स्वतंत्रता दिवस: शहीद मेजर विभूति ढौंडियाल को शौर्य चक्र, शहीद चित्रेश बिष्ट को मिला सेना मेडल
इसी साल फरवरी में देश के लिए शहीद हुए मेजर विभूति शंकर ढोंडियाल और मेजर चित्रेश बिष्ट को देश ने उनके अदम्य साहस और बलिदान के लिए वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया है। उत्तराखंड निवासी इन दोनों सैन्य अधिकारियों को स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर घोषित वीरताता पुरस्कार में शामिल किया गया है। शहीद मेजर विभूति शंकर ढोंडियाल को शौर्य चक्र और मेजर चित्रेश बिष्ट की घोषणा सेना मेडल के लिए हुई है दोनों को यह सम्मान मरणोपरांत दिया जाएगा।
शहीद मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल देहरादून के नेशविला रोड (डंगवाल मार्ग) के रहने वाले थे। 14 फरवरी को आतंकवादियों ने पुलवामा में सीआरपीएफ की बस पर हमला किया था, इसमें 40 के करीब सीआरपीएफ के जवान शहीद हो गए थे। 18 फरवरी को मेजर ढोंडियाल और उनकी टीम ने पुलवामा हमले में शामिल कुछ आतंकवादियों को घेर लिया, इस मुठभेड़ में मेजर ढोंडियाल शहीद हो गए और दो खूंखार जैश के आतंकी भी मारे गए।
मूल रूप से अल्मोड़ा के रहने वाले शहीद मेजर त्रितेश बिष्ट दून के ओल्ड नेहरू कालोनी के रहने वाले थे। बीती 16 फरवरी को राजौरी के नौशेरा सेक्टर में हुए आइईडी ब्लास्ट में वह शहीद हो गए थे। इस इलाके में आतंकवादियों ने बारूदी सुरंग लगा रखी थी, मेजर चित्रेश बिष्ट जो सेना की इंजीनियरिंग कोर में तैनात थे, बारूदी सुरंगों को डिफ्यूज करने में उनको महारत हासिल थी, ऐसी ही एक आईईडी को डिफ्यूज करते वक्त वह शहीद हो गए।
राज्य के इन दोनों सैन्य अधिकारियों ने देश सेवा के लिए भारतीय सेना की सर्वोच्च बलिदान की परंपरा को जिंदा रखा और आज देश के द्वारा इन दोनों सैनिकों के अदम्य साहस और बलिदान को सम्मानित करने पर पूरा राज्य गौरवान्वित महसूस कर रहा है।
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