Uttarakhand अनोखे विरोध का मुख्यमंत्री ने लिया संज्ञान, अधिकारियों को दिये निर्देश
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने चमोली जनपद में नन्दप्रयाग-घाट मोटर मार्ग के के लिए मांग कर रहे ग्रामीणों की खबर का संज्ञान लेते हुए सचिव लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिये कि नन्दप्रयाग-घाट मोटर मार्ग के चौड़ीकरण के लिए आवश्यक परीक्षण करते हुए शीघ्र कार्यवाही की जाय, ताकि क्षेत्र की हजारों की आबादी वाले ग्राम सभाओं के लोगों की समस्याओं का समाधान हो सके।
दरअसल मां नंदा देवी का मायका माने जाने वाले घाट विकासखंड की मुख्य मोटर सड़क नंदप्रयाग-घाट का चौड़ीकरण, सुधारीकरण एवं डामरीकरण का स्वीकृत कार्य अब तक अपने अंजाम तक नहीं पहुंच सका है। ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग से मात्र 19 किमी मोटर सड़क की स्थिति आज भी बदहाल हैं । 55 ग्राम पंचायतों वाले घाट ब्लाक मुख्यालय तक 1962 में सड़क का निर्माण कार्य शुरू हुआ था । तब से इसमें थोड़ा बहुत सुधार के अलावा बहुत कुछ अधिक नहीं हुआ हैं। सरकार की इस उदासीनता के खिलाफ घाट प्रखंड की 55 ग्राम सभाओं के लोगों ने रविवार को मानव श्रृंखला बनाकर विरोध जताया। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 14 अगस्त 2017 को पुलिस लाईन गोपेश्वर में इस सड़क के चौड़ीकरण एवं डामरीकरण की घोषणा की थी, जिस पर 14 सितंबर 2017 को ही 1 करोड़ 28 लाख 44 हजार रुपयों की वित्तीय स्वीकृत के अलावा 15 अक्टूबर 2018 को इस सड़क को डेढ़ लाईन बनाये जाने की भी स्वीकृति देने की बात कागजों में कही गई लेकिन धरातल पर कुछ भी दिखाई नही पड़ रहा है। इस सड़क की स्थिति के संबंध में मांग उठाए जाने के बावजूद जब किसी भी स्तर पर जनता की मांग नहीं सुनी गई तो पिछले साल 4 दिसंबर से स्थानीय जनता ने व्यापार संघ घाट व टैक्सी यूनियन घाट के सहयोग से ब्लाक मुख्यालय घाट में आंदोलन शुरू कर दिया जोकि आज भी जारी है।
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