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Uttarakhand Coronavirus मुख्यमंत्री ने माना हालात चुनौतीपूर्ण, हाईकोर्ट ने भी दिया बड़ा आदेश, विपक्ष भी उठा रहा सवाल

Uttarakhand Coronavirus मुख्यमंत्री ने माना हालात चुनौतीपूर्ण, हाईकोर्ट ने भी दिया बड़ा आदेश, विपक्ष भी उठा रहा सवाल

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by May 20, 2020 News

उत्तराखंड में एकाएक कोरोनावायरस संक्रमितों की संख्या बढ़ने के कारण राज्य सरकार काफी चिंतित है, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी हालात चुनौतीपूर्ण बताए हैं। वहीं नैनीताल हाईकोर्ट ने भी इस संबंध में एक बड़ा आदेश जारी किया है। राज्य में कोविड-19 की स्थिति को लेकर एक समीक्षा बैठक के दौरान राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि होम क्वारेंटाईन का उल्लंघन करने वालों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। ग्राम स्तर पर कार्यरत प्रधानों, आशा कार्यकत्रियों, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा की जाने वाली शिकायतों को गम्भीरता से लिया जाए। मुख्यमंत्री, वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से शासन के वरिष्ठ अधिकारियों और जिलाधिकारियों के साथ प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन दिनों में पाॅजिटिव केस पहले की अपेक्षा अधिक बढ़े है, परंतु हमारी तैयारी बेहतर है। पेशेन्ट केयर का हमारा रिकार्ड बेहतर रहा है। अभी तक बेहतर तरीके से जिम्मेदारी का निर्वहन किया है। अब नई चुनौती आई है। इस चुनौती पर व्यावहारिकता और कुशलता के साथ खरा उतरना है। कोरोना से लम्बी लड़ाई है। इसके लिए हमें मनोवैज्ञानिक रूप से भी तैयार रहना है। 

वहीं नैनीताल हाईकोर्ट ने भी उत्तराखंड में एकाएक बढ़े कोरोनावायरस संक्रमण के मामलों पर चिंता जताते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिये कि रेड जोन से उत्तराखंड आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को आवश्यक रूप से बॉर्डर पर संस्थागत क्वारंटीन किया जाए। कोर्ट ने यह भी कहा कि कोरोना टेस्ट भी आवश्यक रूप से हो और इसकी रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद ही उन्हें उनके घर भेजें। 

इस सब के बीच राज्य में विपक्ष सरकार पर ग्राम प्रधानों को गांव में बाहर से आए लोगों को क्वॉरेंटाइन कराने की जिम्मेदारी देने और ग्राम प्रधानों को किसी तरह की आर्थिक मदद नहीं देने का आरोप लगा रहा है। वहीं एक समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों में बनाए जा रहे क्वारेंटाईन सेंटरों की उचित साफ सफाई के लिए ग्राम स्वास्थ्य एवं स्वच्छता समितियों को एनएचएम से 5-5 हजार रूपए दिए जा रहे हैं।  प्रधान, ग्रामीण समाज का महत्वपूर्ण अंग होते हैं। इसे देखते हुए प्रधानों को जिम्मेदारी दी गई है। परंतु इसका मतलब ये नहीं है कि उन्हें अकेले इस काम को देखना है। ग्राम स्तर के प्रशासनिक कर्मचारियों को उनके नेतृत्व में काम करना है। प्रधानों का जो भी व्यय होता है, उसकी प्रतिपूर्ति प्राथमिकता से की जाए। अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित उत्तराखंड के समाचारों का एकमात्र गूगल एप फोलो करने के लिए क्लिक करें…. Mirror Uttarakhand News

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