उत्तराखंड की ये वैज्ञानिक अपने वेतन का पांच प्रतिशत हिस्सा रिटायर होने तक भेजेंगी भारतीय सेना के खाते में
भारत की सेनाएं सीमा पर पराक्रम का प्रदर्शन करती हैं और पराक्रम की ये ताकत हमारी सेनाओं को मिलती है हमारे देशवासियों से । जनता का प्रोत्साहन और विश्वास फौज के हर जवान को और मजबूत बनाता है । देशभक्ति और सेनाओं के प्रति अपने समर्थन और प्रेम को दिखाते हुए उत्तराखंड के एक नामी विश्वविद्यालय की प्रोफेसर ने अब अपने रिटायरमेंट तक अपने वेतन का पांच फीसदी हिस्सा भारतीय सेना के खाते में भेजने का फैसला किया है, ये प्रेरणा उन्हें अपने एक सहयोगी से मिली ।
हम बात कर रहे हैं पंतनगर विश्वविद्यालय की एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर रुचिरा तिवाड़ी की । रुचिरा ने अपने एक सहयोगी रजनीश पांडे से प्रेरित होकर ये फैसला लिया है । रजनीश पांडे पंतनगर विस्वविद्यालय में कुक्कुट फार्म के भंडारक हैं, उन्होंने अपने वेतन का एक फीसदी धन भारतीय सेना को भेजने का फैसला किया है ।
रुचिरा ने पंतनगर विश्वविद्यालय से ही पढ़ाई की है और विदेश में कुछ समय नौकरी करने के बाद उन्होंने यहां कीटविज्ञान विभाग में प्रोफेसर पद पर काम करना शुरू किया । कीटों खासकर मधुमक्खियों को लेकर रुचिरा ने काफी शोध किये हैं, मधुमक्खी पालन में गोमूत्र के प्रयोग को लेकर उनके शोध को काफी प्रसिद्धि भी मिली है ।
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Mirror News