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जानिए कौन हैं उत्तराखंड के सबसे उम्रदराज मतदाता, उम्र है 135 साल

जानिए कौन हैं उत्तराखंड के सबसे उम्रदराज मतदाता, उम्र है 135 साल

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by April 18, 2024 News

18 April. 2024. Nainital. उत्तराखंड में आगामी 19 अप्रैल को मतदान होना है, लोकसभा चुनाव की मतदाता सूची में कई मतदाता शतकवीर हैं लेकिन स्वामी परमानंद पुरी (Swami Parmanand Puri) ऐसे इकलौते वोटर्स हैं जिनकी उम्र 135 वर्ष है. स्वामी परमानंद पुरी का दावा है कि उत्तराखंड तो क्या पूरी दुनिया में उनके बराबर उम्र का कोई भी व्यक्ति नहीं है. वह कहते हैं कि संयमित जीवन, अनुशासन और खानपान ही उनकी लंबी उम्र का राज है.


मतदाता सूची हैं दर्ज हैं 135 साल – 
जब उनसे एक पूछा गया मतदाता सूची के मुताबिक आप सबसे अधिक उम्र (135) के मतदाता हैं. इस उम्र को कैसे प्रमाणित करेंगे? उन्होंने कहा मेरे पास अपनी वोटर आईडी है, जिसे निर्वाचन आयोग ने जारी किया है. (वोटर आईडी में 01-01-2013 को उनकी उम्र 124 वर्ष दर्शाई गई है। मतदाता सूची में उनका 
[ईपीआईसी नंबर एपीजी 022676], नाम स्वामी परमानंद पुरी उम्र 135 साल, पिता का नाम स्वामी विशुआनंद 57 भीमताल पार्ट नंबर 9, पार्ट सीरियल नंबर 346 सेक्शन नंबर 1 गुनियालेख दर्ज है.


लंदन में हुई स्कूली शिक्षा, जिला स्वास्थ्य अधिकारी नैनीताल रहे – 
आपको बतायें की स्वामी परमानंद पुरी समूची शिक्षा लंदन में पूरी हुई. वर्ष 1919 में लंदन स्थित ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से एमडी-एमएस करने के बाद वह भारत आ गए और वर्ष 1920 में स्वास्थ्य विभाग नैनीताल में जिला स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर कार्यभार ग्रहण किया. दस साल तक नौकरी करने के बाद 1930 में सांसारिक माया मोह को छोड़कर संन्यास ले लिया और तभी से संत का जीवन व्यतीत कर रहे हैं.

 
बताया लंबी उम्र का राज – 
स्वामी परमानंद पुरी ने बताया की संयमित जीवन, सादा भोजन, कार्य के प्रति समर्पण और अनुशासन ही उनकी लंबी उम्र का राज है। वह रोजाना सुबह दो बजे उठ जाते हैं. तीन बजे तक नित्यकर्म करने के बाद सुबह आठ बजे तक ईश्वर का ध्यान करते हैं. हिंदी और अंग्रेजी के अखबारों को पढ़ने के साथ-साथ आने वाले भक्तों से मिलते हैं. दोपहर में भोजन के बाद कुछ देर आराम करते हैं. रात में साढ़े दस बजे सो जाते हैं। उन्होंने कहा लम्बे जीवन जीने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को ईश्वर का स्मरण, सद विचार, सदमार्ग, दया धर्म का पालन करना चाहिए और जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए।

स्वामी परमानंद पुरी ने बताया की इस बार आवास से बाहर रहने की वजह से घर बैठे मतदान की सुविधा नहीं उठा पाया हूं। पोलिंग बूथ पर जाकर मतदान करने का मौका अभी है। शहर में रहा तो मतदान जरूर करूंगा। (कुछ साल पहले तक स्वामी परमानंद पुरी धारी तहसील के पलड़ा (गुनियालेख) क्षेत्र में स्थित एक गुफा में रहते थे। हाल के वर्षों में वह यहां नैनीताल रोड स्थित अपने भक्त राजीव विनायक के यहां रहने लगे हैं।

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