Uttarakhand चार महीने बाद था रिटायरमेंट, लेकिन शहीद होने की खबर पहुंची घर पर, इलाके में शोक की लहर
उत्तराखंड के हवलदार मुकेश कुमार ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए हैं। वह अरुणाचल के बोमडिला में कुमाऊं रेजीमेंट में तैनात थे। शहीद हुए हवलदार मुकेश को चार अप्रैल 2021 को सेवानिवृत्त होना था। लेकिन इससे पहले ही उनका पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपटे घर पहुंचेगा। शहादत की खबर मिलने पर परिजनों में कोहराम मच गया। नौ कुमाऊं रेजीमेंट के हवलदार मुकेश काशीपुर के ग्राम नंदरामपुर में रहते थे। इसी गांव में उनका ससुराल भी है। वह मूल रूप से मुरादाबाद के थाना डिलारी के ग्राम गक्खरपुर के निवासी थे, करीब 10 वर्ष पहले उन्होंने काशीपुर में मकान बनाया था।
तीन साल से मुकेश अरुणाचल प्रदेश के बोमडिला में तैनात थे। हवलदार मुकेश के शहीद होने के कारणों का स्पष्ट पता नहीं चल सका है। फिलहाल आग लगने के कारण उनकी मौत होने की बात कही जा रही है। सूचना मिलते ही गांव में मातम पसर गया। शहीद के परिवार में पत्नी नीलम और दो बेटे विशाल (18) और ऋषभ (15) हैं। उसके भाई मुनेश कुमार का रानीखेत में निजी व्यवसाय है जबकि दोनों बहनें बबली और कविता विवाहित हैं।
बताया जा रहा है कि, चार महीने बाद यानि आगामी अप्रेल में मुकेश रिटायरमेंट के बाद अपना कारोबार करना चाहते थे। मुकेश की इच्छा थी कि उनके दोनों बेटे बेहतर शिक्षा ग्रहण कर प्रशासनिक सेवा में जाकर देश सेवा करें। शहीद के पिता ओमप्रकाश भी फौज में थे। वे रानीखेत कैंट छावनी से सेवानिवृत्त हुए थे। तीन साल पहले मुकेश के पिता का निधन हुआ था।
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