मानसून थमते ही चारधाम यात्रा जोरों पर, एक दिन में पहुंच रहे 20 हजार से अधिक श्रद्धालु, धामी सरकार के बेहतर यात्रा प्रबंधन ने जीता यात्रियों का विश्वास
1 October. 2024. Rudraprayag. प्रदेश सरकार के बेहतर यात्रा प्रबंधन और सुरक्षा इंतजामों के चलते चार धाम यात्रा को लेकर यात्रियों में भारी उत्साह है। मानसून थमते ही यात्रा ने फिर रफ्तार पकड़ ली है। बीते दिवस 30 सितंबर को 20497 श्रद्धालु चार धाम दर्शन को पहुंचे। इनमें केदारनाथ धाम में सर्वाधिक 7350 तीर्थयात्री पहुंचे। अभी तक के पूरे यात्राकाल की संख्या पर नजर दौडाएं तो करीब 38 लाख श्रद्धालु चारधाम दर्शन को आ चुके हैं। केदारघाटी आपदा से निपटने में सरकार ने पूरी ताकत झोंककर जिस तेजी से स्थिति को सामान्य बनाया है, उससे यात्रियों का सरकार के प्रति विश्वास गहराया है। यात्री पूरे उत्साह और आस्था के साथ बाबा केदार के दर्शन को उमड़ पड़े हैं।
चारधाम यात्रियों की सुरक्षा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। मुख्यमंत्री के इस ध्येय वाक्य के अनुसार राज्य सरकार के यात्रा इंतजामों और व्यवस्थाओं का असर यात्रा पर दिखाई दिया है। केदारघाटी में 31 जुलाई को आई बड़ी आपदा का जिस प्रकार सरकार ने सामना किया, उसकी आम यात्रियों ने खुले दिल से तारीफ की है। पैदल मार्ग और पड़ावों पर फंसे यात्रियों और स्थानीय निवासियों को सुरक्षित निकालने में जरा भी देरी नहीं की गई। करीब 18 हजार लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू कर उन्हें उनके गंतव्य तक सुरक्षित पहुंचा दिया गया। यही नहीं केदारघाटी में आम जनजीवन को बहाल करते हुए पैदल यात्रा मार्ग को सुधार कर यात्रा भी शुरू कर दी गई।
अब दूसरे चरण की यात्रा जोर पकड़ गई है। अक्टूबर और नवंबर माह में भी यात्रा के लिए बड़ी संख्या में यात्रियों ने पंजीकरण कराया है। 30 सितंबर को हेमकुंड और गोमुख समेत 22 हजार 244 श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर पहुंचे। इनमें केदारनाथ के अलावा बदरीनाथ में 6811, गंगोत्री 3619, यमुनोत्री 2717, हेमकुंट 1632 और 115 श्रद्धालु गोमुख पहुंचे।
रिकॉर्ड बनाएगी चारधाम यात्रा
इस यात्राकाल में बीते दिवस 30 सितंबर तक कुल 37 लाख 91 हजार 205 यात्री चारधाम दर्शन को आ चुके हैं जबकि बीते वर्ष पूरे यात्राकाल में 56.13 लाख यात्री पहुंचे थे। इसी प्रकार वर्ष 2022 में 46.29 लाख और वर्ष 2019 में 34.77 लाख यात्री चारधाम दर्शन को पहुंचे। वर्ष 2020 और 2021 में कोरोना संक्रमण के चलते यात्रा प्रभावित रही। इन दो वर्षों में यात्री संख्या क्रमशः 3.30 लाख और 5.29 लाख रही।
इस वर्ष 17 दिन की देरी से शुरू हुई चारधाम यात्रा
इस वर्ष चारधाम यात्रा 10 मई से शुरू हुई है जबकि पिछले वर्ष 23 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही यात्रा का श्रीगणेश हो गया था। तब केदारनाथ के कपाट 25 अप्रैल और बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को खुले थे। इस वर्ष गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट 17 दिन बाद यानी 10 मई को खुले हैं, जबकि बदरीनाथ धाम की यात्रा 12 मई से शुरू हुई है। यात्रा अभी अगले माह नवंबर तक चलेगी।
केदारघाटी आपदा से भी प्रभावित रही यात्रा
केदारघाटी में 31 जुलाई की रात आई भीषण आपदा का असर भी यात्रा पर पड़ा है। हालांकि धामी सरकार ने तेजी से राहत और बचाव कार्य करते हुए कुछ दिनों के अंतराल में ही आम जनजीवन को बहाल कर दिया लेकिन सुरक्षा कारणों से यात्रा को कई दिनों के लिए रोक दिया गया था।
बेहतर यात्रा प्रबंधन पर नजर
-केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर बनाए गए बीस पार्किंग स्थल।
-पार्किंग प्रबंधन के लिए एक क्यूआर कोड-आधारित प्रणाली।
-यातायात प्रबंधन के लिए सेक्टर मजिस्ट्रेट की तैनाती।
-यात्रा पर निगरानी के लिए 850 सीसीटीवी कैमरे और 8 ड्रोन।
-यात्रियों की सुविधा के लिए 56 पर्यटन सहायता केंद्रों की स्थापना।
-ट्रैक रूट को साफ करने के लिए कुल 657 पर्यावरण मित्रों की तैनाती।
-स्वास्थ्य विभाग की ओर से यात्रा मार्ग पर 50 स्क्रीनिंग कियोस्क की स्थापना। स्वास्थ्य मित्र हैं तैनात।
-यात्रा मार्ग पर 156 एम्बुलेंस तैनात। 8 ब्लड बैंक और 2 भंडारण इकाइयां स्थापित
-49 स्थायी स्वास्थ्य सुविधाएं और 26 चिकित्सा राहत पोस्ट। 22 विशेषज्ञ, 179 चिकित्सा अधिकारी और 299 पैरामेडिकल स्टाफ तैनात।
कोट—
सुगम, सुरक्षित, सुलभ और सुव्यवस्थित चारधाम यात्रा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। देश-विदेश से हर वर्ष लाखों श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर आते हैं। यात्रियों को सुरक्षित वातावरण प्रदान करने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध हैं। चारधाम यात्रा राज्य की आर्थिकी से भी जुड़ी है। राज्य में आज जिस तेजी के साथ श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है, उसे देखते हुए हमें यात्रा व्यवस्थाओं को और विस्तार देना होगा। इसकी कवायद भी शुरू कर दी गई है। इस बार केदारघाटी आपदा के चलते व्यवस्थाएं प्रभावित हुई, लेकिन सरकार ने इस कठिन चुनौती का भी दृढ़तापूर्वक सामना कर केदार यात्रा को बहाल किया। – पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड
Chardham Yatra in full swing as soon as monsoon stops
Dhami government’s better travel management wins trust of pilgrims
More than 20,000 devotees arriving in a day. 7350 pilgrims reached Kedarnath Dham on Monday
So far 38 lakh pilgrims have come for darshan in this Yatra period
Dehradun: Due to better travel management and security arrangements of the state government, there is a lot of enthusiasm among pilgrims about the Char Dham Yatra. As soon as the monsoon stops, the journey has again picked up pace. On the last day, on 30 September, 20,497 devotees reached Char Dham for Darshan. Of these, the highest number of 7,350 pilgrims reached Kedarnath Dham. If we look at the number of the entire Yatra period so far, about 38 lakh devotees have come for Chardham Darshan. The speed with which the government has put all its strength to deal with the Kedar Ghati disaster and made the situation normal, has deepened the faith of the pilgrims towards the government. Pilgrims have flocked to visit Baba Kedar with full enthusiasm and faith.
The safety of the Chardham pilgrims has been the top priority of Chief Minister Pushkar Singh Dhami. According to this motto of the Chief Minister, the effect of the travel arrangements and arrangements of the state government has been visible on the Yatra. The way the government dealt with the major disaster that occurred in Kedarghati on July 31, has been praised wholeheartedly by the common pilgrims. There was no delay in the safe evacuation of the pilgrims and local residents stranded on the footpath and halts. About 18,000 people were rescued safely and were safely taken to their destination. Not only this, the Yatra was also started by improving the footpath while restoring normal life in Kedarghati.
Now the second phase of the Yatra has gained momentum. A large number of pilgrims have registered for the Yatra in the months of October and November as well. On 30 September, 22,244 devotees including those of Hemkund and Gomukh reached the Chardham Yatra. Apart from Kedarnath, 6811 pilgrims reached Badrinath, 3619 Gangotri, 2717 Yamunotri, 1632 Hemkund and 115 pilgrims reached Gomukh.
Chardham Yatra will set a record
During this Yatra period, till 30th September, a total of 37,91,205 pilgrims have come for Chardham Darshan; whereas last year 56.13 lakh pilgrims had arrived during the entire Yatra period. Similarly, 46.29 lakh pilgrims arrived for Chardham Darshan in the year 2022 and 34.77 lakh pilgrims arrived in the year 2019. Yatra was affected due to corona infection in the year 2020 and 2021. The number of pilgrims in these two years was 3.30 lakh and 5.29 lakh respectively.
This year the Chardham Yatra started with a delay of 17 days
This year the Chardham Yatra started from 10 May, whereas last year the opening of the doors of Gangotri and Yamunotri Dham on 23 April started the journey. Then the doors of Kedarnath were opened on 25 April and the doors of Badrinath Dham on 27 April. This year the doors of Gangotri, Yamunotri and Kedarnath Dham opened 17 days later i.e. on 10 May, while the journey to Badrinath Dham started on 12 May. The journey will continue till November next month.
The journey was also affected by the Kedarghati disaster
The terrible disaster that occurred in Kedarghati on the night of 31 July has also affected the journey. Although the Dhami government carried out rapid relief and rescue work and restored normal life within a few days, but the journey was stopped for several days due to security reasons.
Focus on better travel management
- 20 parking lots built on the Kedarnath Dham Yatra route.
- A QR code-based system for parking management.
- Sector magistrates deployed for traffic management.
- 850 CCTV cameras and 8 drones to monitor the journey.
- Establishment of 56 tourism help centers for the convenience of the travellers.
- A total of 657 environment friends deployed to clean the track route.
- Establishment of 50 screening kiosks on the Yatra route by the Health Department. Health friends are deployed.
- 156 ambulances deployed on the Yatra route. 8 blood banks and 2 storage units established.
- 49 permanent health facilities and 26 medical relief posts. 22 specialists, 179 medical officers and 299 paramedical staff deployed.
- Quote— “Smooth, safe, accessible and well-organized Chardham Yatra is the top priority of our government. Every year lakhs of devotees from the country and abroad come on Chardham Yatra. Our government is committed to providing a safe environment to the travellers. Chardham Yatra is also linked to the economy of the state. Seeing the speed with which the number of devotees is increasing in the state today, we have to expand the travel arrangements further. The exercise for this has also been started. This time the arrangements were affected due to the Kedarghati disaster, but the government faced this difficult challenge firmly and restored the Kedar Yatra.”
Pushkar Singh Dhami
Chief Minister, Uttarakhand
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