बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ ही समाप्त हुई चारधाम यात्रा, 46 लाख तीर्थयात्री पहुंचे इस बार चारधाम यात्रा में
19 Nov. 2022. Badrinath. बदरीनाथ धाम के कपाट आज शनिवार को अपराह्न 3 बजकर 35 मिनट पर शीतकाल के लिए बंद हो गए। इसके बाद अगले छह माह तक भगवान बदरीनाथ की पूजा पांडुकेश्वर और जोशीमठ में संपन्न होगी। बदरीनाथ धाम के सिंह द्वार को गेंदे के फूलों से सजाया गया।
शुक्रवार को पंच पूजाओं के चौथे दिन माता लक्ष्मी का आह्वान कर पूजन संपन्न हुआ। बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया के तहत शुक्रवार को माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना तथा कढ़ाई भोग अर्पित किया गया। शनिवार को रावल (मुख्य पुजारी) ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी स्त्री वेश धारण कर माता लक्ष्मी की प्रतिमा को बदरीनाथ धाम के गर्भगृह में प्रतिष्ठापित किया और उद्धव व कुबेर जी की प्रतिमा को मंदिर परिसर में लाया गया। बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि माणा गांव की महिला मंगल दल की महिलाओं की ओर से तैयार किए गए घृत कंबल (घी में भिगोया ऊन का कंबल) को भगवान बदरीनाथ को ओढ़ाया गया। इसके बाद अपराह्न 3 बजकर 35 मिनट पर बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए।
विश्व प्रसिद्ध उत्तराखंड की चारधाम यात्रा ने इस साल नया रिकॉर्ड बनाया है। चारों धामों पर करीब 46 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने दर्शन कर पुण्य लाभ कमाया। 19 नवंबर यानी शनिवार को श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ ही चारों धाम के शीतकालीन प्रवासों पर पूजा अर्चना की गई। ऐसे में उत्तराखंड सरकार का फोकस अब शीतकालीन चारधाम यात्रा पर है।
26 अक्टूबर को गंगोत्री धाम, 27 अक्टूबर को केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट विधि विधान के साथ बंद किए गए। वहीं 19 नवंबर को श्री बदरीनाथ धाम के कपाट अगले छह महीने के बंद किए गए। गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने के बाद शीतकालीन प्रवास मुखबा, यमुनोत्री के खरसाली, केदारनाथ के ऊखीमठ और बदरीनाथ धाम के जोशीमठ व पांडुकेश्वर में पूजा की जायेगी। चारधाम के शीतकालीन प्रवासों में तीर्थयात्रियों व श्रद्धालुओं के लिए सभी सुविधाओं का ध्यान रखा जा रहा है।
कोरोना काल के मुश्किल भरे दो साल बाद इस बार बिना बंदिशों के संचालित की गई चारधाम यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों के पंजीकरण को अनिवार्य किया गया था। इसके लिए पर्यटन विभाग की ओर से ऑनलाइन व ऑफलाइन के साथ मोबाइल एप की व्यवस्था की गई थी। पंजीकरण के सत्यापन के लिए हेमकुंड साहिब समेत चारधामों में कर्मचारी तैनात किए गए थे। यह व्यवस्था चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों की संख्या का आंकलन करने के लिए लागू की गई थी, ताकि किसी भी धाम में एक साथ अचानक बड़ी संख्या में तीर्थयात्री न पहुंच पाए और उन्हें किसी भी तरह की परेशानी से बचाया जा सके। इसके अलावा यात्रा रूटों पर 30 से ज्यादा स्थानों पर कैमरे भी लगाए गए थे। तीर्थयात्रियों की सुविधाओं के लिए पर्यटन विभाग की ओर से टोल फ्री नंबर 1364 भी जारी किया गया। तीर्थयात्रियों ने धामों में बुकिंग की स्थिति से लेकर अन्य अपनी शिकायतों का समाधान इस नंबर पर बातचीत कर आसानी से किया। चारधामों में तीर्थयात्रियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए पहली बार स्वास्थ्य विभाग ने यात्रा मार्गों पर नौ स्थानों पर हेल्थ स्क्रीनिंग शुरू की। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ठंड और ऑक्सीजन की कमी से स्वास्थ्य पर पड़ने पर विपरीत प्रभाव के लिए 30 डॉक्टरों को उपचार के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया गया। इसके अलावा हृदय रोगियों के लिए 12 डाक्टरों को कॉर्डियोलॉजी ट्रेनिंग देकर तैनात किया गया।
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