उत्तराखंड सरकार के कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर, ऐसे मिलेगी चाइल्ड केयर लीव
1 June. 2023. Dehradun. उत्तराखंड के सरकारी कर्मचारियों के लिए एक अच्छी खबर है, उत्तराखंड शासन ने सरकारी महिला कर्मचारियों के अलावा एकल महिला /पुरुषों की चाइल्ड केयर लीव के संबंध में बड़ा फैसला लिया है, जिसके आदेश भी जारी कर दिए गए हैं।
अब महिलाओं के अलावा पुरुषों को भी चाइल्ड केयर लीव का लाभ मिलेगा। राज्य सरकार की महिला सरकारी सेवकों / एकल अभिभावक (महिला एवं पुरुष) सरकारी सेवकों को बाल्य देखभाल अवकाश (Child Care Leave ) अनुमन्य किये जाने के संबंध में राज्य सरकार की ओर से निम्न दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।
राज्य सरकार की महिला सरकारी सेवकों को विशिष्ट परिस्थितियों यथा संतान की बीमारी अथवा उनकी परीक्षा आदि में संतान की 18 वर्ष की आयु तक देखभाल हेतु सम्पूर्ण सेवाकाल में अधिकतम दो वर्ष (730 दिन) का बाल्य देखभाल अवकाश तथा राज्य सरकार की महिला सरकारी सेवकों, जिनके बच्चे 40 प्रतिशत या उससे अधिक विकलांग हैं, को संतान की बीमारी अथवा उनकी परीक्षा आदि में सन्तान की 22 वर्ष की आयु तक देखभाल हेतु बाल्य देखभाल अवकाश के रूप में सम्पूर्ण सेवाकाल में 2 वर्ष (730 दिन) का बाल्य देखभाल अवकाश मिलेगा।
राज्य सरकार की महिला सरकारी सेवकों / एकल अभिभावक (महिला एवं पुरुष) सरकारी सेवकों को विशिष्ट परिस्थितियों यथा संतान की बीमारी अथवा परीक्षा आदि में संतान की 18 वर्ष की आयु तक देखभाल हेतु सम्पूर्ण सेवाकाल में अधिकतम दो वर्ष (730 दिन) का बाल्य देखभाल अवकाश (Child Care Leave) निम्नलिखित शर्तों एवं प्रतिबन्धों के अधीन अनमुन्य किये जाने की राज्यपाल ने स्वीकृति प्रदान की है।
बाल्य देखभाल अवकाश केवल दो बड़े जीवित बच्चों के लिए ही अनुमन्य होगा ।
एकल अभिभावक में अविवाहित / विधुर / तलाकशुदा पुरूष सरकारी सेवक तथा अविवाहित महिला सरकारी सेवक को भी सम्मिलित किया जायेगा।
बाल्य देखभाल अवकाश के प्रयोजनार्थ 40 प्रतिशत या उससे अधिक विकलांग / निःशक्त बच्चों के मामले में आयु सीमा का कोई प्रतिबन्ध नहीं होगा।
बाल्य देखभाल अवकाश उपार्जित अवकाश की भाँति स्वीकृत किया जायेगा तथा उपार्जित अवकाश की भाँति बाल्य देखभाल अवकाश खाता रखा जाएगा। बाल्य देखभाल अवकाश के मध्य पड़ने वाले सार्वजनिक अवकाश को बाल्य देखभाल अवकाश में सम्मिलित माना जाएगा।
जनहित एवं कार्यालय के प्रशासकीय कार्यों के सुचारू सम्पादन को दृष्टिगत रखते हुए नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा किसी कार्मिक को बाल्य देखभाल अवकाश एक बार में 05 दिनों से कम अवधि एवं 120 दिनों से अधिक अवधि का बाल्य देखभाल अवकाश स्वीकृत नहीं किया जायेगा।
एकल महिला सरकारी सेवकों को बाल्य देखभाल अवकाश एक कलैण्डर वर्ष में अधिकतम 6 बार तथा अन्य पात्र महिला / पुरूष सरकारी सेवकों को बाल्य देखभाल अवकाश एक कलैण्डर वर्ष में अधिकतम 03 बार अनुमन्य होगा। बाल्य देखभाल अवकाश अधिकार के रूप में नहीं माना जायेगा तथा किसी भी परिस्थिति में कोई भी कर्मचारी बिना पूर्व स्वीकृति के बाल्य देखभाल अवकाश पर नहीं जा सकेगा। बिना पूर्व स्वीकृति के बाल्य देखभाल अवकाश पर जाने तथा निर्दिष्ट प्रयोजनों के इतर अन्य कार्यों हेतु बाल्य देखभाल अवकाश लिये जाने की स्थिति में सम्बन्धित कार्मिक के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही सम्बन्धी नियम / आदेश लागू होंगे।
बाल्य देखभाल अवकाश में रहते हुए कार्मिक को पहले 365 दिनों में उन्हें अनुमन्य अवकाश वेतन का 100 प्रतिशत तथा अगले 365 दिनों में उन्हें अनुमन्य अवकाश वेतन का 80 प्रतिशत वेतन दिया जायेगा। जिन महिला सरकारी सेवकों द्वारा पूर्व से बाल्य देखभाल अवकाश लिया जा रहा है, के संबंध में यह प्रावधान अवकाश लेखे में बचे हुए अवकाशों पर ही नियमानुसार लागू होगा।
परिवीक्षाकाल में बाल्य देखभाल अवकाश अनुमन्य नहीं होगा। विशेष परिस्थितियों में नियुक्ति प्राधिकारी गुण-दोष के आधार पर कम से कम अवधि का बाल्य देखभाल अवकाश अनुमन्य किये जाने पर विचार कर सकते हैं। सेवा नियमावली में निर्धारित परिवीक्षा काल अवधि में बाल्य देखभाल अवकाश तीन माह से अधिक अनुमन्य नहीं होगा।
अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित ताजा समाचारों का एकमात्र गूगल एप फोलो करने के लिए क्लिक करें…. Mirror Uttarakhand News
(नंबर वन न्यूज, व्यूज, राजनीति और समसामयिक विषयों की वेबसाइट मिरर उत्तराखंड डॉट कॉम से जुड़ने और इसके लगातार अपडेट पाने के लिए हमें सोशल मीडिया पर फोलो करें)