नवरात्रि के पहले दिन भारत की भूमि से शुरू हुए कैलाश पर्वत के पवित्र दर्शन, यात्रियों के एक दल ने पिथौरागढ़ की 18 हजार फीट ऊंची लिपुलेख पहाड़ियों से किए दर्शन
3 October. 2024. Pithoragarh. भारत की भूमि से ही पवित्र कैलाश पर्वत के दर्शन करने का शिव भक्तों का सपना आज पूरा हो गया है। नवरात्रि के पहले दिन यात्रियों के पांच सदस्यीय दल ने पिथौरागढ़ जिले में स्थित ओल्ड लिपुलेख से माउण्ट कैलाश के दर्शन किए। कैलाश पर्वत के दिव्य दर्शन से श्रृद्धालु भाव विभोर हो उठे। केन्द्र सरकार से हरी झण्डी मिलने के बाद पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली उत्तराखण्ड सरकार ने यात्रा के सफल संचालन के लिए कमर कस ली थी। कुमाऊं मण्डल विकास निगम ने इसके लिए बाकायदा एक टूर पैकेज घोषित किया है।
उत्तराखण्ड विकास परिषद की पहल पर कुमाऊं मण्डल विकास निगम ने माउण्ट कैलाश के दर्शन के लिए 5 दिवसीय टूर पैकेज बनाया है। इस पैकेज में भगवान शिव के दो अन्य धाम आदि कैलाश एवं ऊँ पर्वत के दर्शन भी सम्मिलित हैं। पैकेज के तहत यात्रियों के पहले 5 सदस्यीय ग्रुप ने आज गुरुवार को माउण्ट कैलाश के दर्शन किए। यात्रियों के ग्रुप को बीते बुधवार को हैलीकॉप्टर के माध्यम से पिथौरागढ़ के गूंजी नामक स्थान पर पहुँचाया गया। आज गुरुवार को सभी यात्रियों को सड़क मार्ग द्वारा ओल्ड लिपुलेख से ॐ पर्वत और माउण्ट कैलाश के दर्शन कराये गये। कल इन सभी यात्रियों को जौलिकाँग से आदि कैलाश के दर्शन करवाकर गूंजी में रात्रि विश्राम करवाया जायेगा। इसके बाद 5 अक्टूबर को सभी यात्रियों को हैलीकॉप्टर के माध्यम से वापस पिथौरागढ़ वापस पहुँचाया जायेगा।
इस यात्रा दर्शन कार्यक्रम में श्री नीरज मनोहर लाल चौकसे, सुश्री मोहिनी नीरज चौकसे, श्री अमनदीप कुमार जिन्दल, श्री केवल कृष्ण, श्री नरेन्द्र कुमार सम्मिलित हैं। इस यात्रा दर्शन को आये श्रद्धालु श्री चौकसे ने बताया कि भगवान शिव के इन पवित्र धामों के दर्शन कर उनको बेहद सुख की अनुभूति हुई है। माउण्ट कैलाश, आदि कैलाश एवं ऊँ पर्वत के अलौकिक सौंदर्य के दर्शन ने उनको मंत्रमुग्ध कर दिया है। वहीं अन्य श्रद्धालु श्री जिन्दल ने बताया कि भगवान शिव के इन धामों के दर्शन कर उनको मानो स्वर्ग की प्राप्ति हो चुकी है। प्रकृति के इस विहंगम दृश्य को देखते ही मन को अलग ही सुख की प्राप्ति हो रही है। उन्होंने इस यात्रा को संचालित करने के लिए सरकार के प्रति आभार प्रकट किया है।
पहले यात्रा के लिए पार करना पड़ता था चीन बार्डर
कोरोना काल से पहले तक केन्द्र सरकार कुमाऊं मंडल विकास निगम के माध्यम से कैलाश मानसरोवर यात्रा कराती थी। तब शिव भक्त लिपुपास से पैदल यात्रा कर चीन बार्डर पार कर कैलाश मानसरोवर के दर्शन करते थे। कोरोना काल के बाद से यह यात्रा बंद पड़ी हुई है। वहीं दूसरी ओर भारत चीन विवाद के कारण अभी तक चीन सरकार ने भारत सरकार को कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए अपनी सहमति नहीं दी है। लंबे समय से शिव भक्त कैलाश मानसरोवर की यात्रा करने को आतुर थे। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने भारत की भूमि से ही श्रद्धालुओं को पवित्र कैलाश पर्वत के दर्शन कराने का फैसला लिया।
ग्रामीणों ने खोजा व्यू प्वांइंट
पिथौरागढ़ जिले में स्थित स्थानीय ग्रामीणों ने 18 हजार फीट ऊंची लिपुलेख पहाड़ियों पर एक ऐसा व्यू प्वाइंट खोजा जहां से कैलाश पर्वत साफ दिखाई देता है। ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची अफसरों और विशेषज्ञों की टीम ने रोड मैप, लोगों के ठहरने की व्यवस्था, दर्शन के पॉइंट तक जाने का रूट सहित अन्य व्यवस्थाओं के लिए सर्वे किया। फिर, केन्द्र सरकार की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद शासन ने 15 सितंबर से ओल्ड लिपुपास को श्रद्धालुओं के लिए खोलने का फैसला लिया।
भारत की भूमि से ही शिव भक्तों को कैलाश पर्वत के दर्शन् होना बहुत ही सुखद है। मैं इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का आभार प्रकट करता हूं। हमारी सरकार सीमान्त गांवों में पर्यटन को बढ़ावा देकर स्थानीय निवासियों के पलायन की समस्या को रोकने की दिशा में कार्य कर रही है। भविष्य में इस यात्रा को और भी अधिक सुगम बनाने के लिए सुविधाओं को विकसित किया जाएगा। – पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखण्ड।
Uttarakhand Tourism launches Mount Kailash Darshan from Indian Soil.
First batch of 5 pilgrims pays homage to Mount Kailash from Lipulekh peaks at 18,000 ft.
Tourists won’t have to visit Tibet now. Religious Tourism will get a boost in border areas
Kumaon Mandal Vikas Nigam (KMVN) introduces 4 Nights/5 Days package.
Pithoragarh: According to holy scriptures, there are five abodes of Lord Shiva, out of which three – Kinnaur Kailash, Mani Mahesh and Shrikhand Mahadev are in Himachal Pradesh, Adi Kailash is in Uttarakhand and Mount Kailash is located in Tibet Autonomous Region of China.
After the cessation of Kailash Mansarovar Yatra in 2020, Shiva devotees have been waiting for an alternative to the Darshan of Mount Kailash. This has now been made possible, with the efforts of Govt. of Uttarakhand, ITBP and Border Roads Organisation. Uttarakhand Tourism conducted the first successful trip including Darshan of Mount Kailash, Adi Kailash and Om Parvat from Indian soil. The darshan of Mount Kailash was done from Old Lipulekh Peak from where the pilgrims could pay homage to their revered deity from Indian soil.
First batch of piligrms included pilgrims from Madhya Pradesh, Rajasthan, and Punjab
The first batch of pilgrims started on Gandhi Jayanti, 2nd October 2024 and witnessed the majestic Mount Kailash on 3rd October from Old Lipulekh Peak along with Om Parvat. The point from where Mount Kailash is clearly visible, was discovered a few months ago by a team of officials from Uttarakhand Tourism, BRO and ITBP; after which necessary preparations were made by the Uttarakhand Tourism department to start a package tour covering darshan of Mount Kailash, Adi Kailash and Om Parvat all from Indian soil.
Darshan of Adi Kailash and Om Parwat included in the package. Helicopter rides from Pithoragarh to Gunji and back.
The pilgrims will visit Adi Kailash from Gunji Pithoragarh on 4th October 2024 before returning to Pithoragarh. The package includes helicopter tickets from Pithoragarh to Gunji and back with accommodation at KMVN or homestays. Sh. Neeraj Manohar Lal Chowksey and Smt. Mohini Neeraj Chowksey from Bhopal, who were part of the first batch of 5 pilgrims were overwhelmed at the sight of the abode of their deity. Sh. Neeraj Chowksey expressed his gratitude towards the Govt. for opening of this route and said that will become a boon for Shiva devotees from all across the globe. Sh. Amandeep Kumar Jindal from Chandigarh thanked his good fortune and said that due to clear weather they could get very clear darshan of Mount Kailash from Old Lipulekh.
CM Dhami congratulates all the departments for making darshan of Adi Kailash & Om Parvat possible from Uttarakhand
Uttarakhand’s Chief Minister Shri Pushkar Singh Dhami mentioned that the opening of darshan of Mount Kailash from Indian soil reflects the commitment of the govt. and congratulated all departments associated with the project. He further mentioned that now Shiva devotees need not wait for their turn to visit the Kailash Manasarover Yatra and can pay their respects from Indian Territory. Tourism Minister, Sh. Satpal Maharaj hailed this discovery and successful conduct of the first trip as a historic event for Shiva devotees and mentioned that the Govt. of Uttarakhand is committed towards providing the pilgrims a unique and memorable experience. The 4 nights/5 days package costs Rs. 80,000 per tourist including GST and bookings can be made on Kumaon Mandal Vikas Nigam website –kmvn.in
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