हल्द्वानी के वनभूलपुरा में 3000 से ज्यादा अवैध घरों को तोड़ने के मामले में आया बीजेपी का बयान, कहा ये कांग्रेस की सरकारों की देन
3 Jan. 2022. Dehradun. भाजपा ने हल्द्वानी के वनभूलपुरा रेलवे जमीन विवाद को कॉंग्रेस पार्टी और उनकी सरकारों की देन बताया, जिन्होने समय रहते कोई प्रयास नहीं किया और मामला कोर्ट में जाने दिया। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता सुरेश जोशी ने स्पष्ट किया कि पार्टी और सरकार इस पूरे मामले को राजनैतिक चश्मे से नहीं देखती है, मामला न्यायालय में विचाराधीन है इसलिए सभी पक्षों को उच्चतम न्यायालय के फैसले का इंतजार करना चाहिए ।
भाजपा प्रवक्ता जोशी ने आरोप लगाते हुए कहा कि यह विवाद लंबे समय से चल रहा है लेकिन कांग्रेस समेत पूर्ववृति सरकारों ने कभी विवाद के हल का प्रयास नहीं किया, आज इस प्रकरण में राजनैतिक बयानबाजी करने वाले कॉंग्रेस के तमाम नेता किसी न किसी रूप में तत्कालीन सरकारों का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। ऐसे में उनके अनुसार यदि कुछ गलत हो रहा था तो उन लोगों ने कोई बीच का रास्ता क्यूँ नहीं निकाला, क्यों मामले को इतने लंबे समय तक अटकाए लटकाये रखा ।
उन्होंने कहा कि भाजपा इस पूरे विवाद को राजनैतिक चश्मे से नहीं देखती है और हमारी सरकार की नीति नियत एकदम स्पष्ट है। यह समूचा प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है और 5 तारीख को सुप्रीम कोर्ट में भी इस प्रकरण से संबन्धित याचिका पर सुनवाई होनी है। लिहाजा सभी पक्षों को राजनीति करने के बजाय न्यायालय के फैसले का इंतजार करना चाहिए।
दरअसल हल्द्वानी के वनभूलपुरा में रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने के उच्च न्यायालय द्वारा आदेश दिए गए हैं, 1 हफ्ते के अंदर यहां जमीन से अतिक्रमण हटाने के नोटिस जारी किए गए हैं। मामला अब सर्वोच्च न्यायालय में भी चला गया है, यहां 5 जनवरी को इसकी सुनवाई होगी। इस जमीन पर करीब 5000 परिवार बसे हुए हैं और अतिक्रमण हटाने के लिए 3000 से ज्यादा घरों को तोड़ना पड़ेगा। ये इलाका अल्पसंख्यक मुस्लिम बहुल इलाका है।
इलाके में अतिक्रमण हटाने का विरोध करने के लिए लोग सड़कों पर आए हुए हैं, लोग धरना प्रदर्शन भी कर रहे हैं। कांग्रेस की ओर से इस मामले में लोगों को समर्थन दिया जा रहा है, कांग्रेस नेता हरीश रावत ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखा है और इस मामले को मानवीय नजरिए से हल करने की अपील की है।
वहीं इस बीच हल्द्वानी के वनभूलपुरा इलाके से हाईकोर्ट के आदेशों के बाद रेलवे भूमि से 5,000 से ज्यादा परिवारों के अतिक्रमण को हटाने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इस मामले में सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 5 जनवरी की तारीख तय की है। कोर्ट में हल्द्वानी के शराफत खान समेत 11 लोगों की याचिका वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद की ओर से दाखिल की गई है।
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