जमरानी बांध को मिली केंद्र से पर्यावरणीय स्वीकृति, नैनीताल, उधमसिंहनगर सहित यूपी को भी होगा फायदा
उत्तराखंड सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना जमरानी बहुद्देशीय बांध के निर्माण में आ रही सभी बाधाएं अब खत्म हो गई हैं। मंगलवार को इस परियोजना को केंद्र सरकार ने पर्यावरणीय स्वीकृति जारी कर दी। वन भूमि हस्तांतरण के दूसरे चरण (स्टेज -2) की स्वीकृति पहले ही मिल चुकी है। इसके तहत प्रदेश सरकार 89 करोड़ रुपये भी जारी कर चुकी है।
परियोजना पूरी होने पर इससे कुमाऊं के हल्द्वानी को पेयजल मिल सकेगा। इसके साथ ही सिंचाई के लिए उत्तर प्रदेश और हल्द्वानी के आसपास के क्षेत्रों को पानी मिलेगा। इसमें बिजली का उत्पादन भी होगा। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने केंद्र की ओर से पर्यावरणीय स्वीकृति मिलने पर खुशी जताते हुए बताया कि ” जामरानी बांध को एन्वायरमेंटल क्लीयरेंस मिलने के साथ तराई क्षेत्र का 40 साल का लंबा इंतज़ार ख़त्म हुआ है। जामरानी बांध का सपना जल्द साकार होगा, बांध बनने से ऊधमसिंह नगर व नैनीताल को ग्रेविटी आधारित पेयजल व सिंचाई के लिए पानी मिल सकेगा।”
आपको बता दें कि लंबे जन आंदोलन के बाद सन 1975 में केंद्रीय जल आयोग की ओर से जमरानी बांध परियोजना को मंजूरी मिली थी, उसके बाद गोला नदी और उसके आसपास में कुछ छोटे-मोटे काम भी हुए और 1984 में इस परियोजना को केंद्र सरकार की पर्यावरणीय मंजूरी के लिए भेजा गया, आज लगभग 28 साल बाद इस परियोजना को केंद्र सरकार की पर्यावरणीय मंजूरी मिली है।
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