उत्तराखंड : टिहरी झील किनारे रैबार सम्मेलन आयोजित, राज्य की प्रतिभाएं एक मंच पर
उत्तराखंड में आज रैबार सम्मेलन का आयोजन हो रहा है, 9 नवंबर को उत्तराखंड का स्थापना दिवस होने के कारण त्रिवेंद्र रावत सरकार इस बार राज्य स्थापना सप्ताह का आयोजन कर रही है, इस आयोजन के तहत राज्य के विभिन्न हिस्सों में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना है। ये कार्यक्रम आज 3 नवंबर से शुरू होकर 9 नवंबर तक चलेंगे। कार्यक्रम के प्रथम दिन आज टिहरी झील के किनारे रैबार सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें उत्तराखंड की कई प्रतिभाओं ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम में पहुंचे आर्मी चीफ जरनल विपिन रावत ने कहा कि, उत्तराखंड दुनिया का स्वर्ग है। चीन सीमा से सटे होने के कारण उत्तराखंड संवेदनशील राज्य है। बॉर्डर पर सेना एयर कनेक्टिविटी, यातायात और संचार सुविधा बढ़ाने का लगातार कार्य कर रही है। इसे और बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा। इस दौरान उन्होंने युद्ध मे शहीद हुए 30 सैनिको के परिजनों को सम्मानित किया। इस मौके पर सीएम त्रिवेन्द्र ने जहां सरकार की उपलब्धियों को गिनाया, वहीं भावी विकास के ब्लूप्रिंट को जनता के सामने रखा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हमें ऑर्गैनिक स्टेट बनने का जो संकल्प दिया है उसे हमें पूरा करना है। हमने प्रदेश में 1000 जैविक क्लस्टर बनाये हैं। फसलों/फलों/सब्जियों/दालों/मसाले/शहद/मछली आदि के क्लस्टर बने हैं। जिससे महिलाओं व किसानों को सीधा फायदा मिल रहा है। पिरूल हमारे लिए अभिशाप था, अब उससे बिजली बन रही है, पिरूल कलेक्शन से महिलाओं की आजीविका सुधर रही है। हमने सोलर पॉलिसी लागू की जिससे पहाडों में सोलर प्लांट लगाना आसान हुआ। एरोमैटिक खेती से किसान आमदनी कर रहे हैं। इन क्षेत्रों में प्रवासी उत्तराखंडी बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने पर्यटन नीति लागू की जिससे राज्य में टूरिज्म को नई गति मिली है। आज ये टिहरी झील दुनिया के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनी है। हर जिले में एक नया डेस्टिनेशन विकसित हो रहा है। उत्तराखंड फिल्मकारों के लिए शूटिंग का बेस्ट डेस्टिनेशन बन रहा है।
वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि रैबार सम्मेलन टिहरी झील को विश्वस्तर पर नए साहसिक पर्यटन स्थल के रूप में पहचान दिलाने में मील का पत्थर साबित होगा। इससे पर्यटन के साथ ही पलायन को रोकने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड और यूपी अपने 17 साल पुराने मुद्दे जल्द सुलझाएंगे।उन्होंने कहा कि पहाड़ के लोग अपनी जड़ से जुड़ें। जननी और जन्मभूमि का कोई विकल्प नहीं होता है। उत्तराखंड सोलर पावर का हब बन सकता है।
यहां आने वाले मुख्य लोगों में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के साथ, थल सेना प्रमुख बिपिन रावत, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, हंस फाउंडेशन की संस्थापक माता श्री मंगला समेत कई गणमान्य मौजूद थे। ये कार्यक्रम टिहरी झील किनारे कोटी कालोनी मेें हुआ। रैबार-2 आवा आपणा घौर सम्मेलन के माध्यम से यहां पर स्वरोजगार, पर्यटन को बढ़ावा देने और पलायन का हल निकालने के लिए उत्तराखंड के रहने वाले विभिन्न गणमान्य लोग अपने विचार व्यक्त कर रहे थे।
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