नंदा देवी पर्वत पर चढ़े 8 पर्वतारोहियों का अभी कोई सुराग नहीं, 4 लोगों को आधार कैंप से बचाया गया
उत्तराखंड की नंदा देवी ईस्ट चोटी को फतह करने निकले एक भारतीय सहित आठ विदेशी पर्यटकों का अभी तक कुछ भी पता नहीं लग पाया है । आईटीबीपी और एसडीआरएफ के बचाव दल नंदा देवी पर्वत के बेस कैंप में पहुंच चुके हैं और इन पर्वतारोहियों का पता लगाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं ।इस सब के बीच बचाव दलों ने बेस कैंप में मौजूद चार विदेशी पर्वतारोहियों को बचाने में सफलता हासिल कर ली है, इन चारों पर्वतारोहियों को बेस कैंप से वायुसेना के हेलीकॉप्टर के जरिए पिथौरागढ़ लाया गया है जहां उनका पिथौरागढ़ जिला अस्पताल में मेडिकल परीक्षण कराने के बाद उन्हें उनके देशों को भेजने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है ।
बेस कैंप में सबसे पहले आइटीबीपी का बचाव दल पहुंचा था, जिसने वहां मौजूद इन 4 पर्वतारोहियों को सकुशल निकाला।
लेकिन अभी नंदा देवी पर्वत पर चढ़े एक भारतीय सहित आठ विदेशी पर्वतारोहियों का कुछ पता नहीं चल पाया है, ये पर्वतारोही 13 मई को मुनस्यारी से नंदा देवी ईस्ट, जो 7434 मीटर ऊंची चोटी है, को फतह करने निकले थे ।
ये अभियान मैसर्स हिमालयन रन एवं ट्रेक लिमिटेड नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित है, इस पर्वतारोहण अभियान टीम लीटर इंग्लैंड के मार्टिन मैक्रन हैं। दल में जॉन मैक्लान, रूपर्ट ह्रवेल, रिचर्ड पायने निवासी ब्रिटेन से, रूथ मैक्क्रेन निवासी आस्ट्रेलिया, एंथोनी सूडेकम, रोनाल्ट बरमेल निवासी यूएसए हैं । दल में भारतीय पर्वतारोहण संस्थान के लाइजन आफिसर चेतन पांडेय भी शामिल हैं। ये दल जब लापता हुआ तब ये 6000 मीटर की ऊचाई पर थे !
नंदादेवी ईस्ट पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी से 90 किलोमीटर दूर बर्फ से ढका एक पर्वत है, जिसे आरोहण के नजरिये से काफी कठिन माना जाता है । स्थानीय पोर्टरों का कहना है कि जिस दिन पर्वतारोही लापता हो गए थे, उस दिन नंदा देवी पर्वत पर भारी हिमस्खलन हुआ था, ऐसे में पर्वतारोहियों की स्थिति को लेकर संशय बना हुआ है। पोर्टरों से मिली जानकारी के अनुसार 3 पर्वतारोही बेस कैंप-2 में सुरक्षित हैं, जबकि 5 के चढ़ाई के दौरान हिमस्खलन की चपेट में आने की आशंका है, हालांकि इस जानकारी की अभी कोई पुष्टि नहीं हो पाई है।
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