उत्तराखंड में अब पारंपरिक तरीके से घर या होटल बनाने वाले रहेंगे फायदे में, पढ़िए कैसे
उत्तराखंड में अगर आप पहाड़ों की पारंपरिक शैली से घर बनाते हैं तो अब आपको फायदा होने वाला है! उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मीडिया से बातचीत में कहा कि राज्य की नई भवन निर्माण नीति के अनुसार अब जो भी व्यक्ति राज्य की पारंपरिक शैली से घर या होटल बनाएगा उसको बाकी आधुनिक भवनों की अपेक्षा एक मंजिल और बनाने की छूट दी जाएगी! आपको बता दें कि उत्तराखंड में यहां की भौगोलिक परिस्थिति के अनुसार अलग-अलग जगहों पर अलग अलग शैली के घर बनाए जाते थे !अधिकतर आप देखेंगे कि उत्तराखंड में पुराने पारंपरिक घरों में पटाल और पत्थर का इस्तेमाल होता है ।
इसके अलावा लकड़ी का भी उपयोग किया जाता है, वहीं पारंपरिक घरों में लकड़ियों के नक्काशीदार डिजाइन बनाए जाते हैं और पारंपरिक तरीके की खिड़की और दरवाजे लगाए जाते हैं ।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि जौनसार भाबर चमोली और पिथौरागढ़ जिले के ऊपरी इलाकों और बाकी जिलों में वहां के पारंपरिक भवनों पर एक नीति तय की जा रही है जिसमें यहां की संस्कृति और परंपरा को बढ़ावा देने वाले लोगों को फायदा दिया जाएगा। दरअसल अब पहाड़ों में या यूं कहें कि पूरे राज्य में सीमेंट और लेंटर वाले घरों को तरजीह दी जा रही है जिससे यहां की पारंपरिक संस्कृति और पारंपरिक घर खत्म होते जा रहे हैं। पारंपरिक घरों का निर्माण इस तरह से किया जाता था कि ये ठंड के दिनों में गर्म रहते थे और गर्मी के दिनों में ठंडे।
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