अल्मोड़ा शहर की शान, दो पेड़ो की प्रेम कहानी खत्म, भावुक हुए लोग, बोले कई यादें जुड़ी हैं
हमारे अल्मोड़ा ( Almora) की पहचान, विश्व में कुछ ही जगह इतना बड़ा bougainvillea है। उनमें से ये भी एक था। 300 वर्ष से भी अधिक प्राचीन ये दो पेड़ो की प्रेम कहानी आज समाप्त हुई। deodar_bougainvillea (देवदार – वेगनवेलिआ) न जाने कितने मौसम इन दोनों ने साथ बिताए, न जाने कितने झेले, आज पिछले दिन से लगातार वर्षा का कहर ये दोनों नहीं सहन कर पाए और साथ चले गए।
प्राण तो उनमें भी थे ही, पर प्रकृति के सामने हम सब कुछ नहीं, उसे जो सही लगता है वो वह करती है, सबका अपना समय होता है, उसके बाद प्रकृति भी बदलाव लाती है।
अल्मोड़ा की शान कहे जाने वाले ये पेड़ मालरोड में चौघानपाटा मे स्थित थे, देवदार के पेड़ को पुरा घेर कर बैगनबोलिया का इतना बडा पेड़, शायद उत्तराखंड या भारत में भी नहीं होगा और अपने साथ ये इतिहास को समटे हुए थे। देवदार और बेगनबोलिया बेल की जुगलबन्दी देखने लायक होती थी, मई से जून तक फूलों से भरा रहने वाला ये दृश्य पर्यटकों और स्थानीय लोगो को एक झलक ठहरने को विवश जरूर करता था। ये वर्तमान दौर में नवयुवकों और पर्यटको के लिए जबरदस्त सेल्फी पॉइंट बन चुका था।
अल्मोड़ा में शिखर होटल के मालिक और पुर्व होटल एसोसियेशन के अध्यक्ष राजेश बिष्ट ने बताया की उन्होंने माननीय जिलाधिकारी नितिन भदौरिया से इस सम्बन्ध में बातचीत की है, जिलाधिकारी ने बताया कि पुनः उक्त स्थान में पेड़ लगाकर उक्त स्थान की गरिमा बनायी रखी जायेगी।
अल्मोड़ा से देवेन्द्र बिनवाल
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