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पिथौरागढ़ पर पलायन आयोग की रिपोर्ट, आंकड़े चौंका देंगे आपको, जरूर पढ़ें

पिथौरागढ़ पर पलायन आयोग की रिपोर्ट, आंकड़े चौंका देंगे आपको, जरूर पढ़ें

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by December 6, 2019 News

उत्तराखंड राज्य पलायन आयोग, राज्य के विभिन्न जिलों में पलायन की समस्या को लेकर अपनी रिपोर्ट तैयार कर रहा है। इसी कड़ी में पलायन आयोग ने पिथौरागढ़ जिले पर अपनी रिपोर्ट तैयार की, जिसमें पिथौरागढ़ जिले से जुड़े कई रोचक आंकड़े मौजूद हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि पलायन आयोग ने इन आंकड़ों और रिपोर्ट को राज्य की सरकार को सौंप दिया। अब सरकार इस रिपोर्ट के आधार पर अपनी नीतियां बनाने की कोशिश करेगी, ताकि राज्य से पलायन की समस्या से निजात मिल सके। आपको इस रिपोर्ट में दिए गए कुछ आंकड़ों के बारे में बताते हैं जो आपको चौंका देंगे….

जिले के अधिकतर इलाकों में 62.83 फीसद परिवारों की मासिक आय पांच हजार रुपये से कम है। 19.78 फीसद परिवारों की मासिक आय पांच से 10 हजार और 17.39 फीसद की 10 हजार रुपये से अधिक है। रिपोर्ट के अनुसार पिथौरागढ़ के 973 गांव के 40670 लोग स्थाई या अस्थाई रूप से पलायन कर चुके हैं । मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को सौंपी गई इस रिपोर्ट में पिथौरागढ़ जिले से पलायन को रोकने के लिए कुछ सुझाव भी दिए गए, लोगों की आजीविका के साधनों को बढ़ाने और आर्थिक रूप से मजबूत करने के सुझाव दिए गए हैं, दैनिक जागरण अखबार की रिपोर्ट के अनुसार….( Problem of migration from Uttarakhand and it’s Solution, Report on migration from Pithoragarh district)

आयोग की सलाह और सुझाव….

-पिथौरागढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल व सिंचाई सुविधा पर हो फोकस

-कृषि बागवानी में जलवायु परिस्थितियों को रखा जाए ध्यान में

-योजनाओं और उनके क्रियान्वयन को सामाजार्थिक उत्थान व ग्रामीण विकास को अपनाएं महिला केंद्रित दृष्टिकोण

-उन्नत कृषि, प्रौद्योगिकी, खाद्य फल प्रसंस्करण, डेयरी, दुग्ध उत्पाद प्रसंस्करण, आतिथ्य में कौशल विकास पर जोर

-ग्रामीण इलाकों में पलायन रोकने को ग्रोथ सेंटर की स्थापना हो ध्यान केंद्रित

-मनरेगा में महिलाओं के कौशल विकास को प्राथमिकता मिले

-वन्यजीवों से फसल सुरक्षा को बने ठोस कार्ययोजना

-आजीविका विकास को स्वयं सहायता समूहों को दें बढ़ावा

-होटल, रिसार्ट, गेस्ट हाउस के लिए स्थापित हो सीधी श्रृंखला

-सभी ब्लाकों में हो कृषि का विविधीकरण

-किसान समूहों, नर्सरियों को मिले बढ़ावा

-क्षेत्र में बकरीपालन, मुर्गीपालन व चारा विकास को बढ़ावा देने की जरूरत

-स्थानीय उत्पादों को होटल उद्योग के साथ जोड़ा जाए

-होम स्टे का हो समान वितरण, होम स्टे के साथ टै्रकिंग जैसी गतिविधियां जुड़ें

-पिथौरागढ़ के लिए नियमित वाणिज्यिक हवाई उड़ानें हों शुरू

-एमएसएमई को बढ़ावा देने को बने ब्लाकवार योजना, अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित उत्तराखंड के समाचारों का एकमात्र गूगल एप फोलो करने के लिए क्लिक करें….Mirror Uttarakhand News.

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