उत्तराखंड में राजनीतिक हड़कंप, दिल्ली से पहुंचे पर्यवेक्षक, बीजेपी कोर ग्रुप की बैठक, अटकलों का बाजार गर्म
Latest Update तकरीबन 1 घंटे तक चली उत्तराखंड बीजेपी के कोर ग्रुप की बैठक समाप्त हो गई है। इस बैठक में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ साथ बीजेपी केंद्रीय कमान की ओर से आए हुए पर्यवेक्षक छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने हिस्सा लिया। बैठक के बाद उत्तराखंड बीजेपी अध्यक्ष बंशीधर भगत ने मीडिया से बातचीत करते हुए इस बैठक पर लगाई जा रही सभी अटकलों को खारिज किया। भगत ने उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों को भी खारिज किया, भगत ने कहा कि त्रिवेंद्र सरकार सही काम कर रही है और सरकार के 4 साल पूरे होने वाले हैं, 4 साल पूरे होने के कार्यक्रम को लेकर ही बैठक में चर्चा की गई। हालांकि इस बैठक को लेकर अटकलों का बाजार काफी गर्म रहा।
Update 4.30 PM बीजेपी कोर ग्रुप की बैठक देहरादून के बीजापुर गेस्ट हाउस में शुरू हो चुकी है।
उत्तराखंड की राजनीति में अचानक अटकलों का बाजार गर्म हो गया है, दरअसल आज शनिवार को अचानक उत्तराखंड में बीजेपी कोर ग्रुप की बैठक बुलाई गई। इस बैठक में दिल्ली के बीजेपी केंद्रीय कार्यालय से पर्यवेक्षक ने भी हिस्सा लिया। अचानक बैठक बुलाने से अटकलों का बाजार गर्म हो गया।
यह बैठक देहरादून स्थित बीजापुर गेस्ट हाउस में हुई। जिसके लिए भाजपा के तीन सांसद नरेश बंसल, अजय भट्ट, रानी राज्यलक्ष्मी शाह के अलावा केंद्रीय पर्यवेक्षक रमन कुमार, संगठन के महामंत्री अजय कुमार, प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार भी देहरादून पहुंचे। वरिष्ठ भाजपा नेता और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह पर्यवेक्षक के रूप में बैठक में शामिल हुए।
गैरसेंण में चल रहे उत्तराखंड विधानसभा के बजट सत्र के खत्म होने के बाद शाम को इस बैठक में मुख्यमंत्री के साथ दूसरे मंत्रियों ने भी हिस्सा लिया। अचानक बुलाई गई इस बैठक को लेकर उत्तराखंड में इस वक्त राजनीतिक हलचल मची हुई है, बैठक को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं । बीजेपी का कोई भी नेता या प्रवक्ता इस बैठक को लेकर कोई भी जानकारी देने से बच रहा है। इसी महीने त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार को उत्तराखंड की सत्ता में 4 साल पूरे हो रहे हैं, उत्तराखंड मंत्रिमंडल में भी 3 पद खाली हैं, वहीं बीजेपी आलाकमान को समय-समय पर उत्तराखंड के कुछ विधायकों और मंत्रियों की ओर से शिकायत भी होती रही है, इस सबको देखते हुए इस बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। कुछ मंत्रियों को मंत्री पद से हटाकर संगठन के काम में भी भेजे जाने का अंदेशा लगाया जा रहा है, 1 साल बाद राज्य में चुनाव होने वाले हैं इसको देखते हुए कुछ विधायकों को मंत्री पद देने की भी अटकलें लगाई जा रही हैं।
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