Uttarakhand क्या बीजेपी सचमुच मुख्यमंत्री बदलने जा रही है, आखिर क्यों मची है हलचल
इस समय उत्तराखंड में राजनीतिक अटकलों का दौर काफी गर्म है, एक ऐसा राज्य जहां का इतिहास हर पार्टी की सरकार के दौरान मुख्यमंत्री को बीच में बदलने का रहा है वहां राजनीतिक अटकलों को इतनी आसानी से खारिज भी नहीं किया जा सकता। जब से उत्तराखंड राज्य बना है तब से अपनी पार्टी से बगावत कर दूसरी पार्टी में शामिल होने वालों का भी यहां एक लंबा इतिहास रहा है, चुनाव आते-आते यह बगावत और तेज हो जाती है। इस सब को देखते हुए शनिवार को उत्तराखंड में आनन-फानन में बुलाई गई बीजेपी कोर कमेटी की बैठक के बाद कयासों का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है।
शनिवार को हुई बैठक के बाद जहां एक ओर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने अपने बयान में साफ किया कि उत्तराखंड में किसी तरह का कोई नेतृत्व परिवर्तन नहीं होने जा रहा है, भगत ने यह कहा कि यह बैठक उत्तराखंड सरकार के 4 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा तय करने के लिए बुलाई गई थी। वहीं जिस तरह से इस बैठक को बुलाया गया उसको देखते हुए कयासों का बाजार गर्म है। कोर ग्रुप के सभी सदस्यों को आनन-फानन में जो जहां था वहां से देहरादून बुलाया गया। दिल्ली से छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर इस बैठक में शामिल होने के लिए पहुंचे, गैरसेंण में चल रहा उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र समय से पहले खत्म कर दिया गया और मुख्यमंत्री और उनके साथ मौजूद मंत्री और विधायक भी जल्दबाजी में देहरादून पहुंचे। इसके बाद देर शाम को मुख्यमंत्री ने अपने आवास पर सभी विधायकों की एक महत्वपूर्ण बैठक ली, हालांकि आधिकारिक तौर पर बताया गया कि यह बैठक सरकार के 4 साल के कार्यक्रमों को तय करने के लिए बुलाई गई है लेकिन कहीं ना कहीं विधायकों की इस बैठक को त्रिवेंद्र सिंह रावत के शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा गया।
दिल्ली से आए केंद्रीय पर्यवेक्षक और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह शनिवार देर शाम को ही दिल्ली वापस लौट गए, वहीं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सोमवार को गैरसेंण चले गए जहां उन्होंने बीजेपी के जिला अध्यक्षों की एक महत्वपूर्ण बैठक ली। इस समय देहरादून में सब कुछ शांत है लेकिन इस शांति के नीचे एक अजीब सा तूफान चल रहा है, बीजेपी में दूसरे गुटों के नेताओं के समर्थक अपने अपने नेता को भावी मुख्यमंत्री के रूप में बता रहे हैं, हालांकि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की ओर से राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की किसी भी तरह की खबर को झूठा करार दिया गया है लेकिन राज्य की राजनीति में कयासों का दौर जारी है। केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, राज्य में मंत्री सतपाल महाराज, बीजेपी के केंद्रीय प्रवक्ता अनिल बलूनी और राज्य में मंत्री धन सिंह रावत यह सभी वह नाम है जिनको कयासों में मुख्यमंत्री पद की दौड़ में बताया जा रहा है। वहीं बताया जा रहा है कि कुछ विधायक आलाकमान की थाह लेने के लिए दिल्ली की ओर भी निकल गए हैं।
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