के समापन के अवसर पर सजे संस्था के अध्यक्ष रत्नाकर पांडे ने इस कार्यक्रम की सफलता का श्रेय यूकोस्ट के निदेशक प्रोफेसर दुर्गेश पंत को दिया। उनका कहना था कि प्रोफेसर पंत की जागरूकता एवं दूरदर्शी सोच के फलस्वरूप ही हम इस कार्यशाला को संपन्न कर पाए हैं। प्रोफेसर पंत लगातार नई वैज्ञानिक सोच तथा तकनीक के विकास हेतु उत्तराखंड में विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से इस प्रकार की कार्यशालाओं हेतु प्रतिबद्ध रहते हैं।
उन्होंने प्रधानाचार्य जीआईसी राईआगर, स्टेम लैब कोर्डिनेटर पुनीत पंत, कार्यशाला के संचालन कर रहे सहयोगी सदस्य हिमांशु उपाध्याय, सहयोगी सदस्य विनोद पाठक एवं सहयोगी सदस्य राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय बेरीनाग के डॉ जे एन पंत एवं डॉ योगेश चंद्र जोशी तथा कार्यशाला में विशेष रूप से आमंत्रित विषय विशेषज्ञ के रूप में डॉ बी एस बिष्ट, डॉ कंचन भंडारी, डॉ वंदिता कांडपाल तथा खोजशाला के कमलेश जोशी का विशेष सहयोग देने हेतु आभार व्यक्त किया। उन्होंने छात्र-छात्राओं के साथ आए हुए राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सुकल्याडी के प्रधानाचार्य दीपक रौतेला, लिटिल एंजेल पब्लिक स्कूल बेरीनाग की श्रीमती ममता पांडे, हिमालया इंटर कॉलेज चौकड़ी के शिक्षक ध्रुव पंत, साधना पब्लिक स्कूल खतौली के प्रधानाचार्य पंकज पांडे, अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेज बेरीनाग का कार्यशाला में छात्र-छात्राओं की सहभागिता बढ़ाने हेतु आभार व्यक्त किया। हिमालय ग्रामीण विकास समिति के राजेंद्र बिष्ट एवं सुरेंद्र सिंह बिष्ट का समापन सत्र में पहुंचकर छात्र-छात्राओं का मनोबल बढ़ाने हेतु आभार व्यक्त किया। कार्यशाला को सफल बनाने हेतु जीआईसी राईआगर के प्रतिभागी छात्र-छात्राओं का तथा पूरे कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु जीआईसी राईआगर के एनसीसी कैडेट्स तथा समस्त शिक्षक गणों तथा शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का धन्यवाद अर्पित किया।
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