Uttarakhand अब ओम पर्वत और छोटा कैलास तक टैक्सी से जायेंगे लोग, धारचूला से किराया भी तय
उत्तराखंड में प्रसिद्ध ओम पर्वत और छोटा कैलाश तक अब आप टैक्सी से भी सफर कर पाएंगे, पिथौरागढ़ जिले में धारचूला से चीन सीमा लिपुलेख तक सड़क बन जाने के बाद अब भारतीय सीमा पर बसे अंतिम गांव कुटी, बूंदी, गुंजी और गर्ब्यांग तक टैक्सी चलाई जाएगी। इसके लिए धारचूला में टैक्सी यूनियन का भी गठन कर लिया गया है।
टैक्सी चलने से अब लोग हिमालय की दुर्गम पहाड़ी में मौजूद ओम पर्वत और छोटा कैलाश तक पहुंच सकेंगे, आपको बता दें कि ओम पर्वत एक ऐसा पर्वत है जिस पर बर्फ ओम का आकार लेती है। इसके अलावा छोटा कैलाश, कैलाश पर्वत की प्रतिकृति है, दोनों ही जगहों को हिंदू धर्म में काफी पवित्र माना जाता है। यहां कहा जाता है कि ओम पर्वत पर जब बर्फ पड़ती है तो ओम की ध्वनि उत्पन्न होती है।
धारचूला में राम सिंह गर्ब्याल की अध्यक्षता में आदि कैलाश टैक्सी यूनियन का गठन कर लिया गया है, टैक्सी यूनियन ने बताया कि इस मार्ग पर सिर्फ इसी यूनियन की गाड़ियां चलेंगी। कूटी का किराया ग्यारह रुपये, गुंजी का 900, गर्ब्यांग का 800 और बूंदी का ₹500 तय किया गया है। दरअसल हाल ही में सीमा सड़क संगठन ने धारचूला से चीन सीमा लिपुलेख तक सड़क को पूरा कर लिया है। ये वही सड़क है जिस पर नेपाल में अपना विरोध दर्ज कराया था।
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