Haldwani News वनभूलपुरा के बाद अब यहां हटाया जा रहा अतिक्रमण, लगाए लाल निशान, मौके पर भारी पुलिस बल तैनात
2 March. 2024. Haldwani. हल्द्वानी में बनभूलपुरा के बाद अब प्रशासन द्वारा गौलापार के बागजाला में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू हो गई है। वन विभाग, प्रशासन और पुलिस ने संयुक्त रूप से यह कार्यवाही की है। जिसमें आज आठ अवैध निर्माणाधीन मकानों को जेसीबी से तोड़ा गया है। यह सभी मकान वन विभाग की भूमि पर बने हुए थे, जिन्हें वही के रहने वाले कुछ भू माफियाओं ने स्टैम्प पर बेच था।
विभाग द्वारा पूर्व में इन सभी को नोटिस भी जारी किया गया था। इसके बाद आज यह कार्यवाही की गई है। कार्यवाही के दौरान एसडीएम हल्द्वानी परितोष वर्मा, एसपी क्राइम हरबंश सिंह, सीओ नितिन लोहनी, तहसीलदार सचिन कुमार समेत बड़ी संख्या में पुलिस, प्रशासन और वन विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।
इस दौरान एसडीएम हल्द्वानी पारितोष वर्मा ने बताया वन भूमि में अवैध मकान बने हुए थे, जिसको खाली करने के लिए प्रशासन से सहयोग मांगा गया था। ऐसे में आज पुलिस वन विभाग के साथ-साथ सँयुक्त रूप से या कार्यवाही की गई है। वहीं वन विभाग के एसडीओ ने कहा वन भूमि पर किसी भी तरह से अतिक्रमण नहीं होने दिया जाएगा।
वही एसपी क्राइम हरबंस सिंह ने बताया कार्यवाही के लिए पर्याप्त मात्रा में पुलिस फोर्स तैनात की गई है, फिलहाल प्रशासन वन भूमि को अवैध तरीके से बेचे जाने वाले भू माफिया पर शिकंजा कसने की तैयारी भी कर रहा है उनको चिन्हित किया जा रहा है।
वहीं, तराई पूर्वी वन प्रभाग के गौला रेंज के बागजाला में बड़े पैमाने पर कब्जा हुआ है। यहां लीज अवधि खत्म होने के बाद न तो लोगों ने लीज नवीनीकरण कराया और न ही वन भूमि को खाली किया है। इसी तरह सौ हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में वन भूमि पर कब्जा हो चुका है। इसको लेकर वन विभाग आंख बंद किए रहा। यह भूमि स्टांप पर खुर्द-बुर्द की गई है। इसकी जांच कराने की बात हुई, पर महीनों तक जांच पूरी न हो सकी।
अब अतिक्रमण हटाने को लेकर नए सिरे से कोशिश तेज हुई तो जंगलात ने भी प्रयास तेज किए हैं। हाल में वन विभाग की टीम ने इलाके में ड्रोन सर्वे भी किया है। इकसे अलावा जो निर्माण काम हुए हैं। उनकी जीआई मैपिंग भी कर रहा है।
शहर में एक बार फिर अतिक्रमण हटाओ अभियान की तैयारी हो गई है। बनभूलपुरा के बाद अब गौलापार क्षेत्र के बागजाला में वन विभाग की भूमि पर अतिक्रमणकारियों पर गाज गिरने जा रही है। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है।
आपको बता दें कि बागजाला क्षेत्र में वर्षों पहले वन विभाग की ओर से लीज पर कुछ लोगों को जमीन दी गई थी। ये लीज 2008 में पूरी हो गई थी। लेकिन वन विभाग ने इस लीज को रिन्यूएबल नहीं किया था। ऐसा यहां के लोगों का कहना है। इस बीच यहां अनेक पक्के निर्माण कर दिये गये थे। वन विभाग के अधिकारियों ने यहां अतिक्रमण को चिन्हित कर वहां निशान लगा दिए थे।
वन विभाग ने इलाके में ड्रोन के जरिए कब्जे की स्थिति को जानी और फोटोग्राफी भी कराई। हालात देख वन विभाग के अफसर दंग रह गए। अगर अंतरराष्ट्रीय चिड़ियाघर की चाहरदीवारी न होती तो इस मेगा प्रोजेक्ट की भूमि पर भी कब्जा होने की आशंका थी। अब वन विभाग अतिक्रमणकारियों से भूमि खाली कराने की तैयारी में जुटा है।
वहीं, तराई पूर्वी वन प्रभाग के गौला रेंज के बागजाला में बड़े पैमाने पर कब्जा हुआ है। यहां लीज अवधि खत्म होने के बाद न तो लोगों ने लीज नवीनीकरण कराया और न ही वन भूमि को खाली किया है। इसी तरह सौ हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में वन भूमि पर कब्जा हो चुका है। इसको लेकर वन विभाग आंख बंद किए रहा। यह भूमि स्टांप पर खुर्द-बुर्द की गई है। इसकी जांच कराने की बात हुई, पर महीनों तक जांच पूरी न हो सकी।
अब अतिक्रमण हटाने को लेकर नए सिरे से कोशिश तेज हुई तो जंगलात ने भी प्रयास तेज किए हैं। हाल में वन विभाग की टीम ने इलाके में ड्रोन सर्वे भी किया है। इकसे अलावा जो निर्माण काम हुए हैं। उनकी जीआई मैपिंग भी कर रहा है।
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