कोटद्वार का नाम कण्वनगरी कोटद्वार किया जाएगा : सीएम त्रिवेंद्र रावत
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि कोटद्वार का नाम कण्वनगरी कोटद्वार किया जाएगा। उन्होंने कलाल घाटी का नाम कण्वघाटी रखे जाने की मांग पर कोटद्वार नगर निगम को इसका प्रस्ताव भेजने को कहा। कण्वाश्रम स्थित वैदिक आश्रम गुरुकुल महाविद्यालय के पांच दिवसीय स्वर्ण जयंती समारोह के अवसर पर उन्होंने यह बात कही। यहां सीएम ने विश्व के पहले मुस्लिम योग साधना शिविर का शुभारम्भ करते हुए कहा कि योग हमारे मन, मस्तिष्क और विचारों को इतना ऊंचा उठा देता है कि हम सभी की चिंता करने लगते हैं। योग हमें विश्व कल्याण की ओर ले जाता है।
इस दौरान मुस्लिम समुदाय के सैकड़ों लोगों ने शिविर में प्रतिभाग किया। बुधवार को कोटद्वार पहुंचे सीएम त्रिवेन्द्र रावत ने कहा कि आज चिकित्सा व स्वास्थ्य से जुड़े संस्थानों में योग शिक्षकों की मांग हो रही है। योग हमारे ऋषि मुनियों की सैंकड़ों वर्षों की साधना का परिणाम है। सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामया की परिकल्पना भारतीय संस्कृति की देन है। सब को निरोग बनाने का काम भारत देश कर सकता है। उन्होंने कहा कि योग धर्म और पूजा पद्धति से हटकर है। ये सबको निरोग करने तथा सबको जोड़ने का माध्यम है। सीएम रावत ने वीर भरत स्मारक का भी लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने कोटद्वार के कण्वाश्रम को आईकोनिक डेस्टीनेशन में शामिल किया है। इससे यहां का विकास होगा और पर्यटन गतिविधियां बढ़ेगी।
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