बड़ी खबर : देवस्थानम बोर्ड को भंग करने का फैसला, चारधाम तीर्थ-पुरोहितों की लंबे समय से चल रही थी मांग
30 Nov. 2021 : Dehradun : उत्तराखंड में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के शासनकाल के दौरान बनाए गए देवस्थानम बोर्ड को भंग करने का फैसला लिया गया है। चारधाम और कुछ दूसरे मंदिरों से जुड़े हुए तीर्थ पुरोहित और हक हकूक धारी इसको लेकर लगातार मांग कर रहे थे और विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से मनोहर कांत ध्यानी की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई थी। कमेटी के द्वारा इसी रविवार को मुख्यमंत्री को अपनी रिपोर्ट सौंपी गई थी, जिसके बाद देवस्थानम बोर्ड को भंग करने का फैसला लिया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि मनोहर कांत ध्यानी कमेटी ने भी अपनी रिपोर्ट दी है। जिस पर हमने विचार करते हुए निर्णय लिया है कि हम इस अधिनियम को वापस ले रहे हैं। आगे चल कर हम सभी से बात करके जो भी उत्तराखंड राज्य के हित में होगा उस पर कार्रवाई करेंगे।
दरअसल उत्तराखंड के चारधाम और कुछ दूसरे मंदिरों की प्रशासनिक और दूसरी व्यवस्थाओं को बनाए रखने के लिए देवस्थानम बोर्ड का गठन किया गया था, लेकिन बोर्ड के गठन के बाद से ही चार धाम मंदिरों से जुड़े हुए तीर्थ पुरोहित और हकहकूक धारी लगातार बोर्ड को भंग करने की मांग कर रहे थे। अब सरकार के इस फैसले के बाद हाल ही में कुछ समय के बाद आयोजित होने वाले उत्तराखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र में देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
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