मोदी की ऐतिहासिक चीन यात्रा, पढ़िए क्या बातचीत हुई दोनों देशों में
चीन यात्रा के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनपिंग के बीच अनौपचारिक मुलाकात के दौरान दोनों नेताओँ ने आज ईस्ट लेक गेस्टहाउस कॉम्पलेक्स स्थित झील के किनारे चहलकदमी की। इस दौरान दोनों नेताओं ने कई अहम मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच एक दोस्ताना संबंध भी देखने को मिला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनपिंग इस दौरान एक दूसरे को कुछ समझाते भी देखे गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान राष्ट्रपति शी चिनपिंग के साथ चाय पर चर्चा भी की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दो दिवसीय चीन दौरे के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी चिनपिंग के साथ उनकी गंगा सफाई समेत कई अहम मुद्दों पर बात हुई है। पीएम मोदी की चीन यात्रा को लेकर विदेश मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानाकारी देते हुए कहा कि मीटिंग में दोनों नेताओं के बीच सीमा पर तनाव को कम करने को लेकर सहमति दिखी और दोनों ने कहा कि वे अपनी सेनाओं को स्ट्रैटेजिक गाइडेंस देंगे। विदेश मंत्रालय के सचिव विजय गोखले ने बताया कि दोनों नेताओं के बीच व्यापार संतुलन को लेकर भी बातचीत हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी चिनपिंग के बीच आतंकवाद के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। विदेश मंत्रालय के सचिव विजय गोखले ने बताया कि दोनों देशों के नेताओं ने आतंकवाद से लड़ने के प्रति प्रतिबद्धता जताई।
इससे पहले कल प्रधानमंत्री मोदी ने वुहान में राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक में भी शिरकत की। इस दौरान प्रधानमंत्री ने चीनी राष्ट्रपति की मेहमान नवाज़ी के लिए शुक्रिया अदा किया। साथ ही उन्होने सकारात्मक माहौल में हो रही इस अनौपचारिक शिखर वार्ता के लिए धन्यावाद भी दिया। प्रधानमंत्री ने इस दौरान कहा कि दोनों देश मिलकर लगभग दुनिया की 40 फीसदी आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं। ऐसे में ये शिखर वार्ता सिर्फ दो नेताओं के बीच ही नहीं है बल्कि इसके संदर्भ में ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व है और सदियों तक दोनों देशों ने दुनिया के 50 फीसदी अर्थव्यस्वथा को ताक़त दी और इसमें भारत और चीन का योगदान ज़्यादा रहा ।प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया की एक बड़ी आबादी के हित के लिए दोनों देशों का आपसी सहयोग बढ़ाना दोनों के बीच सामंजस्य स्थापित करना एक अहम क़दम है। उन्होने कहा कि विश्व शांति,स्थिरता और समृद्धि के लिए भारत और चीन मिलकर एक बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। उन्होने कहा कि दोनों देशों के बीच के समान सोच,सपने,संकल्प,संपर्क और सहयोग अगर मिलें तो ये विश्व में समृद्धि का एक नया आयाम हो सकता है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस अनौपचारिक शिखर वार्ता के दौरान कहा कि भारत और चीन दोनों ही बड़ी जनसंख्या वाले देश हैं। ऐसे में एक दूसरे के विकास और भविष्य के लिए दोनों का आपसी सहयोग ज़रूरी है। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी और चीन के राष्ट्रपति ने आज हुबई म्यूज़ियम का दौरा किया। वहां उन्होंने बिओनजोंग संगीत का आनंद लिया। इस संगीत को तांबे की बनी घंटियों के ज़रिए बजाया जाता है। हुबई संग्रहालय में कई तांबे की घंटियां 2 हज़ार साल पुरानी भी हैं। हुबई संग्रहालय में बिओनजोंग संगीत सुनने के बाद दोनों ही नेताओं ने एक दूसरे से मुलाक़ात की। गर्मजोशी भरी इस मुलाक़ात में दोनों नेताओं ने एक दूसरे का अभिवादन किया।
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