उत्तराखंड के स्कूल, कॉलेज और मेडिकल कॉलेजों के लिए ESIC पंजीयन जरूरी, नहीं करने पर होगी कड़ी कार्रवाई
उत्तराखंड के स्कूल, कॉलेज और मेडिकल कॉलेजों के लिए अब ईएसआईसी पंजीयन जरूरी होगा, ऐसा नहीं करने पर इनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। यहां तक कि राज्य सरकार ऐसा नहीं करने पर ऐसे स्कूल, कॉलेज और मेडिकल कॉलेजों का लाइसेंस भी रद्द करने के बारे में विचार कर रही है।
कर्मचारी राज्य बीमा निगम की क्षेत्रीय बैठक में श्रम मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि स्कूल, कॉलेज, मेडिकल कॉलेज में 10 से ज्यादा कर्मी काम करते हैं, लेकिन वे कभी भी ईएसआइसी में पंजीयन नहीं कराते हैं। इससे स्कूल, कॉलेज में कार्यरत कर्मी ईएसआइसी सुविधा से वंचित रहते हैं। उन्होंने कहा कि अब हर स्कूल, कॉलेज, मेडिकल कॉलेज को ईएसआइसी में पंजीयन कराना जरूरी है। यदि कोई संस्थान नहीं कराता है तो स्कूल को राज्य सरकार से मिलने वाला अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं मिलेगा। इसके साथ ही राज्य सरकार ऐसा नहीं करने वाले स्कूल, कॉलेज और मेडिकल कॉलेजों को मान्यता देने वाले बोर्ड के साथ विचार विमर्श कर ऐसे स्कूल, कॉलेज और मेडिकल कॉलेजों की मान्यता भी समाप्त करने के बारे में सोच रही है।
श्रम मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि सरकारी विभागों या कहीं भी आउटसोर्स कर्मचारी देने वाली संस्थाओं को भी अब ईएसआइसी में पंजीयन कराना जरूरी होगा। वहीं फैसला हुआ है कि कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के तहत पंजीकृत श्रमिकों और उनके परिजनों को आपात स्थिति में इलाज से पहले कोई भी अस्पताल तत्काल कागजात की डिमांड नहीं कर सकेगा। रोगी अथवा उसके परिजनों को इस औपचारिकता को पूरा करने के लिए 72 घंटे का समय मिलेगा।
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