Uttarakhand क्वारंटीन में गये मुख्यमंत्री ने स्काइप से मीडिया से बात की, क्या कहा पढ़िए
उत्तराखंड में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के कोरोनावायरस संक्रमित पाए जाने के बाद मुख्यमंत्री सहित उनके मंत्रिमंडल के कुछ मंत्री सेल्फ क्वॉरेंटाइन पर हैं, पिछले कुछ दिनों से सेल्फ क्वॉरेंटाइन में रह रहे मुख्यमंत्री ने स्काइप के जरिए मीडिया से बातचीत की, आइए आपको बताते हैं कि क्या कहा मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने….
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में अभी तक लगभग 2 लाख के करीब लोग वापस लौटे हैं। इनका विवरण तैयार किया जा रहा है। प्रदेश में केंद्र सरकार की गाईडलाईन के अनुसार आने वालों की स्क्रिनिंग, टेस्टिंग और क्वारेंटाईन की व्यवस्था की जा रही है। राज्य में कोराना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, परंतु हमारी पूरी तैयारी है। लगभग 14 हजार बैड संस्थागत फेसिलिटी में उपलब्ध हैं। आईसीयू, वेंटिलेटर के साथ ही चिकित्सकों और पेरामेडिकल स्टाफ की संख्या में इजाफा किया गया है। भारत सरकार ने 8 जून से धार्मिक स्थलों को खोलने की अनुमति दी है। चारधाम यात्रा को सीमित, नियंत्रित और सुरक्षित रूप से शुरू करने पर विचार किया जाएगा। परिस्थितियों के अनुरूप इसे लेकर निर्णय लिया जाएगा। पर्यटन से जुड़े लोगो को राहत देने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। प्रदेश की अर्थव्यवस्था को दुबारा गति देने के लिए बहुत सी आर्थिक गतिविधियों को शुरू किया गया है। रजिस्ट्री, स्टाम्प आदि से सरकार को राजस्व मिलने लगा है। युवाओं और प्रदेश में लौटे लोगों के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना प्रारम्भ की गई है और भी बहुत सी योजनाओं पर काम किया जा रहा है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। औद्योगिक इकाईयों को संचालन की अनुमति दी गई है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा है कि मोदी 2.0 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने बड़े ऐतिहासिक फैसले लिए। देश के रक्षा क्षेत्र को मजबूत किया। धारा 370 और 35 ए को खत्म कर नया इतिहास लिखा। तत्काल तीन तलाक को खत्म कर मुस्लिम बहनों को बड़ी राहत दी। नागरिकता संशोधन कानून को मंजूरी दी गई। राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया गया। कारपोरेट टैक्स और आयकर में रियायत दी गईं। सामाजिक सुरक्षा के दायरे को बढ़ाते हुए छोटे दुकानदारों के लिए पेंशन योजना की शुरूआत की गई। हर घर जल, हर घर नल योजना पर टाईमबाउंड तरीके से काम चल रहा है। एक देश एक राशन कार्ड योजना लागू की गई है।
स्काईप के माध्यम से मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रधानमंत्री द्वारा सही समय पर लिए गए सही निर्णय से भारत में कोरोना वायरस से उतना नुकसान नहीं हुआ जैसी कि सम्भावना जताई जा रही थी। लाॅकडाउन से संक्रमण की दर को नियंत्रित किया गया। बेहतर व्यवस्था से कोरोना संक्रमण मामलों में मृत्यु दर भारत में 2.9 प्रतिशत रही जबकि वैश्विक मृत्यु दर इससे कहीं अधिक है। अस्पतालों में पीपीई किट, टैस्टिंग किट, आईसीयू, वेंटिलेटर आदि की पर्याप्त व्यवस्था कर ली गई है। देश में आज लगभग 4.5 लाख पीपीई किट का रोजाना उत्पादन हो रहा है। सेनेटाईजेशन, मास्क, फिजीकल डिस्टेंसिंग को लेकर लोग जागरूक हुए हैं। इस दौरान आम जन को राहत पहुंचाने की पूरी कोशिश की गई है। उज्ज्वला लाभार्थियों को मुफ्त गैस सिलेंडर उपलब्ध कराए गए हैं। 8 करोड़ लोगों 5 किलो चावल या गेहूं और 1 किलो दाल तीन माह तक निशुल्क दी जा रही है। देश के करीब 9 करोड़ किसानों के खाते में पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 2-2 हजार रूपए डाले गए। करीब 3 करोड़ वृद्ध, विधवा, विकलांग जनों को 3 माह की पेंशन एडवांस दी गई। लगभग 40 करोड़ महिला जनधन खाताधारकों के खाते में डीबीटी से पैसा भेजा गया। 2 करोड़ से अधिक श्रमिकों को आर्थिक मदद मुहैया करवाई गई।
प्रधानमंत्री ने 20 लाख करोड़ रूपए का पैकेज प्रदान किया जिससे आत्मनिर्भर भारत का मार्ग प्रशस्त हो रहा है। इस पैकेज द्वारा मजदूरों, किसानों और गांवों को मजबूती मिलेगी। इसमें एमएसएमई सेक्टर को भी बूस्ट करने के लिए बहुत से महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं। इसका फायदा राज्य के एमएसएमई क्षेत्र को भी मिलेगा। मनरेगा के लिए 40 हजार करोड़ रूपए का अतिरिक्त आंवटन करने से गांवों में रोजगार के अवसर बड़ी संख्या में उपलब्ध होंगे। इससे विशेष तौर अपने गांव लौटे प्रवासी श्रमिकों को काम मिलेगा। कर्मचारियों को राहत देते हुए अब अगले तीन माह तक पीएफ में अंशदान का भुगतान सरकार करेगी, जिसपर 2500 करोड़ का खर्च आएगा। स्वास्थ्य क्षेत्र में सार्वजनिक व्यय को बढ़ाने से स्वास्थ्यगत ढांचा मजूबत होगा। हेल्थ एवं वेलनेस सेंटरों में सुविधाएं बढेंगी। जिला और ब्लाॅक स्तर पर संक्रामक रोग अस्पताल और पब्लिक हेल्थ लैब की स्थापना से हेल्थ सिस्टम का गांवों तक विस्तार होगा। राज्यों के लिए उधार की सीमा को जीएसडीपी के 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 5 प्रतिशत किया गया है। इससे राज्यों को वित्तीय संसाधन जुटाने में मदद मिलेगी।
केंद्र सरकार ने किसानों के हित में 14 फसलों की एमएसपी में बढ़ोतरी की है। किसानों के उत्पादों की मार्केटिंग के लिए व्यवस्था की गई है। लाॅकडाउन के दौरान भी किसान काम करते रहें, इसके लिए केंद्र सरकार ने उनकी हर जरूरत का ध्यान रखा। लाॅकडाउन में पीएम किसान फंड में 18700 करोड़ और पीएम फसल बीमा के लाभार्थियों को 6400 करोड़ रूपए ट्रांसफर किए गए। पीएम मत्स्य सम्पदा योजना में 20 हजार करोड़ का प्रावधान है। कृषि का आधारभूत ढांचा बनाने के लिए 1 लाख करोड़ की योजना लाई गई है। 3 करोड़ छोटे व सीमांत किसानों को लाभ देने के लिए 30 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है।
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