मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को दी स्वतंत्रता दिवस की शुभकामना, देश के विभाजन के दौरान अपनी जान गंवाने वाले लोगों को नमन किया
14 August. 2024. Dehradun. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देश के 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएँ दी है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, अमर शहीदों, राज्य आंदोलनकारियों सहित राष्ट्र निर्माण के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों को भी श्रद्धांजलि अर्पित की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड को हर क्षेत्र में देश का सर्वश्रेष्ठ एवं अग्रणी राज्य बनाने का हमारा संकल्प है। समृद्ध और आत्मनिर्भर उत्तराखंड बनाने के लिए हमारे प्रयास निरन्तर जारी है। अनुकूल औद्योगिक नीति, शांत औद्योगिक वातावरण, दक्ष मानव संसाधन और उदार कर लाभों तथा पूंजी निवेश में वृद्धि के कारण उत्तराखंड भारत में तेजी से विकास करने वाले राज्यों में से एक बन गया है। नीति आयोग, भारत सरकार द्वारा जारी 2023-24 की एसडीजी रिपोर्ट में उत्तराखण्ड ने सतत विकास लक्ष्यों की कसौटी पर खरा उतरते हुए पूरे देश में पहला स्थान हासिल किया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर समिट-2023 के दौरान राज्य सरकार के साथ कुल 3.5 लाख करोड़ रूपये के निवेश समझौते हुए हैं, जिसमें 81 हजार करोड़ के समझौते की ग्राउण्डिंग की जा चुकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तराखंड में लगभग 02 लाख करोड़ की योजनाओं पर तेजी से कार्य हो रहे हैं। राज्य सरकार के प्रयासों से उत्तराखण्ड पर्यटन हब, ऐडवेंचर टूरिज्म हब, फिल्म शूटिंग डेस्टिनेशन के रूप में भी तेजी से उभर रहा है। इसके लिये उद्योग तथा पर्यटन को बढावा देने के लिये नई नीतियां तैयार की गई है। दिल्ली देहरादून एलिवेटेड रोड तैयार होने तथा वंदे भारत एक्सप्रेस से देहरादून जल्द ही दिल्ली एनसीआर का हिस्सा बन जाएगा, जिससे यहाँ निवेश, उद्योगों के विकास, रोजगार के नए-नए अवसर उपलब्ध होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार समावेशी विकास के मूलमंत्र के साथ प्रदेश के सभी क्षेत्रों के सतुंलित एवं समान विकास के साथ कार्य कर रही है। केदारनाथ व बदरीनाथ की तर्ज पर कुमायूं के पौराणिक मंदिरों को भव्य बनाने के लिये मानसखण्ड मंदिर माला मिशन की कार्ययोजना पर कार्य हो रहा है। चार धामों की कनेक्टिविटी के लिए ऑल वेदर रोड, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का निर्माण कार्य तेजी से हो रहा है जबकि टनकपुर-बागेश्वर रेललाइन सर्वे का कार्य गतिमान है। जौलीग्रांट एयरपोर्ट एवं पंतनगर एयरपोर्ट को अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के रूप में विकसित करने का कार्य भी गतिमान है। पर्वतीय क्षेत्रों में रोपवे नेटवर्क निर्माण के लिए पर्वत माला परियोजना को भी मंजूरी मिली है। श्री केदारनाथ, हेमकुंड साहिब एवं पूर्णागिरी मंदिर रोपवे के निर्माण का शिलान्यास किया जा चुका है। उधमसिंहनगर के किच्छा क्षेत्र में एम्स के सैटेलाइट सेंटर का निर्माण कार्य गतिमान है साथ ही वाइब्रेंट विलेज योजना के अन्तर्गत राज्य के सीमांत गाँवों के चहुँमुखी विकास पर तेजी से कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मातृशक्ति का सम्मान हमारी परम्परा रही है। राज्य निर्माण आन्दोलन तथा इसके बाद प्रदेश के विकास व प्रगति में राज्य की महिलाओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। आज भी राज्य की मातृ शक्ति ग्रामीण जनजीवन, आर्थिकी, सामाजिक व सांस्कृतिक ताने बाने की रीढ़ हैं। महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने हेतु लखपति दीदी योजना के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों को 5 लाख तक का ऋण बिना ब्याज के दिया जा रहा है। 2025 तक 1.25 लाख महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा गया है। महिलाओं के लिए सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण लागू किया गया है। आंगनबाड़ी बहनों के मानदेय में बढ़ोतरी की गई है। अन्त्योदय निःशुल्क गैस रिफिल योजना के तहत वर्ष में 3 गैस सिलैण्डर रिफिल मुफ्त दिये जा रहे है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की इस स्वर्णिम यात्रा में उत्तराखण्ड का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उत्तराखण्ड देवभूमि के साथ वीरभूमि भी है। हमें अपनी सैनिक परम्परा और देशभक्ति की विरासत पर गर्व हैं। सैनिक परम्परा वाले वीरभूमि उत्तराखण्ड में पीढ़ियों से लगभग हर परिवार से वीर व वीरांगनाएं देश की रक्षा में अपना योगदान दे रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा शहीद सैनिकों के सम्मान में देहरादून में शौर्य स्थल का निर्माण किया गया है। राज्य में शहीद सैनिकों को मिलने वाली अनुग्रह अनुदान राशि 10 लाख रूपये से बढ़ाकर 50 लाख रूपये की गई है। शहीद सैनिकों के परिवार के एक सदस्य का सरकारी नौकरी में समायोजन किया जा रहा है।
बिजली से वंचित सभी गांवों का शत प्रतिशत विद्युतीकरण किया जा चुका है। उत्तराखण्ड में सौर ऊर्जा को बढावा देने के लिये कई योजनाओं पर काम किया जा रहा है। सोलर प्रोजक्ट लगाने के लिये 70 फीसदी तक सब्सिडी दी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के युवाओं के व्यापक हित में राज्य सरकार द्वारा अनेक ऐतिहासिक निर्णय लिए गये हैं। देश का सबसे कठोर नकल विरोधी कानून सीमित समय में लागू कर प्रदेश के लाखों युवाओं का भविष्य सुरक्षित किया गया है। पिछले तीन वर्षों में 15 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी प्रदान की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में भ्रष्टाचार पर प्रभावी नियंत्रण के लिए शिकायत दर्ज करने के लिए जनता के लिए 1064 वेब एप लॉच किया गया है। अपणि सरकार पोर्टल, ई-केबिनेट, ई-ऑफिस, सीएम डैश बोर्ड उत्कर्ष, सीएम हेल्पलाईन 1905, सेवा का अधिकार और ट्रांसफर एक्ट की पारदर्शी व्यवस्था अपनाकर राज्य में भ्रष्टाचार को मिटाने का प्रयास किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में हम आगे बढ़े हैं। इससे हमने देश और दुनिया को समानता और न्याय का एक प्रभावी संदेश देने का प्रयास किया है। बिना किसी भेदभाव के सभी को समान अधिकार मिलने चाहिए, इस सोच को मजबूत करना ही यूसीसी उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में जबरन धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिये एक सख्त धर्मांतरण विरोधी कानून लागू किया गया। अब प्रदेश में जबरन या प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराने या करने पर 10 साल तक की सजा का प्रावधान है। राज्य में दंगारोधी कानून को कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है। अब दंगाइयों पर कड़ी कार्रवाई करने के साथ ही दंगे में होने वाली सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की भरपाई भी दंगाइयों से ही की जाएगी। इसके लिए क्लेम ट्रिब्यूनल का गठन कर दिया गया है। हमने लैंड जेहाद पर कार्यवाही करके देवभूमि उत्तराखंड में सुख, शांति और अमन-चैन सुनिश्चित किया है। लैंड जिहाद के तहत की गई कार्यवाही के दौरान प्रदेश में करीब 5 हजार एकड़ सरकारी भूमि को कब्जामुक्त कराया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री का उत्तराखण्ड को विश्व की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक राजधानी के रूप में विकसित करने का सपना है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वेड-इन-उत्तराखण्ड का मंत्र दिया है। जिसके तहत राज्य सरकार नए वेडिंग डेस्टीनेशन की पहचान कर रही है। भविष्य में पूरी दुनिया से लोग यहाँ आत्मिक शांति के लिए आंएगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि इक्कीसवी सदी का तीसरा दशक उत्तराखण्ड का होगा। यह हम हर उत्तराखण्डवासी के लिए हर्ष और गर्व का विषय है। मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड के सभी नागरिकों से अपने कर्तव्य एवं दायित्वों का पूरी निष्ठा के साथ निर्वहन करने के साथ एक उन्नत, श्रेष्ठ और प्रगतिशील उत्तराखण्ड बनाने में मददगार बनने की भी अपेक्षा की है।
देश के विभाजन के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता-मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सुभाष रोड स्थित होटल में आयोजित ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के अवसर पर देश के विभाजन के दौरान अपनी जान गंवाने वाले लोगों को नमन करते हुए विभाजन की विभीषिका का दर्द सहने वाले तमाम सेनानियों के परिजनों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। उन्होने कहा कि देश के विभाजन के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 15 अगस्त 1947 को जब हम आजादी का जश्न मना रहे थे वहीं दूसरी ओर देश के विभाजन का भी हमने दुःख सहा है। भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के कारण सामने आई परिस्थितियों को देखते हुए भारत दो टुकड़ों में विभक्त हुआ। लाखों लोग इधर से उधर हुए उनका घर-बार छूटा, परिवार छूटा, लाखों की जानें गईं। भारत के लिए यह घटना किसी विभीषिका से कम नहीं थी। वर्ष 2021 में इसी दर्द को याद करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 14 अगस्त को ’’विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’’ मनाने का निर्णय लिया। तब से यह दिन मनाया जा रहा है, जिससे हम अपने उन लाखों सेनानियों व परिवारजनों से बिछड़े लोगों के बलिदान को याद कर सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दिन उन सभी सेनानियों की याद दिलाता है जिन्होंने भारत माँ के लिए बलिदान दिया। भारत के बंटवारे ने सामाजिक एकता, सामाजिक सद्भाव और मानवीय संवेदनाओं को तार-तार कर दिया था। उन्होंने कहा कि यह हमारा कर्तव्य है कि हम देश को स्वतंत्र कराने वाले और देश के विभाजन की यातनाएं झेलने वाले मां भारती के प्रत्येक सपूत के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाजन विभीषिका की पीड़ा सह चुके लोग प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के विकास में सहयोगी बने हैं। देश विभाजन के समय हुई दर्दनाक हिंसक घटनाओं ने मानवता को ही शर्मसार नहीं किया बल्कि हिंसा का वह अमानवीय तांडव कभी न भरने वाला घाव दे गया, जिसकी टीस आज भी हमें महसूस होती है। यह दिवस हमारी भावी पीढ़ी को इतिहास की उस विभीषिका से परिचित कराता रहेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा पिछले वर्ष रूद्रपुर में आयोजित विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के अवसर पर उन्होने विभाजन का दंश झेलने वालों की स्मृति भी विभाजन विभीषिका स्मृति स्मारक बनाये जाने की घोषणा की थी जिस पर कार्य चल रहा है।
मुख्यमंत्री ने विभाजन की विभीषिका को इतिहास का काला अध्याय तथा दुनिया का सबसे बडा विभाजन बताते हुऐ कहा कि लाखों लोगों ने अपनी जान गवाकर विभाजन के साथ विस्थापना का दर्द झेला।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 1947, 1971 के बाद आज फिर बांगलादेश की घटना लोगों के लिये पलायन के लिये मजबूर कर रही है। आज हम सबको बांगलादेश के हिन्दुओं व अन्य अल्पसंख्यक समुदाय की चिन्ता करनी है। किन्तु देश में छोटी छोटी घटनाओं पर विरोध करने तथा मानवाधिकार का रोना रोने वाले न जाने कहां खो गये हैं, वे सीन से ही गायब हो गये हैं। यह अवसर सजग और सतर्क रहने के साथ ऐसे ढोंगियों से सतर्क रहने का भी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाजन का पीड़ा झेलने वालों ने अपनी प्रबल इच्छा शक्ति तथा कौशल के बल पर देश व प्रदेश के विकास में अहम योगदान दिया है। उनका यह योगदान अविस्मरणीय है। उन्होने दिखाया है कि प्रबल इच्छा शक्ति के बल पर क्या कुछ नहीं किया जा सकता है। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर विभाजन विभीषिका से संबंधित फोटो प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।
कार्यक्रम में उपाध्यक्ष उच्च शिक्षा उन्नयन समिति डॉ देवेन्द्र भसीन, उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण समिति श्री विश्रवास डाबर, भाजपा महानगर अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ अग्रवाल, उद्यमी राकेश ओबेराय तथा अपने बचपन में विभाजन की विभीषिका का सामना करने वाले डॉ कुलदीप दत्त, तथा किशन लाल बिज ने भी अपने विचार रखे।
इस अवसर पर विधायक श्री खजान दास, श्री उमेश शर्मा काऊ, श्रीमती सविता कपूर, पूर्व कैबिनेट मंत्री श्री दिनेश अग्रवाल, श्री अनिल गोयल, श्री संतोश नागपाल, श्री डी.एस.मान, श्री नीरज कोहली सहित बडी संख्या में विभिन्न संस्थाओं से जुडे लोग तथा समाजिक कार्यकर्ता उपस्थित थे।
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