जोशीमठ में दरार वाले जर्जर भवनों को तुरंत ध्वस्त करने के आदेश, डेंजर जोन में आने वाले घरों को खाली करने के नोटिस भी जारी
9 Jan. 2023. Joshimath. जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव को देखते हुए हमारे लिए एक-एक मिनट बहुत महत्त्वपूर्ण है। प्रभावित क्षेत्र में रह रहे लोगों को अविलम्ब सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया जाए। मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सोमवार को सचिवालय में जोशीमठ भू-धंसाव के सम्बन्ध में शासन में उच्चाधिकारियों के साथ बैठक कर यह निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्र को अविलम्ब खाली कराए जाने के निर्देश दिए। साथ ही, लोगों को जिस स्थान पर शिफ्ट किया जा रहा है, वहां पेयजल आदि की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि पेयजल विभाग को भू-धंसाव प्रभावित क्षेत्र में टूटी पेयजल लाईनों, सीवर एवं विद्युत लाईनों आदि को भी दुरूस्त करने के निर्देश देते हुए कहा कि भू-धंसाव के कारण पेयजल की टूटी लाइनों से भू-धंसाव बढ़ने और विद्युत लाईनों से प्रभावित क्षेत्र में जानमाल का नुकसान न हो इसके लिए लगातार क्षेत्र पर नजर बनाए रखते हुए उच्चाधिकारियों को भी क्षेत्र में बने रहने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने भू-धंसाव क्षेत्र में टॉ इरोजन (Toe Erosion) को रोकने के लिए आज से ही कार्य शुरू किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि जिन भवनों में दरारें आ चुकी हैं और जर्जर हो चुके हैं, उन्हें शीघ्र ध्वस्त किया जाए ताकि वे भवन और अधिक नुकसान न करें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विशेषज्ञों आदि को प्रभावित क्षेत्र में पहुंचने में समय न लगे इसके लिए चॉपर से पहुंचाने की व्यवस्था की जाए। उन्होंने मैन पावर को बढ़ाकर कार्यां को शीघ्र पूर्ण किए जाने के भी निर्देश दिए।
इसके साथ ही जोशीमठ में डेंजर जोन में आने वाले घरों को खाली करने के लिए एसडीआरएफ की ओर से नोटिस दिए गए हैं, लोगों को 3 दिन का समय दिया गया है, साथ ही घर खाली करवाने में एसडीआरएफ पूरी मदद कर रही है। यहां करीब 500 घरों को खाली करवाना है, जिसमें से 150 के करीब लोगों को परिवारों को पुनर्वास किया जा चुका है और बाकी घरों को खाली करवाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, हालांकि कई घरों को लोग खाली करने को तैयार नहीं है।
वहीं जोशीमठ नगर क्षेत्र में हो रहे भू-धंसाव के दृष्टिगत जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण चमोली द्वारा जारी दैनिक रिपोर्ट के अनुसार जोशीमठ नगर क्षेत्र के कुल 9 वार्ड में 678 भवन प्रभावित हुए है। जबकि सुरक्षा की दृष्टि से होटल माउंट व्यू व मलारी इन होटल का संचालन ऐतिहातन बंद कर दिया गया है।
जिला प्रशासन ने शहर में रह रहे लोगों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए अबतक 81 परिवारों को विभिन्न अस्थायी स्थानों पर विस्थापित किया है। जिला प्रशासन नगर क्षेत्र में निरंतर नजर बनाए हुए हैं। प्रशासन द्वारा जोशीमठ नगर क्षेत्र अंतर्गत निवास करने योग्य 213 कमरों की क्षमता वाले कुल 16 भवनों को चयनित किया गया है जिसमे कुल 1191 लोगो को ठहराया जा सकता है। वहीं नगर पालिका क्षेत्र जोशीमठ के बाहर पीपलकोटी में जिला प्रशासन द्वारा अस्थायी आवासीय व्यवस्था हेतु 491 कमरों के कुल 20 भवनों को चयनित किया गया है जिसमे कुल 2205 लोगों को ठहराया जा सकेगा।
राहत कार्यो के तहत जिला प्रशासन द्वारा अबतक 53 परिवारों को 5 हजार रुपये की दर से कुल 2 लाख 65 हजार रुपये की धनराशि आवश्यक दैनिक घरेलू सामग्री क्रय करने हेतु वितरित की जा चुकी है। इसके अलावा प्रभावितों में 63 खाद्यान किट व 53 कंबल का राहत सामग्री के रूप में आतिथि तक वितरण किया जा चुका है।
इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग द्वारा निरंतर प्रभावितों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है जिसके तहत राहत शिविरों में रह रहे 50 से अधिक लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा चुका है। जिला मजिस्ट्रेट चमोली द्वारा आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 33 व 34 का प्रयोग करते हुए नगर क्षेत्र अंतर्गत 4 वार्डों को असुरक्षित घोषित करते हुए इन वार्डों को खाली करवाने का आदेश जारी किया गया है।
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