चारधाम श्राइन बोर्ड पर बढ़ा विरोध, उत्तराखंड सरकार पीछे हटने के मूड में नहीं
चारधाम श्राइन बोर्ड के गठन के फैसले के बाद इसका विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है, चारधाम श्राइन प्रबंधन बोर्ड विधेयक-2019 के कैबिनेट से मंजूरी के बाद तीर्थ पुरोहित प्रदेश में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, देहरादून में बुधवार को विधानसभा सत्र शुरू होने के मौके पर भी प्रदर्शनकारियों ने विधानसभा तक पहुंचने की कोशिश की, जिन्हें पहले ही पुलिस ने रोक लिया। उत्तरकाशी, चमोली और जोशीमठ में तीर्थ पुरोहितों ने सरकार के खिलाफ बुद्धि-शुद्धि यज्ञ किया, देहरादून में भी उत्तराखंड नवनिर्माण सेना के बैनर तले विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं । इन सबका आरोप है कि सरकार तीर्थ पुरोहितों के अधिकार छीनकर अपने एजेंटों को देने की साजिश कर रही है, वहीं एक कार्यक्रम के दौरान उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कह चुके हैं कि सरकार अपने फैसले पर अडिग है ।
दरअसल चार प्रमुख धाम बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री सहित राज्य के 51 मंदिरों में व्यवस्था प्रबंधन के लिए राज्य में कैबिनेट में चारधाम श्राइन प्रबंधन बोर्ड विधेयक-2019 पास किया गया है जिसे विधानसभा के शुरू होने वाले सत्र में सदन में रखा जाएगा, दरअसल सरकार का तर्क है कि चारधाम में इस बार जिस तरह से भारी संख्या में तीर्थयात्री आए हैं, वो भविष्य में बढ़ेंगे, ऐसे में बेहतर सुविधाएं देना सरकार की जिम्मेदारी है और इसके लिए श्राइन बोर्ड का गठन जरूरी है, इसके लिए राज्य सरकार तिरुपति बालाजी। और बैष्णो देवी मंदिर जैसी व्यवस्था का उदाहरण दे रही है। अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित उत्तराखंड के समाचारों का एकमात्र गूगल एप फोलो करने के लिए क्लिक करें….Mirror Uttarakhand News.
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