स्टिंग केस में CBI के शिकंजे में हरीश रावत, हाई कोर्ट ने FIR दर्ज करने की इजाजत दी
विधायकों के खरीद-फरोख्त के आरोप में नैनीताल उच्च न्यायालय ने सीबीआई को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करने की इजाजत दे दी है। सोमवार को इस मामले पर लंबी चली सुनवाई के बाद अदालत की ओर से ये आदेश दिए गए ।
वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की एकलपीठ ने सीबीआइ को केस दर्ज करने की अनुमति दी है। कोर्ट ने पूर्व सीएम रावत को अंतिम आदेश तक गिरफ्तार नहीं करने के आदेश भी एजेंसी को दिये। कोर्ट ने कहा कि यदि तत्कालीन राज्यपाल का आदेश अवैध साबित होता है तो सीबीआइ जांच का भी कोई अर्थ नहीं रह जाएगा।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की ओर से वरिष्ठ कांग्रेस नेता और अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने दलील दी, सिब्बल ने कहा कि जिस वक्त यह खरीद-फरोख्त का आरोप वाला स्टिंग सामने आया था, उसके बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा जिसको अदालत ने अपने आदेश से हटा दिया था। सीबीआई जांच का आदेश राष्ट्रपति शासन के वक्त ही दिया गया, बाद में हरीश रावत की सरकार दोबारा बहाल हो गई और उसने जांच के लिए एसआईटी गठित की, इसलिए सीबीआई जांच का सवाल नहीं होता।
वहीं सीबीआई की ओर से दलील देते हुए राकेश थपलियाल, असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि किसी भी मामले में आरोपी को जांच एजेंसी तय करने का अधिकार नहीं होता, मामले में अगली सुनवाई अब पहली नवंबर को होगी।
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