मुक्तेश्वर (नैनीताल) और कुफरी (शिमला) में डॉप्लर वैदर रडार स्टेशन की शुरुआत, किसानों, पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को होगा लाभ
मुक्तेश्वर (नैनीताल) में डॉप्लर वैदर रडार स्टेशन की शुरुआत हो गई है, मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में भारत मौसम विज्ञान विभाग के 146वें स्थापना दिवस समारोह में वर्चुअली प्रतिभाग करते हुए इसका उद्घाटन किया। केंद्रीय मौसम विज्ञान मंत्री डॉ.हर्षवर्धन का आभार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने भारत मौसम विज्ञान विभाग के146 वें स्थापना दिवस एवं डॉप्लर मौसम रडार मुक्तेश्वर के उद्घाटन की हार्दिक बधाई दी। वहीं केन्द्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ.हर्षवर्धन ने मुक्तेश्वर (नैनीताल) एवं कुफरी (शिमला) में डॉप्लर वैदर रडार स्टेशन के उद्घाटन पर बधाई देते हुए कहा कि किसानों एवं तीर्थयात्रियों को इससे अत्यधिक लाभ पहुंचेगा। उन्होंने रडारों की स्थापना के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक क्षेत्र में प्रदान किए जा रहे सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार, प्रदेश में लगने वाले 03 डॉप्लर मौसम रडारों की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। राज्य सरकार ने मुक्तेश्वर में रडार स्थापना हेतु भूमि, मूल-भूत सुविधाएँ जैसे सड़क, बिजली, पानी उपलब्ध कराने एवं जगह को विकसित करने में पूर्ण सहयोग दिया है। दूसरे रडार की स्थापना हेतु भी राज्य सरकार ने सुरकंडा में भूमि आवंटित एवं विकसित की है तथा बिजली इत्यादि की भी व्यवस्था कर दी गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार रडार के उपकरणों को सड़क के अभाव के चलते सुरकंडा पहुँचाने हेतु एयर लिफ्ट के लिए भी सहयोग देगी। भविष्य में सुरकंडा में डॉप्लर मौसम रडार के संचालन में तैनात कार्मिकों के निशुल्क आवागमन हेतु वहाँ लग रहे रोपवे में उचित प्रावधान करेगी। लैंसडाउन में अनापत्ति प्रमाण पत्र मिलने के पश्चात राज्य सरकार वहाँ पर लगने वाले रडार के लिए जगह को विकसित करने इत्यादि में भी सहयोग देगी। उत्तराखंड राज्य सरकार ने धार्मिक यात्रियों एवं पर्यटकों को मौसम की जानकारी उपलब्ध कराने के लिए भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा मौसम डिस्प्ले स्क्रीन लगाने हेतु आवश्यक सुविधाओं के साथ 05 स्थान उपलब्ध करा दिये हैं। उन्होंने कहा कि 09 नवम्बर 2000 को उत्तराखंड राज्य की स्थापना के साथ ही राज्य में केन्द्रीय सरकार के कुछ कार्यालय भी स्थापित हुए, जिसमें भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा मौसम विज्ञान केंद्र, देहरादून में स्थापित किया गया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य मौसम की दृष्टि से अति संवेदनशील है यहाँ मानसून एवं वार्षिक वर्षण आस पास के राज्यों से बहुत अधिक है। उत्तराखण्ड राज्य में मौसम सम्बन्धित आपदाओं जैसे भारी वर्षा, बादल फटना, भूस्खलन, बाढ़ एवं भारी बर्फबारी इत्यादि से हर वर्ष जान-माल की बहुत हानि होती है। उत्तराखंड में मानसून ऋतु में औसतन 1177 मि.मी. वर्षा होती है, जबकि यह हिमाचल प्रदेश में 763 मि.मी., हरियाणा में 444 मि.मी. तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में721 मि.मी. है। इन तथ्यों के मद्देनजर, राज्य सरकार प्रारंभ से ही मौसम विज्ञान विभाग की स्थापना एवं विस्तार में सहयोग करती रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा मौसम विज्ञान केंद्र हेतु वर्ष 2010 में देहरादून में भूमि आवंटित की गई,जहाँ पर वर्तमान मौसम विज्ञान केंद्र कार्यरत है। भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा इंटीग्रेटेड हिमालयन मीटीयोरोलोजी प्रोग्राम के अंतर्गत उत्तराखंड राज्य में सतही वेधशालाओं, ऊपरी वायु उपकरणों एवं रडार की स्थापना की जा रही है। उत्तराखण्डसरकार ने इसमें सहयोग करते हुए 107 स्वचालित मौसम स्टेशन, 54 स्वचालितवर्षामापी एवं 25 सतही फील्ड वेधशालाओं की स्थापना भारत मौसम विज्ञान विभाग के तकनीकी सहयोग से की है। यह नेटवर्क राज्य के सभी ब्लाकों, महत्वपूर्ण पर्यटक स्थलों, शहरों एवं धार्मिक स्थलों तक फैला हुआ है। इन स्टेशनों केमौसम सम्बन्धित आंकडें भारत मौसम विज्ञान विभाग को प्राप्त हो रहे हैं, जो मौसम की निगरानी एवं पूर्वानुमान हेतु महत्वपूर्ण हैं। इस अवसर पर मुख्य सचिव ओमप्रकाश, मुख्यमंत्री के आई.टी. सलाहकार रविन्द्र दत्त, सचिव एस.ए. मुरूगेशन, ए.सी.ई.ओ.यू.एस.डी.एम.ओ. आनन्द श्रीवास्तव सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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