Uttarakhand चीनी सैनिकों से झड़प के बाद घायल हुए हवलदार नेगी नहीं रहे, लद्दाख की गलवान घाटी में चीनियों को सिखाया था सबक
पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में घायल हुए हवलदार बिशन सिंह नेगी नेगी ने सेना अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। शहीद हवलदार बिशन सिंह नेगी के पार्थिव शरीर को उत्तराखंड के उनके गांव में लाया गया है, हवलदार नेगी के शहीद होने से जहां एक और उनके परिजनों में शोक की लहर है वही पूरे इलाके में हवलदार नेगी को उनकी बहादुरी के लिए याद किया जा रहा है। बताया गया है कि हवलदार विशन सिंह नेगी गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में घायल हो गए थे, उसके बाद उनको लेह के मिलिट्री अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां कुछ दिनों इलाज करने के बाद हवलदार नेगी फिर गलवान घाटी में चले गए। गलवान घाटी में पहुंचकर हवलदार नेगी की तबीयत एक बार फिर बिगड़ गई। हवलदार नेगी को चंडीगढ़ के मिलिट्री अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान वह शहीद हो गए। बताया गया है कि हवलदार नेगी ने गलवान घाटी में हुई झड़प में कई चीनी सैनिकों को मुंह तोड़ जवाब दिया था।
पिथौरागढ़ जिले के बंगापानी तहसील के रहने वाले हवलदार बिशन सिंह नेगी कुमाऊं रेजीमेंट के सिपाही थे, उनका परिवार बंगापानी में ही रहता है। हवलदार नेगी का शव शनिवार देर रात हल्द्वानी में उनके भाई के निवास स्थान पर लाया गया। रविवार को हल्द्वानी के चित्रशिला घाट पर उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। हवलदार बिशन सिंह नेगी अगले कुछ दिनों में सेना से रिटायर होने वाले थे, अपने पीछे वह एक बेटा, बेटी और पत्नी को छोड़कर गए हैं।
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