Uttarakhand कोरोना को हराने के बाद युवती बोली, घबराएं नहीं आत्मशक्ति पर भरोसा करें
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ( AIIMS) एम्स ऋषिकेश में मरीजों का इलाज करते वक्त कोविड-19 से संक्रमित हुई संस्थान की महिला इंटर्न चिकित्सक अब कोरोनावायरस संक्रमण से पूरी तरह ठीक हो चुकी हैं। शुक्रवार को उन्हें एम्स ऋषिकेश से डिस्चार्ज कर दिया गया, इस मौके पर एम्स के चिकित्सक और स्टाफ ने उन्हें गुलदस्ता देकर अस्पताल के चिकित्सा कक्ष से विदा किया।
इस मौके पर स्वस्थ हो चुकी महिला चिकित्सक ने कहा कोरोना से घबराने की कोई जरूरत नहीं बल्कि अपनी आत्मशक्ति पर विश्वास करने की जरूरत है। जिससे कि हम इस बीमारी से लड़ सकते हैं, उनका कहना है कि किसी को भी इस बीमारी से डरने की जरूरत नहीं है, यह केवल आंशिकरूप से होती है, कुछ मामलों में यह बीमारी थोड़ी बड़ी होती है, परंतु देखरेख से इसको नियंत्रित किया जा सकता है, लिहाजा अपना ध्यान रखें और इस समय में बहुत ही शालीनता के साथ अपना जीवनयापन करें।
वहीं निदेशक एम्स प्रो. रवि कांत ने बताया कि कोरोना की लड़ाई में हम लोग लगातार जीत हासिल कर रहे हैं। यदि मरीज की स्थिति पहले से अत्यधिक नाजुक नहीं है अथवा वह किसी अन्य गंभीर बीमारी का शिकार नहीं है तो एम्स ऋषिकेश विश्वास दिलाता है कि हम प्रत्येक मरीज को अपने यहां से स्वस्थ करके घर भेजेंगे। निदेशक एम्स ने कहा कि लोगों को कोरोना से डरने की नहीं सावधान रहने व बचने की जरुरत है। उन्होंने बताया कि एम्स संस्थान पूरे उत्तराखंड की 24 घंटे चिकित्सा सेवा को लेकर संकल्पबद्ध है,हम वायदा करते हैं कि मरीज को जो उपचार देश के अन्य बड़े चिकित्सालयों व विदेशों में मिल रहा है वह एम्स ऋषिकेश उपलब्ध कराएगा।
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