Uttarakhand हरीश रावत और बंशीधर भगत में तीखे आरोप-प्रत्यारोप, भगत बोले हरीश अपने समर्थकों को भड़काकर……
उत्तराखंड में अभी विधानसभा चुनाव एक साल दूर हैं लेकिन उत्तराखंड की राजनीति में गर्माहट आने लगी है। एक तरफ जहां कांग्रेस महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के एक बयान ने कांग्रेस में खलबली मचा रखी है वहीं अब बीजेपी अध्यक्ष बंशीधर भगत ने हरीश रावत पर हमला किया है। आपको बता दें कि हरीश रावत लगातार बयान देकर उत्तराखंड में आने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस का मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का चेहरा घोषित करने की मांग आलाकमान से कर रहे हैं। हरीश रावत की इस मांग को लेकर कांग्रेस के अंदर प्रीतम सिंह और इंदिरा हृदयेश गुट की ओर से लगातार हरीश रावत का विरोध हो रहा है। इस सबके बीच हरीश रावत ने शनिवार को बीजेपी अध्यक्ष बंशीधर भगत पर हमला किया था जिसका जवाब बीजेपी अध्यक्ष बंशीधर भगत ने दिया है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने कहा कि पूर्व सीएम व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत जनता के बाद उनकी पार्टी हाई कमान के द्वारा भी दरकिनार किए जाने से परेशान है। भगत ने उन पर की गए टिप्पणी का सयंमित जबाब देते हुए कहा कि हरीश रावत सुर्ख़ियो में रहने के लिए सुबह शाम नाश्ते की टेबल से लेकर दोपहर और रात में पहाड़ी व्यंजनों और उत्पादों का सहारा लेते रहे है। उनकी खान पान और पहाड़ प्रेम की नोटंकी से अब लोग ऊब गए है। उन्होंने कहा कि अगर, वह पहाड़ और संस्कृति सहित पहाड़ के उत्पादों के प्रति इतने ही सजग होते तो अपने मुख्यमंत्री रहते हुए इस दिशा में ठोस कदम उठाते। कोदा, झंगोरा, गीन्थी,माल्टा और कई पार्टिया करने वाले रावत आज अब खुद को जमीन से जुड़े होने का नाटक लोगो और अपनी पार्टी के लोगो के सामने कर रहे है। असल में हरीश रावत आहत और परेशान है। वह पहले अपने समर्थको को भड़काकर हाई कमान पर दबाव बना रहे थे कि उन्हें मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करे,लेकिन अब हाई कमान ने भी दो टूक उन्हें सुना दी है। भगत ने कहा कि हरीश रावत 2017 में कांग्रेस पार्टी के चेहरा थे, लेकिन उनके कार्यकाल की अराजकता और घपले घोटालो ( जिनको वह विकास कहते हैं ) ने पार्टी का बेडा गर्क कर दिया। उन्होंने कहा की उनके बयान किसी को हंसा सकते है लेकिन हरीश रावत के काम रुला सकते है यह प्रमाणित है। भगत ने हरीश रावत के कार्यकाल को प्रदेश की जनता के लिए सर्वाधिक अराजकता व रुलाने वाला बताते हुए कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान एक कार्यकम में उनके पांव पर लौटती और दुःख से कराह रही महिला की पीड़ा पर भी न पसीजने वाले रावत का हँसता हुआ चेहरा सबको याद है।
दरअसल हरीश रावत ने शनिवार को एक ट्वीट कर कहा था कि भगत के मुंह से कुछ भी बोल निकल पड़ते हैं। हाल में उनके एक बोल के लिये, उनके सीएम को खेद प्रकट करना पड़ा, फिर घोषणा कर डाली कि अमुख नेता सकुटुंब हमारे परिवार का दरवाजा खटखटा रहा है, खैर लोगों ने उनके बयानों को अब गंभीरता से लेना छोड़ दिया है। आजकल अब मुझसे पूछते फिर रहे हैं। जब मैं नौकरी पर सवाल कर रहा हूं तो कहते हैं कि आपने अपने कार्यकाल में नौकरियां क्यों नहीं दी? मैं गैरसैंण को लेकर कुछ सवाल करता हूं तो कहते हैं कि गैरसैंण में यह सब आपने क्यों नहीं किया? भगत जी, यदि मैंने सब कुछ कर दिया होता तो फिर लोग आपको लाते ही क्यों? अब 4 साल मुझको गये हो गये हैं, अब तो आप कुछ कर डालो जिसको बता सको, खैर श्री बंशीधर भगत जी सुबह लोगों के लिये नाश्ते की टेबल पर कुछ हंसने का अच्छा मसाला दे देते हैं।
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