Uttarakhand चीन से तनाव के बीच 192 गढ़वाली युवा सेना में शामिल, दुश्मन के दांत खट्टे करने की खाई कसम
एक तरफ जहां पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच हिंसक झड़प के बाद भारत और चीन के बीच में रिश्ते तनावपूर्ण चल रहे हैं, वही देश के अंदर युवाओं में देशभक्ति की भावना प्रबल होती जा रही है, इसका एक उदाहरण देखने को मिला गढ़वाल राइफल्स रेजिमेंटल सेंटर लैंसडाउन में। यहां 192 गढ़वाली युवा देश की रक्षा के खातिर मर मिटने के लिए भारतीय सेना की गढ़वाल राइफल में शामिल हो गए। शनिवार को लैंसडाउन स्थित भवानी दत्त परेड ग्राउंड में कसम परेड का आयोजन किया गया, परेड की सलामी कर्नल कुणाल सिन्हा ने ली।
कर्नल कुनाल सिन्हा ने युवाओं को अपने संबोधन में देश की रक्षा के खातिर इनका फर्ज बताया। कसम परेड में कोर-92 में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए राइफलमैन साहिल सजवाण को गोल्ड, राइफलमैन अंकित सिंह को रजत व राइफलमैन खजान सिंह को कांस्य पदक दिया गया। राइफलमैन अमित को सर्वश्रेष्ठ ड्रिल, राइफलमैन विजय सिंह को बेस्ट फायरिंग और राइफलमैन महेंद्र सिंह को बेस्ट फिजिकल के लिए पुरस्कृत किया गया। हवलदार राकेश नेगी ( डी कंपनी) को उत्तम प्रशिक्षक व सूबेदार विनोद सिंह (डी कंपनी) को उत्तम प्लाटून कमांडर का पुरस्कार दिया गया। कोर्स में सभी प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए चैंपियनशिप बैनर ‘डी कंपनी’ के सीनियर जेसीओ सूबेदार प्यारे लाल ने ग्रहण किया।
कर्नल सिन्हा ने बताया कि परेड के दौरान रंगरूटों ने राष्ट्रीय ध्वज को साक्षी मानकर व धार्मिक ग्रंथ गीता को स्पर्श कर शपथ ग्रहण की। कोरोना वायरस के चलते परेड के दौरान जहां सामाजिक दूरी का पालन किया गया, वहीं कोविड-19 के चलते नवप्रशिक्षित कैडेट्स के स्वजन परेड में शामिल नही हो पाए।
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