Uttarakhand कर्मचारियों का वेतन काटने पर हाई कोर्ट का सरकार से सवाल, शुक्रवार तक मांगा जवाब
उत्तराखंड में कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत फरवरी 2021 तक राज्य सरकार के कर्मचारियों का हर महीने 1 दिन का वेतन काटने के आदेश पर नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा है कि किस आधार पर कर्मचारियों का हर महीने 1 दिन का वेतन काटने का शासनादेश जारी किया गया, दरअसल कोर्ट में राज्य सरकार के एक कर्मचारी की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई चल रही थी। कोर्ट ने राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए शुक्रवार तक का समय दिया है।
दरअसल देहरादून के दीपक बेनीवाल और अन्य की याचिका पर न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की खंडपीठ में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई हुई, इसमें याचिकाकर्ताओं के वकील की ओर से कहा गया कि सरकार को कर्मचारियों का 1 दिन का वेतन काटने का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि वेतन किसी भी कर्मचारी की निजी संपत्ति है। याचिका में याचिकाकर्ताओं के द्वारा राज्य के वित्त सचिव की ओर से 1 दिन के वेतन काटने के शासनादेश को चुनौती दी गई है।
अदालत की ओर से इस पर सरकार को नोटिस जारी कर 2 दिन के अंदर जवाब मांगा गया है, सरकार से पूछा गया है कि उसने किस अधिकार के तहत इस तरह का शासनादेश जारी किया, दरअसल राज्य सरकार कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत फरवरी 2021 तक राज्य सरकार के कर्मचारियों का 1 दिन का वेतन काट रही है, जिसे मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा किया जाना है, ये फैसला राज्य के करीब 2 लाख कर्मचारियों पर लागू है।
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