पति की बीमारी के बाद खुद स्टीयरिंग संभाल लिया, पढ़िए उत्तराखंड की इस महिला टैक्सी ड्राईवर की कहानी
20 May. 2023. Bageshwar. आज आपको उत्तराखंड की एक ऐसी महिला टैक्सी ड्राइवर से मिलवाते हैं जो शायद उत्तराखंड के पहाड़ों की पहली महिला टैक्सी ड्राइवर है। इस महिला टैक्सी ड्राइवर की कहानी भी काफी दर्द भरी है, मजबूरी में उस महिला को अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए टैक्सी ड्राइवर का काम करना शुरू करना पड़ा, लेकिन इस सब के पीछे उसकी हिम्मत का कोई जवाब नहीं है।
यह महिला ड्राइवर आपको अल्मोड़ा और बागेश्वर के बीच में टैक्सी चलाते हुए मिल जाएगी, इस महिला ड्राइवर का लोगों के साथ बातचीत करने का अंदाज भी काफी निराला है और इसी कारण इस महिला ड्राइवर को काफी सवारियां भी इस रास्ते में मिल जाती हैं।
दरअसल बागेश्वर जिले के जैन करास निवासी 32 वर्षीय सुरेश जोशी स्नातक पास हैं, वो अल्मोड़ा में एक दुकान में काम करते थे, सैलरी कम थी और बैंक से ऋण लेकर टैक्सी खरीद ली और चलाने लगे, लेकिन वह बीमार पड़ गए। लेकिन उनकी बीमारी के बाद उनकी पत्नी ममता जोशी ने उनका पूरा साथ दिया, बैंक की किश्त, घर का खर्च और दवाइयों के लिए पैसा आदि को लेकर उनकी पत्नी 29 वर्षीय ममता परेशान नहीं हुई बल्कि पति का उपचार कराया और टैक्सी चलाना सीखा। 3 वर्ष की बेटी हरिप्रिया की भी देखभाल की और घर का काम भी निपटाया। ममता ने किसी की परवाह किए बगैर घर खर्च के लिए गाड़ी चलाना सीखा।
ममता का मायका अल्मोड़ा जिले के लंमगड़ा में है, वो 12वीं तक पास हैं, बीमारी के बारे में मैंने काफी हिम्मत दिखाई और अब उनके परिवार को कोई परेशानी नहीं हो रही।
ममता की हिम्मत देखकर इलाके के अन्य महिलाओं और लड़कियों को भी काफी उत्साह मिल रहा है, लोगों में इस महिला की काफी तारीफ हो रही है, साथ ही यह खुद की मेहनत से महिला सशक्तिकरण का एक नायाब उदाहरण भी है।
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