जौनसार बावर, चालदा महासू यात्रा, संयोग और वियोग, आस्था का चरम, पढ़िए
2 May 2023. Dehradun. जौनसार बावर के आराध्य देवता चालदा महासू महाराज ने 29 अप्रैल 2023 को 11 बजे समाल्टा से दसोऊ के लिए प्रस्थान किया। इससे पूर्व लगभग 67 वर्षो के बाद महाराज का आगमन 24 नवंबर 2021 को समाल्टा खत में हुआ था। आगे देखें वीडियो…
समाल्टा प्रवास के यह 18 माह कब व्यतीत हुए पता ही नही चला। जब महाराज की विदाई हुई तो पूरे खतवासियों के आंखों में आंसू थे। वही महाराज को लेने आए दशाओं के लोगों में खुशी देखी गई।
चालदा महाराज स्थायी रूप से एक स्थान पर नही रहते हैं बल्कि विभिन्न स्थानों पर एक वर्ष से 2 वर्ष के प्रवास पर रहते है। महासू देवता भगवान भोलेनाथ के रूप हैं। महासू देवता जौनसार बावर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के ईष्ट देव हैं। महासू देवता मंदिर उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में त्यूनी-मोरी रोड के नजदीक व चकराता के पास हनोल गांव में टोंस नदी के पूर्वी तट पर स्थित है। महासू देवता न्याय के देवता है, जो उत्तराखड के जौनसार-बावर क्षेत्र से सम्बन्ध रखते है। महासू देवता चार देव भ्राता है जिनके नाम
1. बोठा महासू 2. पबासिक महासू 3. बसिक महासू और 4. चालदा महासू हैं। इसमें चालदा महासू महाराज एक जगह पर नहीं रहते, यह कश्मीर से लेकर हनोल तक विभिन्न जगहों पर अलग-अलग वर्षों के लिए विराजमान रहते हैं।
सौ. यूट्यूब
मंगलवार को चालदा महासू भगवान को दसोऊ के मंदिर में विराजमान कर दिया गया। देखिए….
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